मुंबई : कोरोना महामारी की दूसरी लहर से त्रस्त मुंबई अब तीसरी लहर की तैयारी में जुट गई है. करीब 1.25 करोड़ की आबादी वाले शहर के मुंबई मॉडल की प्रशंसा सुप्रीम कोर्ट और बॉम्बे हाईकोर्ट दोनों की ओर से की जा चुकी है. अप्रैल में 11,000 से अधिक दैनिक मामलों की तुलना में मुंबई में सोमवार को 1,794 मामले दर्ज किए गए, जो कि मार्च के मध्य के बाद से सबसे कम हैं.
म्युनिसिपल कॉरपोरेशन ऑफ ग्रेटर मुंबई (एमसीजीएम) के अतिरिक्त नगर आयुक्त सुरेश काकानी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि मुंबई ने महामारी की मौजूदा लहर को सफलतापूर्वक काबू करने में कामयाबी पाई है.
उन्होंने कहा कि मुंबई ने कोविड रोगियों की ट्रैकिंग, परीक्षण और उपचार के मूल सिद्धांत का पालन किया है. हमने कई स्थानों पर सेंटर खोले हैं, जहां पर स्वाब संग्रह किया जाता है. शॉपिंग मॉल, सब्जी मंडी, मछली बाजार जैसे भारी भीड़ वाली जगहें इसका गवाह हैं. हम अतिरिक्त संगरोध सुविधाओं के लिए तैयार हैं.
मुंबई में ऑक्सीजन बेड की कमी नहीं
काकानी ने कहा कि अक्टूबर और फरवरी के बीच जब मुंबई में कोविड-19 के मामले कम हुए तो हमें सलाह दी गई कि इन अस्थायी सुविधाओं को खत्म करने की बजाए इन्हें बनाए रखें. अतिरिक्त आयुक्त काकानी ने यह भी कहा कि दूसरी लहर के दौरान हमारे पास 28,000 बिस्तर जिसमें लगभग 12,000-13,000 ऑक्सीजन बेड मौजूद हैं.
उन्होंने कहा कि हमने 13,000 किलो लीटर की क्षमता के साथ एक तरल चिकित्सा ऑक्सीजन टैंक भी स्थापित किया है, जो अतिरिक्त बेड के लिए सुविधा है. साथ ही दो जंबो सिलेंडरों को तैनात किया गया है और 2-3 दिनों तक सभी बिस्तरों को संचालित करने के लिए पर्याप्त है.
दवा की कमी के बारे में बात करते हुए काकानी ने कहा कि हमने रेमेडेसिविर जैसी दवाओं की कमी की आशंका के बाद रेमेडेसिविर की दो लाख शीशियों की खरीद के लिए एक निविदा मंगाई है. इसलिए मुंबई के किसी भी सार्वजनिक अस्पताल में रेमडेसिविर की कमी नहीं है.
हर्ड इम्युनिटी की तरफ बढ़ रहा मुंबई
जब सुरेश काकानी ने सवाल किया गया कि सीरो सर्वेक्षण कैसे किया गया, इस सर्वेक्षण की जानकारी को उपायों में कैसे शामिल किया गया. इस पर उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस की पहली लहर के दौरान, हमने तीन वार्डों में पहला सीरो सर्वेक्षण किया. एक शहर में, दूसरा एस्टर्न उपनगरीय और तीसरा पश्चिमी उपनगरीय क्षेत्र में किया गया. हमने मलिन बस्तियों और आवासीय अपार्टमेंट से नमूने एकत्र किए. स्लम में, 57 प्रतिशत आबादी में एंटीबॉडी पाया गया, जबकि आवासीय अपार्टमेंट में केवल 16 प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडी मिले. इससे हमें पता चला कि झुग्गी झोपड़ी से लोग महामारी का सामना करने में सक्षम बन रहे हैं.
दूसरे सीरो सर्वेक्षण में भी यही पैमाना अपनाया गया, झुग्गी-झोपड़ियों में 45 प्रतिशत और आवासीय अपार्टमेंट में 18 प्रतिशत एंडीबॉडी मिले.
उन्होंने कहा कि अभी हमने तीसरा सीरो सर्वेक्षण किया है, जिसमें पाया गया कि झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले 40 प्रतिशत से अधिक और आवासीय अपार्टमेंट में रहने वाले 28 प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडी विकसित हुआ है. उन्होंने कहा कि इस तरह, हम हर्ड इम्युनिटी की तरफ बढ़ रहे थे, लेकिन हमने अब तक इसे हासिल नहीं किया है, लेकिन बहुत जल्द ही यह हासिल हो जाएगा.
हम कोरोना की तीसरी लहर को संभालने में सक्षम होंगे
कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर सरकारी की तैयारियों से जुड़े सवाल पर सुरेश काकानी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय प्रमाणों से हमें पता चला है कि तीसरी लहर बच्चों पर भारी पड़ सकती है. इसलिए हमने तुरंत बाल चिकित्सा तैयारियों के लिए टास्क फोर्स का गठन किया. बच्चों को और उनके माता-पिता को बिस्तर कैसे आवंटित किया जाए, कितने इंफ्रास्ट्रक्चर और उपकरणों की आवश्यकता है, इसपर कार्य चल रहा है. हम बाल चिकित्सा वार्डों के साथ चार अतिरिक्त जम्बो सुविधाएं विकसित कर रहे हैं. मौजूदा सुविधाओं में ऐसे वार्ड भी होंगे.
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उन्होंने कहा कि मुंबई के बड़े सरकारी अस्पतालों में बाल चिकित्सा वार्ड होंगे, हम सभी श्रेणियों के बेड, ऑक्सीजन की आपूर्ति और आईसीयू के लिए कुछ निजी अस्पतालों से भी बात करेंगे. उन्होंने कहा कि यदि मामले बढ़ते भी हैं तो हम इससे कोरोना की तीसरी लहर को संभालने में सक्षम होंगे. इसके लिए हमें लोगों के समर्थन की जरूरत है.
आखिर में सुरेश काकानी ने लोगों से अपील की कि अगर आपने कोरोना टीका लगवा लिया है, तो भी प्रमुखता से मास्क लगाएं. नियमित अंतराल पर अपने हाथों को धोएं, सामाजिक दूरी बनाए रखें. अगर आप सुरक्षित रहेंगे, तो आपके परिवार और आपसे जुड़े लोग भी सुरक्षित रहेंगे. इससे महामारी से निपटने में सिर्फ बीएमसी ही नहीं, सभी के लिए आसानी होगी.