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कॉर्बेट-राजाजी के साथ देशभर के टाइगर रिजर्व में बाघों पर बड़ा 'खतरा', WCCB ने जारी किया रेड अलर्ट

मॉनसून आते ही देशभर में तमाम टाइगर रिजर्व पार्क में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है. वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (डब्ल्यूसीसीबी) ने इस संदर्भ में दिशा निर्देश जारी किये हैं. डब्लूसीसीबी को शिकारियों की जंगलों में मौजूदगी को लेकर कई क्षेत्रों में इनपुट मिलने के बाद इस तरह के निर्देश जारी हुए हैं.

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Published : Jul 1, 2023, 5:13 PM IST

Updated : Jul 1, 2023, 7:10 PM IST

कॉर्बेट-राजाजी के साथ देशभर के टाइगर रिजर्व में बाघों पर बड़ा 'खतरा'

देहरादून (उत्तराखंड): पहाड़ी प्रदेश उत्तराखंड समेत देश के अन्य राज्यों में बाघों पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है. वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (WCCB) ने बाघों के शिकार की आशंका जताते हुए उत्तराखंड के कॉर्बेट और राजाजी नेशनल पार्क समेत देशभर के बाघ अभ्यारण्यों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. WCCB के एडिशनल डायरेक्टर एचवी गिरिशा की तरफ से बकायदा पत्र जारी किया गया है. देशभर के विभिन्न टाइगर रिजर्व में शिकारियों की सक्रियता को देखते हुए राज्यों में अधिकारियों को विशेष निगाह रखने के लिए कहा गया है.

दरअसल, हाल ही में मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल में बाघों के शिकार के मामले सामने आने के बाद केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के वन्यजीवों से जुड़ी वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (WCCB) ने देशभर के जंगलों में रेड अलर्ट जारी करने के निर्देश दिए हैं. WCCB यानी Wildlife Crime Control Bureau ने बीती 29 जून को ही रेड अलर्ट जारी किया है. खास बात ये है कि उत्तराखंड के कॉर्बेट नेशनल पार्क और राजाजी टाइगर रिजर्व में भी शिकारियों की गतिविधियां होने की संभावना के बीच अलर्ट जारी किया गया है.

WCCB की तरफ से जो रेड अलर्ट जारी किया गया है, उसमें साफ कहा गया है कि शिकारियों का गिरोह बाघ अभ्यारण्यों विशेषकर उत्तर प्रदेश में सतौरा, अमानगढ़ और पीलीभीत, महाराष्ट्र में ताडोबा, गढ़चिरौली और चंद्रपुर, मध्य प्रदेश में पेंच और बालाघाट, बिहार के वाल्मीकि के साथ-साथ उत्तराखंड में कॉर्बेट और राजाजी जैसे बाघ बाहुल्य क्षेत्रों के आसपास सक्रिय हैं.
पढ़ें- देहरादून चिड़ियाघर के परिवार में बढ़े दो सदस्य, तेंदुओं के बच्चों को मिला नया आशियाना

संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष निगाह: WCCB ने सभी बाघ अभ्यारण्यों के क्षेत्रीय निदेशकों को संवेदनशील क्षेत्रों में तुरंत गश्त तेज करने को कहा है. इसके साथ ही WCCB की तरफ से निर्देश दिए है कि टेंटों, मंदिरों, रेलवे स्टेशनों, बस स्टेशनों और अन्य सार्वजनिक आश्रयों में रहने वाले संदिग्ध खानाबदोश लोगों पर नजर रखने की साथ ही उनकी तलाशी ली जाए. इसके साथ ही इस बारे में पुलिस को भी सूचित किया. इसके अलावा उन क्षेत्रों में विशेष ध्यान रखा जाए, जहां से शिकारी आसानी से जंगल में घुस सकते हैं.

चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन का बयान: उत्तराखंड के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन डॉक्टर समीर सिन्हा ने कहा कि अलर्ट जारी करने को लेकर केंद्रीय एजेंसी से पत्र मिला है और उसके मद्देनजर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. समीर सिन्हा ने कहा कि मानसून नजदीक आते ही जंगलों में शिकारियों की गतिविधियां बढ़ने लगती है. ऐसे में वन क्षेत्रों में अलर्ट कर दिया जाता है, लेकिन केंद्रीय एजेंसी के पत्र मिलने के बाद अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है.
पढ़ें- बाघों की कब्रगाह बना उत्तराखंड! 5 महीने में 13 टाइगर की मौत, कॉर्बेट में पांच ने गंवाई जान

कॉर्बेट और राजाजी नेशनल पार्क के अधिकारियों को खास तौर पर इसके मद्देनजर अलर्ट रहने के लिए कहा गया है साथ ही पुलिस से भी लगातार इस मामले पर समन्वय बनाया जाना है. इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश और पड़ोसी राज्यों के वन विभाग के अधिकारियों से भी बात कर शिकारियों की गतिविधियों को रोकने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं.

मॉनसून में वन्यजीवों की सुरक्षा बड़ी चुनौती: बता दें कि मॉनसून सीजन शुरू हो चुका है. इस दौरान वन्यजीवों की सुरक्षा करना वन विभाग के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होता है. एक तो मॉनसून सीजन में शिकारी काफी संक्रिय हो जाते है और वो जंगल में घूसने का प्रयास करते है. दरअसल, बरसात के दिनों में जंगल के कच्चे रास्तों पर बारिश का पानी भर जाता है, जिससे वनकर्मियों को गश्त करने में काफी दिक्कत आती है. इसी का फायदा अक्सर शिकारी उठाते है.

कॉर्बेट-राजाजी के साथ देशभर के टाइगर रिजर्व में बाघों पर बड़ा 'खतरा'

देहरादून (उत्तराखंड): पहाड़ी प्रदेश उत्तराखंड समेत देश के अन्य राज्यों में बाघों पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है. वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (WCCB) ने बाघों के शिकार की आशंका जताते हुए उत्तराखंड के कॉर्बेट और राजाजी नेशनल पार्क समेत देशभर के बाघ अभ्यारण्यों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. WCCB के एडिशनल डायरेक्टर एचवी गिरिशा की तरफ से बकायदा पत्र जारी किया गया है. देशभर के विभिन्न टाइगर रिजर्व में शिकारियों की सक्रियता को देखते हुए राज्यों में अधिकारियों को विशेष निगाह रखने के लिए कहा गया है.

दरअसल, हाल ही में मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल में बाघों के शिकार के मामले सामने आने के बाद केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के वन्यजीवों से जुड़ी वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (WCCB) ने देशभर के जंगलों में रेड अलर्ट जारी करने के निर्देश दिए हैं. WCCB यानी Wildlife Crime Control Bureau ने बीती 29 जून को ही रेड अलर्ट जारी किया है. खास बात ये है कि उत्तराखंड के कॉर्बेट नेशनल पार्क और राजाजी टाइगर रिजर्व में भी शिकारियों की गतिविधियां होने की संभावना के बीच अलर्ट जारी किया गया है.

WCCB की तरफ से जो रेड अलर्ट जारी किया गया है, उसमें साफ कहा गया है कि शिकारियों का गिरोह बाघ अभ्यारण्यों विशेषकर उत्तर प्रदेश में सतौरा, अमानगढ़ और पीलीभीत, महाराष्ट्र में ताडोबा, गढ़चिरौली और चंद्रपुर, मध्य प्रदेश में पेंच और बालाघाट, बिहार के वाल्मीकि के साथ-साथ उत्तराखंड में कॉर्बेट और राजाजी जैसे बाघ बाहुल्य क्षेत्रों के आसपास सक्रिय हैं.
पढ़ें- देहरादून चिड़ियाघर के परिवार में बढ़े दो सदस्य, तेंदुओं के बच्चों को मिला नया आशियाना

संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष निगाह: WCCB ने सभी बाघ अभ्यारण्यों के क्षेत्रीय निदेशकों को संवेदनशील क्षेत्रों में तुरंत गश्त तेज करने को कहा है. इसके साथ ही WCCB की तरफ से निर्देश दिए है कि टेंटों, मंदिरों, रेलवे स्टेशनों, बस स्टेशनों और अन्य सार्वजनिक आश्रयों में रहने वाले संदिग्ध खानाबदोश लोगों पर नजर रखने की साथ ही उनकी तलाशी ली जाए. इसके साथ ही इस बारे में पुलिस को भी सूचित किया. इसके अलावा उन क्षेत्रों में विशेष ध्यान रखा जाए, जहां से शिकारी आसानी से जंगल में घुस सकते हैं.

चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन का बयान: उत्तराखंड के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन डॉक्टर समीर सिन्हा ने कहा कि अलर्ट जारी करने को लेकर केंद्रीय एजेंसी से पत्र मिला है और उसके मद्देनजर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. समीर सिन्हा ने कहा कि मानसून नजदीक आते ही जंगलों में शिकारियों की गतिविधियां बढ़ने लगती है. ऐसे में वन क्षेत्रों में अलर्ट कर दिया जाता है, लेकिन केंद्रीय एजेंसी के पत्र मिलने के बाद अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है.
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कॉर्बेट और राजाजी नेशनल पार्क के अधिकारियों को खास तौर पर इसके मद्देनजर अलर्ट रहने के लिए कहा गया है साथ ही पुलिस से भी लगातार इस मामले पर समन्वय बनाया जाना है. इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश और पड़ोसी राज्यों के वन विभाग के अधिकारियों से भी बात कर शिकारियों की गतिविधियों को रोकने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं.

मॉनसून में वन्यजीवों की सुरक्षा बड़ी चुनौती: बता दें कि मॉनसून सीजन शुरू हो चुका है. इस दौरान वन्यजीवों की सुरक्षा करना वन विभाग के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होता है. एक तो मॉनसून सीजन में शिकारी काफी संक्रिय हो जाते है और वो जंगल में घूसने का प्रयास करते है. दरअसल, बरसात के दिनों में जंगल के कच्चे रास्तों पर बारिश का पानी भर जाता है, जिससे वनकर्मियों को गश्त करने में काफी दिक्कत आती है. इसी का फायदा अक्सर शिकारी उठाते है.

Last Updated : Jul 1, 2023, 7:10 PM IST
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