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हमें अफगानिस्तान के लोगों की मदद के दायित्व को निभाना चाहिए : पीएम मोदी - help the people of Afghanistan

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि दुनिया को युद्ध प्रभावित अफगानिस्तान में लोगों की मदद करके अपना दायित्व निभाना चाहिए जहां महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यकों को सहायता की जरूरत है.

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Published : Sep 25, 2021, 9:33 PM IST

संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च स्तरीय सत्र को यहां संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि इस समय अफगानिस्तान के लोगों को मदद की आवश्यकता है.

उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की महिलाओं और बच्चों, अफगानिस्तान के अल्पसंख्यकों को मदद की ज़रूरत है. हमें उन्हें यह सहायता प्रदान करके अपना कर्तव्य पूरा करना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है कि अफगानिस्तान के क्षेत्र का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने और आतंकवादी हमलों के लिए न हो.

प्रधानमंत्री मोदी ने किसी देश का नाम लिए बिना कहा कि हमें सतर्क रहने और यह सुनिश्चित करने की भी आवश्यकता है कि कोई भी देश वहां की नाजुक स्थिति का फायदा उठाने की कोशिश न करे और इसे अपने स्वार्थ के लिए एक साधन के तौर पर इस्तेमाल न करे.

अगस्त में भारत की अध्यक्षता में राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) द्वारा अफगानिस्तान पर अपनाए गए प्रस्ताव 2593 में आह्वान किया गया था कि अफगान क्षेत्र का इस्तेमाल किसी भी देश को धमकाने या हमला करने या आतंकवादियों को शरण देने अथवा प्रशिक्षित करने के लिए या आतंकवादी कृत्यों की योजना बनाने और वित्तपोषण के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

साथ ही यूएनएससी के संकल्प 1267 (1999) में नामित व्यक्तियों और संस्थाओं को शामिल करते हुए अफगानिस्तान में आतंकवाद का मुकाबला करने के महत्व को दोहराया और तालिबान की प्रासंगिक प्रतिबद्धताओं को इंगित किया गया.

तालिबान ने 15 अगस्त को काबुल पर अधिकार कर लिया था, ने एक कट्टरपंथी अंतरिम 33-सदस्यीय मंत्रिमंडल बनाया है जिसमें कोई महिला नहीं है, जबकि संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी शामिल हैं. तालिबान ने आखिरी बार 1996 से 2001 तक अफगानिस्तान पर शासन किया था.

अमेरिकी सेना की एक मई से शुरू हुई वापसी की पृष्ठभूमि में तालिबान ने पिछले महीने अफगानिस्तान में लगभग सभी प्रमुख शहरों और कस्बों पर कब्जा कर लिया था. राजधानी काबुल भी 15 अगस्त को विद्रोहियों के कब्जे में आ गई थी.

इसे भी पढ़ें : संयुक्त राष्ट्र महासभा में पीएम बोले- अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने के लिए ना हो

तालिबान ने छह सितंबर को अपने विरोधियों के अंतिम गढ़ पंजशीर को भी जीत लेने का दावा किया और काबुल पर कब्जा करने के तीन सप्ताह बाद अफगानिस्तान पर पूर्ण कब्जे की बात कही.

(पीटीआई-भाषा)

संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च स्तरीय सत्र को यहां संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि इस समय अफगानिस्तान के लोगों को मदद की आवश्यकता है.

उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की महिलाओं और बच्चों, अफगानिस्तान के अल्पसंख्यकों को मदद की ज़रूरत है. हमें उन्हें यह सहायता प्रदान करके अपना कर्तव्य पूरा करना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है कि अफगानिस्तान के क्षेत्र का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने और आतंकवादी हमलों के लिए न हो.

प्रधानमंत्री मोदी ने किसी देश का नाम लिए बिना कहा कि हमें सतर्क रहने और यह सुनिश्चित करने की भी आवश्यकता है कि कोई भी देश वहां की नाजुक स्थिति का फायदा उठाने की कोशिश न करे और इसे अपने स्वार्थ के लिए एक साधन के तौर पर इस्तेमाल न करे.

अगस्त में भारत की अध्यक्षता में राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) द्वारा अफगानिस्तान पर अपनाए गए प्रस्ताव 2593 में आह्वान किया गया था कि अफगान क्षेत्र का इस्तेमाल किसी भी देश को धमकाने या हमला करने या आतंकवादियों को शरण देने अथवा प्रशिक्षित करने के लिए या आतंकवादी कृत्यों की योजना बनाने और वित्तपोषण के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

साथ ही यूएनएससी के संकल्प 1267 (1999) में नामित व्यक्तियों और संस्थाओं को शामिल करते हुए अफगानिस्तान में आतंकवाद का मुकाबला करने के महत्व को दोहराया और तालिबान की प्रासंगिक प्रतिबद्धताओं को इंगित किया गया.

तालिबान ने 15 अगस्त को काबुल पर अधिकार कर लिया था, ने एक कट्टरपंथी अंतरिम 33-सदस्यीय मंत्रिमंडल बनाया है जिसमें कोई महिला नहीं है, जबकि संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी शामिल हैं. तालिबान ने आखिरी बार 1996 से 2001 तक अफगानिस्तान पर शासन किया था.

अमेरिकी सेना की एक मई से शुरू हुई वापसी की पृष्ठभूमि में तालिबान ने पिछले महीने अफगानिस्तान में लगभग सभी प्रमुख शहरों और कस्बों पर कब्जा कर लिया था. राजधानी काबुल भी 15 अगस्त को विद्रोहियों के कब्जे में आ गई थी.

इसे भी पढ़ें : संयुक्त राष्ट्र महासभा में पीएम बोले- अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने के लिए ना हो

तालिबान ने छह सितंबर को अपने विरोधियों के अंतिम गढ़ पंजशीर को भी जीत लेने का दावा किया और काबुल पर कब्जा करने के तीन सप्ताह बाद अफगानिस्तान पर पूर्ण कब्जे की बात कही.

(पीटीआई-भाषा)

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