वाराणसी: बनारस की पहचान बाबा विश्वनाथ से है और बाबा विश्वनाथ के मंदिर में तो भक्तों की बढ़ रही, भीड़ यह साफ कर रही है कि बनारस विश्वनाथ धाम के निर्माण के बाद श्रद्धालुओं को बेहद पसंद आने लगा है. अब भी सड़क मार्ग से ज्यादा और गंगा किनारे बनाए गए गंगाद्वार से भक्तों का आगमन विश्वनाथ मंदिर में कम हो रहा है. अब यही वजह है कि इस भीड़ को विश्वनाथ धाम में गंगाद्वार से लाने के लिए वाटर टैक्सी (Water taxis for Baba Vishwanath Dham) सुविधा की शुरुआत की जा रही है.
सबसे बड़ी बात यह है कि यह वाटर टैक्सी बनारस में (Water taxis for Baba Vishwanath Dham) ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश में पहली बार संचालित होने जा रही है. जिसके लिए बनारस के 2 घाटों को चुना गया है. इनमें पहला घाट नमो घाट और दूसरा रविदास घाट होगा. जहां से 1 घंटे के अंतराल पर यह सेवा शुरू की जाएग, ताकि सड़कों पर ट्रैफिक का लोड कम कर भक्तों को गंगा के रास्ते ही विश्वनाथ मंदिर तक लाया जा सके.
वाराणसी में विश्वनाथ धाम के लिए वाटर टैक्सी के प्लान पर विश्वनाथ मंदिर प्रशासन के साथ मिलकर प्लानिंग की जा रही है. इस बारे में कमिश्नर कौशल राज शर्मा का कहना है कि विश्वनाथ मंदिर प्रशासन के रेवेन्यू के साथ कोआर्डिनेशन करते हुए इस कार्यक्रम को पूरा किया जाएगा. इसके लिए वॉटर टैक्सी सुविधा भक्तों को बड़े ही नॉमिनल रेट पर उपलब्ध करवाई जाएगी. अभी रेट डिसाइड नहीं किए गए हैं, लेकिन इसके लिए जल्द ही टेंडर ओपन किए जाएंगे. टेंडर प्रक्रिया के तहत जो भी लोग सामने आते हैं उनके साथ बैठक कर इस के रेट का निर्धारण होगा लेकिन यह तो कंफर्म है कि रेट बहुत ही नॉमिनल होगा ताकि लोगों को कम बजट पर यह सुविधा उपलब्ध हो सके.
वाराणसी कमिश्नर कौशल राज शर्मा (Varanasi commissioner Kaushal Raj Sharma) का कहना है कि इन दोनों घाटों से टैक्सी एक निर्धारित समय के अंतराल पर संचालित की जाएगी और यदि लोग चाहे तो विश्वनाथ धाम नहीं तो बीच के किसी भी अन्य घाट पर उतर सकते हैं. इसके लिए कुछ घाटों पर लोगों के उतरने के लिए व्यवस्था भी बनाई जाएगी.
वाराणसी में वॉटर टैक्सी (Water taxi in Varanasi) कमिश्नर का कहना है कि शुरुआत में अभी कुछ नावों को टैक्सी के रूप में संचालित करने की प्लानिंग की जा रही है. यह डीजल से सीएनजी में कन्वर्ट हुई नावे होंगी, लेकिन बाद में सोलर सिस्टम के तहत संचालित होने वाली पॉल्यूशन फ्री और साइलेंट नावों का उपयोग इसके लिए किया जाएगा. इस काम के लिए भी कुछ कंपनियों से बातचीत चल रही है और जल्द ही भक्तों को इस सुविधा की सौगात मिलेगी.
इस सुविधा का सबसे बड़ा फायदा भक्तों को काशी के गंगा घाटों की खूबसूरती को निहारने के मौके के रूप में तो मिलेगा ही साथ ही साथ जो फुटफॉल अभी गंगाद्वार के रास्ते से कम है. वह भी बढ़ेगा और विश्वनाथ मंदिर प्रशासन का मानना है कि अभी ज्यादा भीड़ सड़क मार्ग से मंदिर में प्रवेश कर रही है. जिसकी वजह से ज्ञानवापी और अन्य रास्तों पर भक्तों की भीड़ ज्यादा होने से आम लोगों को ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन गंगाद्वार के रास्ते वॉटर टैक्सी सुविधा की शुरुआत होने से सड़क पर भीड़ कम होगी और लोगों को इन्हीं रास्तों से लाए जाने का काम किया जाएगा.
गंगा द्वार से भीड़ आ रही कम: वर्तमान समय में यदि प्रतिदिन 50,000 से ज्यादा की भीड़ विश्वनाथ धाम में पहुंच रही है, जबकि 4 से 5000 तक की भीड़ ही विश्वनाथ गंगा द्वार से प्रवेश कर रही है. बाकी भीड़ सड़क मार्ग से ही आ रही है. इसलिए गंगाद्वार के रास्ते लोगों को ज्यादा लाए जाने की प्लानिंग की जा रही है.
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