जलपाईगुड़ी (पश्चिम बंगाल): सेवा के एक साल के भीतर ही उन्हें हाथियों को खदेड़ने के लिए दलगाव दस्ते में भेज दिया गया. पार्टी के आह्वान से नाराज होकर जलपाईगुड़ी में वन बीट के एक अधिकारी ने गुस्से में तृणमूल कांग्रेस के कर्मचारी संगठन को छोड़ दिया और भाजपा में शामिल हो गए. तृणमूल कांग्रेस अधिक संकट में है, क्योंकि तृणमूल कांग्रेस के पंचायत प्रमुख ने भी भाजपा के प्रति निष्ठा बदल ली है.
जलपाईगुड़ी वन प्रभाग बीट अधिकारी जगन्नाथ साहा जलपाईगुड़ी एमपीपी रेंज में कार्यरत थे. उनकी एक साल की सेवा और थी. लेकिन हाथियों को भगाने के लिए उन्हें हाथी बहुल क्षेत्र में डालगांव दस्ते में भेजा गया. साहा ने ईटीवी भारत को बताया, 'मैं हर सुख-दुख में हमेशा कार्यकर्ताओं के साथ रहा हूं, लेकिन कोई भी मेरे साथ खड़ा नहीं रहा. इसलिए मैं तृणमूल कांग्रेस में नहीं रह सका और बीजेपी में शामिल हो गया.'
पिछले हफ्ते से तृणमूल कांग्रेस बंटी हुई है. पंचायत चुनाव से पहले, बनारहाट ब्लॉक में तृणमूल कांग्रेस प्रमुख कालीपाद रॉय और पंचायत संख्या 2 के एक पंचायत सदस्य सहित लगभग 100 तृणमूल कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हो गए. जिला भाजपा अध्यक्ष बापी गोस्वामी ने कहा कि आने वाले दिनों में और भी हैरानी होगी. तृणमूल कांग्रेस में कोई सज्जन नहीं रह पाएगा. इसलिए सभी एक के बाद एक भाजपा में आ रहे हैं.
कालीपाद राय आम आदमी के हित में और विकास के उद्देश्य से अपने कार्यकर्ताओं के साथ भाजपा में शामिल हुए. इस बीच, शालबाड़ी के तृणमूल कांग्रेस प्रमुख कालीपाद रॉय ने कहा कि वह कई दिनों से तृणमूल में हैं. इतना ही नहीं 2011 से 2020 तक वे क्षेत्रीय अध्यक्ष के पद पर रहे. इसके अलावा, वह धूपगुड़ी ब्लॉक की पंचायत समिति के सदस्य थे. लेकिन फिलहाल पार्टी में जो चल रहा है, उसे देखते हुए फिलहाल कोई भी स्वस्थ्य अवस्था में पार्टी में शामिल नहीं हो सकता है. तो उन्होंने कहा कि वह पार्टी छोड़ रहे हैं.
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उधर, जिला युवा तृणमूल अध्यक्ष सैकत चटर्जी ने कहा कि कालीपाद राय करीब 1 साल से ग्राम पंचायत नहीं गए. चटर्जी ने कहा, 'वह बाटपा के प्रमुख थे. यह हमारी पार्टी के लिए कोई समस्या नहीं होगी.' इस बीच, तृणमूल कांग्रेस राज्य सरकार कर्मचारी महासंघ के जलपाईगुड़ी जिलाध्यक्ष संजय सिंह रॉय ने कहा कि कई भाजपा से निकटता से जुड़े रहे हैं. सिंह ने कहा, 'सब कुछ स्पष्ट हो रहा है. वह जो कर रहे थे, वह अब भी स्पष्ट है.'