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प. बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय पहुंचे हाईकोर्ट, केंद्र के फैसले को दी चुनौती - mamata alpan bandopadhyay yaas cyclone pm modi meeting

पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कैट के दिल्ली स्थित प्रिंसिपल बेंच के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें कैट के कोलकाता बेंच से केस प्रिंसिपल बेंच को ट्रांसफर करने का आदेश दिया गया है. अलपन उस वक्त सुर्खियों में आ गए थे, जब पीएम द्वारा यास चक्रवात को लेकर बुलाई गई बैठक में उन्होंने हिस्सा नहीं लिया था. अब वह रिटायर हो चुके हैं.

alpan bandyopadhyay
प. बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय
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Published : Jan 17, 2022, 5:30 PM IST

नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय की याचिका को कैट की प्रिंसिपल बेंच को ट्रांसफर करने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट 24 जनवरी को सुनवाई करेगा. जस्टिस योगेश खन्ना की बेंच ने ये आदेश जारी किया. अलपन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कैट के दिल्ली स्थित प्रिंसिपल बेंच के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें कैट के कोलकाता बेंच से केस प्रिंसिपल बेंच को ट्रांसफर करने का आदेश दिया गया है. अलपन बंदोपाध्याय की ओर से वकील कुणाल मीमाणी ने कहा प्रिंसिपल बेंच का आदेश नैसर्गिक न्याय के खिलाफ है. बंदोपाध्याय को ट्रांसफर पिटीशन पर अपनी बात रखने का मौका भी नहीं दिया गया.

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में 28 मई 2021 को चक्रवात यास को लेकर हुई बैठक में बंगाल के मुख्य सचिव रहते हुए अलपन के शामिल नहीं होने पर केंद्र सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी. अलपन को दिल्ली रिपोर्ट करने का आदेश दिया गया था. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें रिलीव करने से इनकार कर दिया था. इस बीच 31 मई को बंदोपाध्याय रिटायर हो गए, लेकिन केंद्र सरकार ने उनके खिलाफ कार्रवाई जारी रखी ताकि उन्हें रिटायरमेंट से जुड़े लाभ नहीं मिल पाएं.

बंदोपाध्याय ने केंद्र की कार्रवाई को कैट की कोलकाता बेंच में चुनौती दी थी, लेकिन केंद्र के अनुरोध पर कैट ने 21 अक्टूबर को इस मामले को कैट के दिल्ली स्थित प्रिंसिपल बेंच को ट्रांसफर कर दिया और बंदोपाध्याय को निर्देश दिया गया कि वो प्रिंसिपल बेंच के समक्ष 22 अक्टूबर 2021 को उपस्थित हों.

बंदोपाध्याय ने इस फैसले को कलकत्ता हाईकोर्ट में चुनौती दी. कलकत्ता हाईकोर्ट ने बंदोपाध्याय की याचिका पर केंद्र सरकार पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि केंद्र सरकार की ओर से अपनाई गई पूरी प्रक्रिया से पूर्वाग्रह की बू आ रही है. कलकत्ता हाईकोर्ट ने इसके साथ ही केस को प्रिंसिपल बेंच को ट्रांसफर करने के आदेश को निरस्त कर दिया. हाईकोर्ट के इसी फैसले के खिलाफ केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. सुप्रीम कोर्ट ने पिछली छह जनवरी को कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को निरस्त कर दिया था. अब बंदोपाध्याय ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

ये भी पढ़ें : प. बंगाल की झांकी खारिज, ममता ने पीएम को चिट्ठी लिखकर विरोध जताया

नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय की याचिका को कैट की प्रिंसिपल बेंच को ट्रांसफर करने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट 24 जनवरी को सुनवाई करेगा. जस्टिस योगेश खन्ना की बेंच ने ये आदेश जारी किया. अलपन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कैट के दिल्ली स्थित प्रिंसिपल बेंच के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें कैट के कोलकाता बेंच से केस प्रिंसिपल बेंच को ट्रांसफर करने का आदेश दिया गया है. अलपन बंदोपाध्याय की ओर से वकील कुणाल मीमाणी ने कहा प्रिंसिपल बेंच का आदेश नैसर्गिक न्याय के खिलाफ है. बंदोपाध्याय को ट्रांसफर पिटीशन पर अपनी बात रखने का मौका भी नहीं दिया गया.

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में 28 मई 2021 को चक्रवात यास को लेकर हुई बैठक में बंगाल के मुख्य सचिव रहते हुए अलपन के शामिल नहीं होने पर केंद्र सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी. अलपन को दिल्ली रिपोर्ट करने का आदेश दिया गया था. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें रिलीव करने से इनकार कर दिया था. इस बीच 31 मई को बंदोपाध्याय रिटायर हो गए, लेकिन केंद्र सरकार ने उनके खिलाफ कार्रवाई जारी रखी ताकि उन्हें रिटायरमेंट से जुड़े लाभ नहीं मिल पाएं.

बंदोपाध्याय ने केंद्र की कार्रवाई को कैट की कोलकाता बेंच में चुनौती दी थी, लेकिन केंद्र के अनुरोध पर कैट ने 21 अक्टूबर को इस मामले को कैट के दिल्ली स्थित प्रिंसिपल बेंच को ट्रांसफर कर दिया और बंदोपाध्याय को निर्देश दिया गया कि वो प्रिंसिपल बेंच के समक्ष 22 अक्टूबर 2021 को उपस्थित हों.

बंदोपाध्याय ने इस फैसले को कलकत्ता हाईकोर्ट में चुनौती दी. कलकत्ता हाईकोर्ट ने बंदोपाध्याय की याचिका पर केंद्र सरकार पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि केंद्र सरकार की ओर से अपनाई गई पूरी प्रक्रिया से पूर्वाग्रह की बू आ रही है. कलकत्ता हाईकोर्ट ने इसके साथ ही केस को प्रिंसिपल बेंच को ट्रांसफर करने के आदेश को निरस्त कर दिया. हाईकोर्ट के इसी फैसले के खिलाफ केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. सुप्रीम कोर्ट ने पिछली छह जनवरी को कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को निरस्त कर दिया था. अब बंदोपाध्याय ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

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