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पश्चिम बंगाल में बांग्ला डेयरी पर काम इस माह के अंत में शुरू हो जाएगा

पश्चिम बंगाल में बांग्ला डेयरी परियोजना पर काम इस माह के अंत में शुरू हो जाएगा. सीएम ममता बनर्जी का यह ड्रीम प्रोजेक्ट है. पढ़िए पूरी खबर...

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Published : Nov 20, 2021, 7:57 AM IST

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में बांग्ला डेयरी परियोजना पर काम इस माह के अंत में शुरू हो जाएगा. सीएम ममता बनर्जी का यह ड्रीम प्रोजेक्ट है. इस संबंध में राज्य पशु संसाधन विकास विभाग के सूत्रों ने बताया कि यह परियोजना रोजाना 45,000 लीटर दूध के साथ शुरू होगी. इसके बाद दूध की मांग में वृद्धि के आधार पर इसकी मात्रा को बढ़ाकर 80,000 लीटर प्रतिदिन किया जाएगा. इस मामले पर राज्य के पशु संसाधन विभाग मंत्री स्वपन देबनाथ व विभागीय सचिव विवेक कुमार ने बोलने से इनकार कर दिया.

हालांकि, विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि बांग्ला डेयरी 512 रिटेल आउटलेट्स के साथ शुरू होगी. इन आउटलेट्स को मुख्य रूप से कोलकाता के साथ-साथ हावड़ा, हुगली, उत्तर 24 परगना और दक्षिण 24 परगना में खोला जाएगा. उन्होंने बताया कि एक निजी संस्था को बांग्ला डेयरी के प्रचार और ब्रांडिंग का काम सौंपा गया है. इसमें मदर डेयरी की तर्ज पर खुला दूध ही बिकेगा. लेकिन बाद में इस साल दिसंबर में दूध के पाउच भी बेचे जाएंगे.

अधिकारी ने बताया कि पहले से ही मुर्शिदाबाद में भागीरथी, बांकुरा मिदनापुर में कंगशबती और इचामती दुग्ध सहकारी समितियों जैसे विभिन्न दूध निगमों ने प्रस्तावित इकाई को सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए दूध का उत्पादन बढ़ाना शुरू कर दिया है. वहीं राज्य सरकार के सूत्रों ने कहा कि इस परियोजना से बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन होगा.

ये भी पढ़ें - सरकार की पशुओं के खिलाफ क्रूरता के लिए अधिक जुर्माना लगाने की योजना

बता दें कि वर्ष 2015 में, राज्य मंत्रिमंडल ने राज्य की अपनी डेयरी परियोजना के साथ आने का औपचारिक निर्णय लिया था. इसके लिए नई कंपनी का पंजीकरण 2020 में लॉकडाउन चरण से पहले कर लिया गया था. इसके बाद से यह प्रोजेक्ट अचानक ठप हो गया. लेकिन इस साल मई में, तीसरी बार ममता बनर्जी ने राज्य की मुख्यमंत्री बनने के बाद 18 अगस्त 2021 को एक प्रशासनिक बैठक में उन्होंने राज्य पशु संसाधन विकास विभाग के अधिकारियों से बांग्ला डेयरी परियोजना के बारे में जानकारी ली थी.

शुरू में इस परियोजना को अक्टूबर में दुर्गा पूजा उत्सव से पहले लॉन्च करने की बात कही गई. लेकिन परियोजना के लिए दूध की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए परियोजना को तब शुरू नहीं किया जा सका.

राज्य पशु संसाधन विकास विभाग के सूत्रों ने बताया कि परियोजना के लिए दूध की आपूर्ति की जिम्मेदारी वेस्ट बंगाल मिल्क प्रोड्यूसर्स फेडरेशन लिमिटेड की होगी. फेडरेशन वर्तमान में प्रतिदिन 2.50,000 लीटर दूध का उत्पादन करता है. उनके द्वारा उत्पादित पूरा दूध मदर डेयरी को सप्लाई किया जाता है.राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड ने 1978 में मदर डेयरी परियोजना शुरू की थी. बाद में बोर्ड इस परियोजना से हट गया और इसे राज्य सरकार को सौंपना चाहता था. यद्यपि दिल्ली सरकार ने वहां इस परियोजना को अपने हाथ में ले लिया, लेकिन तत्कालीन पश्चिम बंगाल सरकार इसके लिए इच्छुक नहीं थी. इसके बजाय वेस्ट बंगाल मिल्क प्रोड्यूसर्स फेडरेशन लिमिटेड के एक प्रतिनिधि को मदर डेयरी के निदेशक मंडल के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया था. हालांकि इस बार इस प्रोजेक्ट को बांग्ला डेयरी के नाम से लॉन्च किया जाएगा.

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में बांग्ला डेयरी परियोजना पर काम इस माह के अंत में शुरू हो जाएगा. सीएम ममता बनर्जी का यह ड्रीम प्रोजेक्ट है. इस संबंध में राज्य पशु संसाधन विकास विभाग के सूत्रों ने बताया कि यह परियोजना रोजाना 45,000 लीटर दूध के साथ शुरू होगी. इसके बाद दूध की मांग में वृद्धि के आधार पर इसकी मात्रा को बढ़ाकर 80,000 लीटर प्रतिदिन किया जाएगा. इस मामले पर राज्य के पशु संसाधन विभाग मंत्री स्वपन देबनाथ व विभागीय सचिव विवेक कुमार ने बोलने से इनकार कर दिया.

हालांकि, विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि बांग्ला डेयरी 512 रिटेल आउटलेट्स के साथ शुरू होगी. इन आउटलेट्स को मुख्य रूप से कोलकाता के साथ-साथ हावड़ा, हुगली, उत्तर 24 परगना और दक्षिण 24 परगना में खोला जाएगा. उन्होंने बताया कि एक निजी संस्था को बांग्ला डेयरी के प्रचार और ब्रांडिंग का काम सौंपा गया है. इसमें मदर डेयरी की तर्ज पर खुला दूध ही बिकेगा. लेकिन बाद में इस साल दिसंबर में दूध के पाउच भी बेचे जाएंगे.

अधिकारी ने बताया कि पहले से ही मुर्शिदाबाद में भागीरथी, बांकुरा मिदनापुर में कंगशबती और इचामती दुग्ध सहकारी समितियों जैसे विभिन्न दूध निगमों ने प्रस्तावित इकाई को सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए दूध का उत्पादन बढ़ाना शुरू कर दिया है. वहीं राज्य सरकार के सूत्रों ने कहा कि इस परियोजना से बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन होगा.

ये भी पढ़ें - सरकार की पशुओं के खिलाफ क्रूरता के लिए अधिक जुर्माना लगाने की योजना

बता दें कि वर्ष 2015 में, राज्य मंत्रिमंडल ने राज्य की अपनी डेयरी परियोजना के साथ आने का औपचारिक निर्णय लिया था. इसके लिए नई कंपनी का पंजीकरण 2020 में लॉकडाउन चरण से पहले कर लिया गया था. इसके बाद से यह प्रोजेक्ट अचानक ठप हो गया. लेकिन इस साल मई में, तीसरी बार ममता बनर्जी ने राज्य की मुख्यमंत्री बनने के बाद 18 अगस्त 2021 को एक प्रशासनिक बैठक में उन्होंने राज्य पशु संसाधन विकास विभाग के अधिकारियों से बांग्ला डेयरी परियोजना के बारे में जानकारी ली थी.

शुरू में इस परियोजना को अक्टूबर में दुर्गा पूजा उत्सव से पहले लॉन्च करने की बात कही गई. लेकिन परियोजना के लिए दूध की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए परियोजना को तब शुरू नहीं किया जा सका.

राज्य पशु संसाधन विकास विभाग के सूत्रों ने बताया कि परियोजना के लिए दूध की आपूर्ति की जिम्मेदारी वेस्ट बंगाल मिल्क प्रोड्यूसर्स फेडरेशन लिमिटेड की होगी. फेडरेशन वर्तमान में प्रतिदिन 2.50,000 लीटर दूध का उत्पादन करता है. उनके द्वारा उत्पादित पूरा दूध मदर डेयरी को सप्लाई किया जाता है.राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड ने 1978 में मदर डेयरी परियोजना शुरू की थी. बाद में बोर्ड इस परियोजना से हट गया और इसे राज्य सरकार को सौंपना चाहता था. यद्यपि दिल्ली सरकार ने वहां इस परियोजना को अपने हाथ में ले लिया, लेकिन तत्कालीन पश्चिम बंगाल सरकार इसके लिए इच्छुक नहीं थी. इसके बजाय वेस्ट बंगाल मिल्क प्रोड्यूसर्स फेडरेशन लिमिटेड के एक प्रतिनिधि को मदर डेयरी के निदेशक मंडल के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया था. हालांकि इस बार इस प्रोजेक्ट को बांग्ला डेयरी के नाम से लॉन्च किया जाएगा.

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