सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल): मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का ड्रीम प्रोजेक्ट बंगाल सफारी पार्क बदहाल है. देश के सबसे चहेते पर्यटन केंद्रों में से एक में उपेक्षा और लापरवाही की तस्वीर देखने को मिली है. पिछले सात-आठ महीनों से सफारी पार्क के अधिकारियों पर घोर लापरवाही के आरोप लगते रहे हैं. हाल ही में पार्क अधिकारियों की लापरवाही के कारण ही एक ऑस्ट्रेलियाई कंगारू की मौत हो गई थी.
पार्क के अधिकारी इस बार कई जगहों पर झपकी लेते पकड़े गए. टूटे हुए बाड़े और खराब प्रहरीदुर्ग कुछ नाम हैं. स्थिति इतनी खराब हो गई है कि हिरन टूटे बाड़े से समूहों में निकल रहे हैं. इतना ही नहीं. पार्क प्रशासन की लापरवाही के कारण पिछले दो माह में 27 से अधिक हिरणों की मौत हो चुकी है. साथ ही आरोप है कि पार्क में हिरणों की संख्या घटकर आधी रह गई है. बाड़े के बाहर कैंटीन का कचरा खाते हिरण नजर आए. मामला सामने आते ही पशु प्रेमी संगठनों ने गंभीर चिंता जताई है.
उन्होंने पार्क प्रशासन पर घोर लापरवाही का भी आरोप लगाया. हालांकि, राज्य के वन मंत्री ज्योतिप्रिया मल्लिक ने मामले पर त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया है. सॉलिटरी नेचर एंड एनिमल प्रोटेक्शन फाउंडेशन के संपादक कौस्तव चौधरी ने खेदजनक स्थिति के बारे में शिकायत की. चौधरी ने कहा कि 'बंगाल सफारी पार्क पर कई महीनों से लापरवाही के आरोप लगते रहे हैं. हाल ही में एक कंगारू की मौत हो गई थी. अब हिरणों का बाड़ा टूट चुका है, वाच टावर जर्जर स्थिति में है.'
उन्होंने कहा कि 'अजीब बात यह है कि हिरण निर्दिष्ट बाड़े से बाहर निकल गए हैं और बड़े पैमाने पर हैं. लेकिन पार्क के अधिकारी उदासीन हैं. अगर वे बाहर जाते हैं, तो उन हिरणों को शिकारियों द्वारा मार दिया जाएगा और उनकी तस्करी की जाएगी. इन्हें देखा जाना चाहिए. हम त्वरित कार्रवाई की मांग करते हैं.' सिलीगुड़ी ऑप्टोपिक सोसायटी के अध्यक्ष दीपज्योति चक्रवर्ती ने कहा, 'बंगाल सफारी पार्क न केवल उत्तर बंगाल या राज्य बल्कि पूरे देश में सबसे अच्छे सफारी पार्कों में से एक है.'
उन्होंने कहा कि 'वहां इस तरह की लापरवाही स्वीकार्य नहीं है. हिरण के बाहर निकलने पर अवैध शिकार का खतरा होता है, इसी तरह, पास के महानंदा अभयारण्य में कई तेंदुए हैं. यदि वे अब भोजन की तलाश में हिरणों के बाड़े में प्रवेश करते हैं, तो खतरा है. अधिकारियों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई की जानी चाहिए.' राज्य की वन मंत्री ज्योतिप्रिया मल्लिक ने कहा, 'मामले की जानकारी नहीं थी. मैं अब मामले को देख रहा हूं.'
राज्य चिड़ियाघर प्राधिकरण के सदस्य सचिव सौरव चौधरी ने कहा, 'एक समस्या थी. हम इसे जल्दी से हल कर रहे हैं. मरम्मत और नवीनीकरण का काम भी चल रहा है.' वन विभाग के सूत्रों के अनुसार, 2016 में बंगाल सफारी पार्क के उद्घाटन के दौरान, लगभग 450 चित्तीदार हिरण, भौंकने वाले हिरण, सांभर, हॉग हिरण को शाकाहारी बाड़े में छोड़ा गया था. हिरणों को रायगंज के अदीना पार्क, खड़गपुर के हिजली और शांति निकेतन के बल्लभपुर से बंगाल सफारी पार्क लाया गया था.
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बाद में हिरणों की संख्या बढ़ती गई और लगभग दोगुनी हो गई. नतीजतन, तत्कालीन पार्क अधिकारियों और राज्य के वन विभाग ने 2018-19 में लगभग 50 हिरणों को वहां से स्थानांतरित कर दिया. लेकिन 2022 में हिरणों की संख्या घटकर 250 रह गई.