चेन्नई/अमरावती : चक्रवाती तूफान 'मैंडूस' के तमिलनाडु के तट के करीब पहुंचने के कारण राज्य के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हुई और कुछ स्थानों पर भारी बारिश हुई. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. 'मैंडूस' नौ दिसंबर की रात और 10 दिसंबर की अल सुबह उत्तरी तमिलनाडु और दक्षिणी आंध्र प्रदेश के बीच के तटीय क्षेत्र से होकर गुजरेगा.
चक्रवाती तूफान के कारण राज्य के कई क्षेत्रों में भारी वर्षा हुई. नुंगमबक्कम में रिकॉर्ड सात सेंटीमीटर बारिश हुई जबकि अन्य क्षेत्रों में हल्की से मध्यम स्तर की बारिश हुई. आईएमडी ने कहा कि डॉपलर मौसम रडार चक्रवात की निगरानी कर रहे हैं, जो 24 घंटे से कम समय के लिए एक गंभीर चक्रवाती तूफान के बाद नौ दिसंबर को एक चक्रवाती तूफान के रूप में तब्दील हो गया. यह अब चेन्नई से लगभग 260 किमी दक्षिण-दक्षिण पूर्व और कराईकल से 180 किमी पूर्व-उत्तर पूर्व में स्थित है.
अरबी भाषा का शब्द है मैंडूस : मैंडूस अरबी भाषा का एक शब्द है और इसका अर्थ है खजाने की पेटी (बॉक्स) और यह नाम संयुक्त अरब अमीरात द्वारा चुना गया था.
85 किमी की रफ्तार से चल सकती है हवा : चक्रवाती तूफान के शनिवार की मध्यरात्रि और तड़के उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और उत्तर तमिलनाडु, पुडुचेरी तथा श्रीहरिकोटा के पास ममल्लापुरम व दक्षिणी आंध्र प्रदेश के तटों को पार करने की संभावना है. इस दौरान अधिकतम 65-75 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से लेकर 85 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है.
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खराब मौसम के कारण 9 दिसंबर को चेन्नई हवाई अड्डे पर कई उड़ानें रद्द की गईं: चेन्नई एयरपोर्ट#CycloneMandous pic.twitter.com/aS87ijK4XF
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कई फ्लाइट रद्द, स्कूल बंद : तमिलनाडु में खराब मौसम के कारण शहर से 27 उड़ानें रद्द कर दी गईं. विश्वविद्यालय की परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं और 20 से अधिक जिलों ने शैक्षणिक संस्थानों के लिए शनिवार तक अवकाश बढ़ा दिया है. इस दौरान उपनगरीय सेवाओं सहित ट्रेनों का संचालन किया गया और कई क्षेत्रों में जलभराव के कारण बस सेवाओं में कुछ व्यवधान आया. कई जिलों में स्कूल और कॉलेज बंद रहे. पड़ोसी पुडुचेरी में, क्षेत्रीय प्रशासन ने आईएमडी द्वारा चक्रवात की चेतावनी जारी करने के बाद शुक्रवार और शनिवार को पुडुचेरी और कराईकल क्षेत्रों में सभी स्कूलों और कॉलेजों के लिए अवकाश घोषित किया. उत्तर चेन्नई में एन्नोर से लेकर दक्षिण में थारंगमबाड़ी तक समुद्र तट रेखा पर 15 मीटर तक ऊंची लहरें उठ रही हैं. पुडुचेरी के पड़ोस में तटरेखा के पास 10 से अधिक घर कटाव के कारण ढह गए हैं और मुख्यमंत्री एन रंगासामी ने क्षेत्र का दौरा किया. तमिलनाडु के विल्लुपुरम जिले से भी ऐसे ही मामले सामने आए हैं.
पुडुचेरी के गृह और शिक्षा मंत्री ए नमस्सिवम ने एक विज्ञप्ति में कहा कि सरकार ने आईएमडी द्वारा जारी चेतावनी पर ध्यान दिया है कि बंगाल की खाड़ी में तूफान के प्रभाव में पुडुचेरी और कराईकल क्षेत्रों में एक मजबूत चक्रवात आएगा. उन्होंने कहा कि शुक्रवार से दो दिनों तक सभी स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे. राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग ने राहत कार्यों से संबंधित सभी विभागों को तैयार रहने और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए बचाव दलों को तैनात किया है.
पुडुचेरी बंदरगाह पर एक तूफान चेतावनी संकेत ध्वज संख्या पांच फहराया गया है और मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने के लिए कहा गया है. मौजूदा स्थिति को लेकर पुडुचेरी के मुख्यमंत्री एन रंगासामी ने राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों के साथ चर्चा की.
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Andhra Pradesh | Heavy rain in Tirumala, Tirupati under the influence of cyclone #Mandous pic.twitter.com/zJwth9V72c
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बुलेटिन के अनुसार, इसके पश्चिम-उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ने और नौ दिसंबर को आधी रात के आसपास 70 किलोमीटर प्रति घंटे की हवाओं के साथ पुडुचेरी तथा श्रीहरिकोटा के बीच उत्तरी तमिलनाडु, पुडुचेरी और आस-पास के आंध्र प्रदेश के दक्षिणी तट से गुजरने की संभावना है. पुडुचेरी, चेन्नई से करीब 160 किलोमीटर दूर है. तमिलनाडु सरकार ने भारी बारिश के पूर्वानुमान के मद्देनजर सभी एहतियाती कदम उठाए हैं.
बिजली और स्वास्थ्य कर्मी तैयार : कोयंबटूर में पत्रकारों से बात करते हुए बिजली मंत्री वी सेंथिल बालाजी ने कहा, 'टीएनईबी के 11,000 कर्मचारी बारिश से संबंधित घटनाओं में बाधित बिजली आपूर्ति को बहाल करने के लिए मैदान में हैं. इसके अलावा, 2 लाख बिजली के खंभे भी तैयार रखे गए हैं.' उनके साथ स्वास्थ्य मंत्री मा सुब्रमण्यन ने कहा कि जन स्वास्थ्य विभाग बिना किसी देरी के संकटग्रस्त क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए तैयार है. इसके अलावा, पुडुचेरी और कराईकल के अलावा चेन्नई और संवेदनशील जिलों में एनडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया है. चेन्नई निगम ने भी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए जरूरी इंतजाम किए हैं.
आंध्र प्रदेश में एनडीआरएफ की 10 टीमें तैनात : भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) द्वारा भारी बारिश की चेतावनी के बाद एनडीआरएफ और आंध्र प्रदेश राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल की दस टीमों को राज्य के दक्षिण तटीय जिलों में तैनात किया गया है. एक शीर्ष अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. आईएमडी के अनुसार, राज्य के कई हिस्सों में भारी वर्षा की भविष्यवाणी की गई है, क्योंकि बंगाल की खाड़ी के ऊपर चक्रवात 'मैंडस' के आज रात केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी और श्रीहरिकोटा, आंध्र प्रदेश के बीच के तट को पार करने की उम्मीद है. चक्रवात के कारण भारी वर्षा होने की संभावना वाले छह जिलों के कलेक्टरों को सतर्क कर दिया गया है और नियंत्रण कक्ष भी खोल दिए गए हैं. मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने गुरुवार को अधिकारियों के साथ बैठक कर दिशा निर्देश दिए थे. अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि नेल्लोर, तिरुपति, चित्तूर और अन्य जिलों में बारिश की भविष्यवाणी की गई है.
सरकार ने जारी की चेतावनी- तेज तूफानी लहरें उठने की घटनाओं के हाल के एक अध्ययन से पता चलता है कि हिंद महासागर, अरब सागर के उत्तरी क्षेत्र और बंगाल की मध्य खाड़ी में निकट भविष्य में तूफानी लहरों के दिनों में वृद्धि का अनुभव होने की आशंका है. जलवायु परिवर्तन के चलते समुद्र में ऊंची लहरें उठने की ऐसी घटनाएं हाल के दिनों में अधिकतर देखी गई हैं. यह अब समुद्र तटीय जनसंख्या, बुनियादी ढांचे और समुद्र से संबंधित गतिविधियों से होने वाली आजीविका पर जबरदस्त प्रभाव डाल सकती हैं. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय का मानना है कि इस प्रकार का अध्ययन विशेष रूप से तटीय क्षेत्रों में जीवन और संपत्ति पर बड़े प्रभावों को रोकने के लिए समय पर चेतावनी देने और योजना बनाने में मदद कर सकता है.
तूफान की तीव्रता और उसके मार्ग में परिवर्तन होते रहने के साथ-साथ अत्यधिक ऊंची लहरें उठने में देखी गई परिवर्तनशीलता और बदलाव की घटनाएं तटरेखा में परिवर्तन, उसके क्षरण की दर, बार-बार बाढ़ आने की परिस्थितियां और अन्य संबंधित तटीय खतरों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. जलवायु परिवर्तन के कारण अत्यधिक लहरें और इसके परिणाम क्षेत्रीय और वैश्विक दोनों स्तरों पर सामने आ रहे हैं. इसलिए, समय पर चेतावनी और तटीय योजना और प्रबंधन के लिए उच्च-आवृत्ति वाली लहरें इन घटनाओं के आयाम में भविष्य के अनुमानित परिवर्तनों की बेहतर समझ आवश्यक है.
एनआईटी दिल्ली, आईआईटी खड़गपुर और भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना केंद्र के वैज्ञानिकों की एक टीम ने हिंद महासागर के ऊपर अत्यधिक लहर ऊंचाई सूचकांकों में संभावित भविष्य के बदलावों का अनुमान लगाया है. इन अनुमानों से संकेत मिलता है कि जलवायु के तहत परि²श्य के आर सीपी 4.5 (ग्रीनहाउस गैसों का मध्यम प्रतिनिधि संकेंद्रण मार्ग), पूर्वी उष्णकटिबंधीय हिंद महासागर के क्षेत्रों, अरब सागर के उत्तरी क्षेत्र और बंगाल की मध्य खाड़ी में तूफानी लहरों के दिनों में वृद्धि देखी गई है. हालांकि, आरसीपी 8.5 के अनुरूप हिंद महासागर के अधिकांश क्षेत्रों में उच्च-उत्सर्जन परिदृश्य के अंतर्गत उत्तरी अरब सागर और 48 डिग्री दक्षिण से परे अतिरिक्त उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के अपवाद के साथ, दक्षिणी हिंद महासागर के अधिकांश क्षेत्रों में तेज लहरों के दिनों में कमी की प्रवृत्ति की संभावना है.
यह अध्ययन इंगित करता है कि दक्षिणी गोलार्ध में उच्च-आवृत्ति लहर घटनाओं के आयाम में अनुमानित परिवर्तन समुद्र-स्तर की प्रेशर ग्रैडीएंट में परिवर्तन से प्रेरित होते हैं जो इक्कीसवीं सदी की इस अवधि के लिए सदर्न ऐन्नयुलर मोड (एसएएम) के अनुमानों के अनुरूप है. भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग से जुड़ी संस्था, विज्ञान अनुसन्धान और इंजीनियरिंग बोर्ड द्वारा समर्थित शोध नीति निमार्ताओं और निर्णय लेने वाले अधिकारियों के लिए छोटी और दीर्घ अवधि की ऐसी योजना बनाने के लिए बेहद उपयोगी हो सकता है जो समुद्र तटीय जनसंख्या को लाभान्वित कर सकती है.
(भाषा इनपुट के साथ)