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ममता की आपत्ति के बावजूद राज्यपाल ने मनाया बंगाल का स्थापना दिवस - WB Foundation Day

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस को पत्र लिखकर निवेदन किया था कि मंगलवार को राज्य का स्थापना दिवस न मनाएं. हालांकि, राज्यपाल ने सीएम के पत्र की अनदेखी करते हुए आज राजभवन में स्थापना दिवस मनाया.

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Published : Jun 20, 2023, 1:51 PM IST

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आपत्तियों के बावजूद राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने मंगलवार को यहां राज भवन में राज्य का 'स्थापना दिवस' समारोह आयोजित किया. बोस ने इस अवसर पर हिंसा को कतई बर्दाश्त नहीं करने की बात कही और आम जनता के स्वतंत्रता से मतदान करने के अधिकार पर जोर दिया. उन्होंने कहा, "मैं लोगों की भलाई और कल्याण के लिए समर्पित हूं. बंगाल में अपार संभावनाएं हैं और यह प्रतिभाओं से भरा हुआ है."

समारोह में राज्य सरकार का कोई प्रतिनिधि शामिल नहीं हुआ. इसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये गये. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी सोमवार को पश्चिम बंगाल की जनता को राज्य के स्थापना दिवस के अवसर पर बधाई दी थी. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार रात राज्यपाल बोस को पत्र लिखकर राज्य का स्थापना दिवस आयोजित करने के उनके फैसले को 'एकतरफा' बताया और हैरानी जताते हुए कहा कि राज्य की स्थापना किसी विशेष दिन नहीं हुई थी और कम से कम किसी भी 20 जून को तो नहीं. उन्होंने पत्र में लिखा कि देश के विभाजन के समय लाखों लोग अपनी जड़ों से अलग हो गये थे और बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई तथा परिवार विस्थापित हुए.

पढ़ें : पश्चिम बंगाल के स्थापना दिवस को लेकर राज्यपाल की घोषणा से ममता 'हैरान'

बता दें कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यपाल बोस को पत्र लिखकर आज राज्य का स्थापना दिवस मनाने के उनके 'एकतरफा' फैसले पर 'हैरानी' जताई थी. बनर्जी ने कहा कि विभाजन का दर्द और सदमा ऐसा था कि राज्य के लोगों ने भारत की आजादी के बाद से कभी भी किसी भी दिन को स्थापना दिवस के रूप में नहीं मनाया. मुख्यमंत्री ने सोमवार को राज्यपाल को लिखे अपने पत्र में कहा, "मैं यह जानकर स्तब्ध और हैरान हूं कि आपने 20 जून को कोलकाता के राजभवन में एक कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया है, जिसे आपने विशेष रूप से 'पश्चिम बंगाल राज्य स्थापना दिवस' के रूप में वर्णित करने के लिए चुना है."

(पीटीआई-भाषा)

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आपत्तियों के बावजूद राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने मंगलवार को यहां राज भवन में राज्य का 'स्थापना दिवस' समारोह आयोजित किया. बोस ने इस अवसर पर हिंसा को कतई बर्दाश्त नहीं करने की बात कही और आम जनता के स्वतंत्रता से मतदान करने के अधिकार पर जोर दिया. उन्होंने कहा, "मैं लोगों की भलाई और कल्याण के लिए समर्पित हूं. बंगाल में अपार संभावनाएं हैं और यह प्रतिभाओं से भरा हुआ है."

समारोह में राज्य सरकार का कोई प्रतिनिधि शामिल नहीं हुआ. इसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये गये. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी सोमवार को पश्चिम बंगाल की जनता को राज्य के स्थापना दिवस के अवसर पर बधाई दी थी. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार रात राज्यपाल बोस को पत्र लिखकर राज्य का स्थापना दिवस आयोजित करने के उनके फैसले को 'एकतरफा' बताया और हैरानी जताते हुए कहा कि राज्य की स्थापना किसी विशेष दिन नहीं हुई थी और कम से कम किसी भी 20 जून को तो नहीं. उन्होंने पत्र में लिखा कि देश के विभाजन के समय लाखों लोग अपनी जड़ों से अलग हो गये थे और बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई तथा परिवार विस्थापित हुए.

पढ़ें : पश्चिम बंगाल के स्थापना दिवस को लेकर राज्यपाल की घोषणा से ममता 'हैरान'

बता दें कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यपाल बोस को पत्र लिखकर आज राज्य का स्थापना दिवस मनाने के उनके 'एकतरफा' फैसले पर 'हैरानी' जताई थी. बनर्जी ने कहा कि विभाजन का दर्द और सदमा ऐसा था कि राज्य के लोगों ने भारत की आजादी के बाद से कभी भी किसी भी दिन को स्थापना दिवस के रूप में नहीं मनाया. मुख्यमंत्री ने सोमवार को राज्यपाल को लिखे अपने पत्र में कहा, "मैं यह जानकर स्तब्ध और हैरान हूं कि आपने 20 जून को कोलकाता के राजभवन में एक कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया है, जिसे आपने विशेष रूप से 'पश्चिम बंगाल राज्य स्थापना दिवस' के रूप में वर्णित करने के लिए चुना है."

(पीटीआई-भाषा)

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