ETV Bharat / bharat

WB Panchayat polls 2023: TMC ने गवर्नर पर लगाया चुनाव प्रक्रिया में बाधा डालने का आरोप, आयोग को लिखा पत्र

पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई पंचायत चुनाव होना है. उससे पहले सोमवार को तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव प्रक्रिया में 'बाधा डालने' के लिए राज्यपाल सीवी आनंद बोस के खिलाफ राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) को पत्र लिखा है. पत्र में टीएमसी ने राज्यपाल पर चुनाव प्रक्रिया में बाधा डालने का आरोप लगाया है.

WB Panchayat polls 2023
WB Panchayat polls 2023
author img

By

Published : Jul 4, 2023, 6:51 AM IST

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को होने वाले पंचायत चुनावों से पहले तृणमूल कांग्रेस एक बड़ा दांव खेला है. टीएमसी ने राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) को राज्यपाल सीवी आनंद बोस को लेकर एक पत्र लिखा है, जिसमें राज्यपाल पर चुनाव प्रक्रिया में बाधा डालने का आरोप लगाया है. टीएमसी के पत्र में कहा गया है कि माननीय राज्यपाल राज्य की सुविधाओं जैसे गेस्ट हाउस/सर्किट हाउस और परिवहन सुविधाओं का उपयोग करके भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रहे हैं और ऐसा करना पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव अधिनियम की आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है.

पत्र में आगे कहा गया है कि राज्य चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठाना राज्यपाल के लिए सही नहीं है. राज्यपाल राज्य चुनाव आयोग द्वारा चुनावों के संचालन पर सवाल उठाते हुए अनुचित बयान देकर चुनाव प्रक्रिया में बाधा डाल रहे हैं. टीएमसी के अनुसार राज्यपाल ने राज्य की स्थिति का वर्णन करते हुए बयान दिए हैं कि राज्य में स्थिति बहुत परेशान करने वाली है और यहां लोकतंत्र की हत्या की जा रही है. टीएमसी ने कहा कि इस तरह की टिप्पणियां एसईसी की पवित्रता पर सवाल उठाती हैं.

टीएमसी ने कहा है कि राज्यपाल बीडीओ से रिपोर्ट एकत्र कर रहे हैं और पुलिस से बात करके जानकारी एकत्र कर रहे हैं, यह सही नहीं है और संवैधानिक जनादेश का घोर उल्लंघन है, जिसमें राज्य चुनाव आयोग पंचायत चुनाव कराने के लिए जिम्मेदार निकाय है.

पत्र में कहा गया है राज्यपाल एसईसी की पवित्रता पर सवाल उठा रहे हैं और बीडीओ के अधिकारियों से स्वतंत्र पूछताछ करके, नामांकन विवरण एकत्र करके, कानून और व्यवस्था की स्थिति पर पुलिस अधिकारियों से पूछताछ करके चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर रहे हैं. कथित तौर पर चुनाव प्रक्रिया की निगरानी के लिए राजभवन में नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है.

उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यपाल सत्तारूढ़ दल से परामर्श किए बिना बैठकें आयोजित करके और उन्हें सुरक्षा प्रदान करके भाजपा का पक्ष लेकर समानांतर सरकार चला रहे हैं. टीएमसी के राज्य उपाध्यक्ष सुब्रत बख्शी ने लिखा कि राज्य या राज्य चुनाव आयोग से परामर्श किए बिना भाजपा के सदस्यों के लिए सुरक्षा व्यवस्था प्रदान करने के लिए गृह मंत्रालय, भारत सरकार और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी के साथ बैठकें आयोजित करना सही नहीं है.

ये भी पढ़ें-

तृणमूल कांग्रेस ने पंचायत चुनाव के लिए राजभवन में एक नियंत्रण कक्ष की स्थापना पर भी असंतोष व्यक्त किया है, जहां आम लोग अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं. इस बीच, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने सोमवार को पंचायत चुनावों में चल रही हिंसा की आलोचना की. दरअसल, आनंद बोस उन विभिन्न स्थानों का दौरा कर रहे हैं, जहां पहले राज्य में हिंसा भड़की थी. राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा कि उनकी यात्राओं को 'त्रुटि-खोज मिशन' के रूप में नहीं बल्कि 'तथ्य-खोज मिशन' के रूप में समझा जाना चाहिए. उन्होंने कहा मेरे संवैधानिक सहयोगियों को स्वतंत्र रूप से, स्पष्ट रूप से और निडर होकर अपने कर्तव्यों का पालन करने का पूरा अधिकार है और राज्यपाल इसमें हस्तक्षेप नहीं करेंगे. वे स्वतंत्र रूप से कार्य करेंगे.

आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों के लिए नामांकन दाखिल करने के आसपास और उसके बाद हिंसा की कई घटनाएं देखी गई हैं, जिसमें बीरभूम जिले के अहमदपुर में एक ब्लॉक विकास कार्यालय (बीडीओ) पर कथित तौर पर देशी बम फेंके जाने की घटना भी शामिल है. मालदा जिले में भी एक टीएमसी कार्यकर्ता की कथित तौर पर पीट-पीट कर हत्या कर दी गई.
(एएनआई)

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को होने वाले पंचायत चुनावों से पहले तृणमूल कांग्रेस एक बड़ा दांव खेला है. टीएमसी ने राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) को राज्यपाल सीवी आनंद बोस को लेकर एक पत्र लिखा है, जिसमें राज्यपाल पर चुनाव प्रक्रिया में बाधा डालने का आरोप लगाया है. टीएमसी के पत्र में कहा गया है कि माननीय राज्यपाल राज्य की सुविधाओं जैसे गेस्ट हाउस/सर्किट हाउस और परिवहन सुविधाओं का उपयोग करके भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रहे हैं और ऐसा करना पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव अधिनियम की आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है.

पत्र में आगे कहा गया है कि राज्य चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठाना राज्यपाल के लिए सही नहीं है. राज्यपाल राज्य चुनाव आयोग द्वारा चुनावों के संचालन पर सवाल उठाते हुए अनुचित बयान देकर चुनाव प्रक्रिया में बाधा डाल रहे हैं. टीएमसी के अनुसार राज्यपाल ने राज्य की स्थिति का वर्णन करते हुए बयान दिए हैं कि राज्य में स्थिति बहुत परेशान करने वाली है और यहां लोकतंत्र की हत्या की जा रही है. टीएमसी ने कहा कि इस तरह की टिप्पणियां एसईसी की पवित्रता पर सवाल उठाती हैं.

टीएमसी ने कहा है कि राज्यपाल बीडीओ से रिपोर्ट एकत्र कर रहे हैं और पुलिस से बात करके जानकारी एकत्र कर रहे हैं, यह सही नहीं है और संवैधानिक जनादेश का घोर उल्लंघन है, जिसमें राज्य चुनाव आयोग पंचायत चुनाव कराने के लिए जिम्मेदार निकाय है.

पत्र में कहा गया है राज्यपाल एसईसी की पवित्रता पर सवाल उठा रहे हैं और बीडीओ के अधिकारियों से स्वतंत्र पूछताछ करके, नामांकन विवरण एकत्र करके, कानून और व्यवस्था की स्थिति पर पुलिस अधिकारियों से पूछताछ करके चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर रहे हैं. कथित तौर पर चुनाव प्रक्रिया की निगरानी के लिए राजभवन में नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है.

उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यपाल सत्तारूढ़ दल से परामर्श किए बिना बैठकें आयोजित करके और उन्हें सुरक्षा प्रदान करके भाजपा का पक्ष लेकर समानांतर सरकार चला रहे हैं. टीएमसी के राज्य उपाध्यक्ष सुब्रत बख्शी ने लिखा कि राज्य या राज्य चुनाव आयोग से परामर्श किए बिना भाजपा के सदस्यों के लिए सुरक्षा व्यवस्था प्रदान करने के लिए गृह मंत्रालय, भारत सरकार और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी के साथ बैठकें आयोजित करना सही नहीं है.

ये भी पढ़ें-

तृणमूल कांग्रेस ने पंचायत चुनाव के लिए राजभवन में एक नियंत्रण कक्ष की स्थापना पर भी असंतोष व्यक्त किया है, जहां आम लोग अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं. इस बीच, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने सोमवार को पंचायत चुनावों में चल रही हिंसा की आलोचना की. दरअसल, आनंद बोस उन विभिन्न स्थानों का दौरा कर रहे हैं, जहां पहले राज्य में हिंसा भड़की थी. राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा कि उनकी यात्राओं को 'त्रुटि-खोज मिशन' के रूप में नहीं बल्कि 'तथ्य-खोज मिशन' के रूप में समझा जाना चाहिए. उन्होंने कहा मेरे संवैधानिक सहयोगियों को स्वतंत्र रूप से, स्पष्ट रूप से और निडर होकर अपने कर्तव्यों का पालन करने का पूरा अधिकार है और राज्यपाल इसमें हस्तक्षेप नहीं करेंगे. वे स्वतंत्र रूप से कार्य करेंगे.

आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों के लिए नामांकन दाखिल करने के आसपास और उसके बाद हिंसा की कई घटनाएं देखी गई हैं, जिसमें बीरभूम जिले के अहमदपुर में एक ब्लॉक विकास कार्यालय (बीडीओ) पर कथित तौर पर देशी बम फेंके जाने की घटना भी शामिल है. मालदा जिले में भी एक टीएमसी कार्यकर्ता की कथित तौर पर पीट-पीट कर हत्या कर दी गई.
(एएनआई)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.