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बढ़ने लगा ब्रह्मपुत्र का जलस्तर, बाढ़ से असम के 230 गांव जलमग्न - बाढ़

मॉनसून अभी देश में आया नहीं है मगर पूर्वोत्तर के राज्य में अबी से बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. ब्रह्मपुत्र और उसके सहायक नदियां उफन रहीं हैं और 230 गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं.

flood in Assam 2022
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Published : May 16, 2022, 7:48 PM IST

गुवाहाटी : ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियां मॉनसून के आने से पहले ही उफान पर हैं. पहाड़ों में हो रही बारिश के कारण असम के कई इलाकों में बाढ़ आ गई है. लगातार बारिश के कारण असम के दीमा हसाओ जिले में कई जिलों पर लैंड स्लाइडिंग हो रही है. इस कारण ट्रेन और सड़क मार्ग पर आवाजाही बंद हो गई है. सोमवार को दीमा हसाओ रेलवे स्टेशन पर बाढ़ में फंसे लोगों को हेलिकॉप्टर की मदद से रेस्क्यू किया गया. जानकारी के अनुसार क्षेत्र की नदियां सिमन, गाय, सोवनसिरी, जियाधल, लाल नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.

दूसरी ओर, बारिश के कारण जलस्तर में वृद्धि को देखते हुए नीपको की रंगनाडी प्रोजेक्ट के 'गेट' और उमरंगसो हाइड्रो प्रोजेक्ट के कपिली और खंडोंग बांधों के खुलने से इन दोनों परियोजनाओं के निचले हिस्से में पानी भर गया है. इसी तरह, कार्बी लंगपी हाइड्रो प्रोजेक्ट के चार गेटों से बांध से छोड़े गए पानी ने होजई, कामपुर आदि क्षेत्रों में कई गांवों को जलमग्न कर दिया है. करीमगंज में कुशियारा और कछार में गमारा नदी के बढ़ते पानी ने कहर बरपा रखा है. दूसरी ओर, नोवा दिहिंग, लोहित, चियांग, बुधिडीहिंग, दिखौ, धनशीरी, कपिली, पुथिमारी, पगल्डिया, मनाह, बांकी, गौरांग आदि नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ने के कारण जल आयोग ने सतर्कता बरतने के आदेश जारी किए हैं.

असम स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (Assam State Disaster Management Authority) ने बाढ़ और भूस्खलन के कारण अब तक पांच लोगों की मौतों की पुष्टि की है. अथॉरिटी के मुताबिक, राज्य में पांच स्थानों पर नदियों के तटबंध टूट गए हैं. राज्य के आठ जिले जैसे कछार, धेमाजी, होजई, पश्चिम कार्बी आंगलोंग, नगांव, बारपेटा, नलबाड़ी और कामरूप जिले भी बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. राज्य के 230 गांवों में बाढ़ का पानी घुस चुका है, जिससे 56,769 लोग सीधे तौर से प्रभावित हुए हैं. बाढ़ से 10321.44 हेक्टेयर कृषि भूमि को नुकसान पहुंचा है. गुवाहाटी में क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के आंकड़ों के अनुसार अगले 24 घंटों में असम में लगभग हर जगह मध्यम बारिश होने की संभावना है.

पढ़ें : अंतिम नागा समझौता बन सकता है 'मॉडल', जानें पूर्वोत्तर उग्रवाद की मौजूदा स्थिति

गुवाहाटी : ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियां मॉनसून के आने से पहले ही उफान पर हैं. पहाड़ों में हो रही बारिश के कारण असम के कई इलाकों में बाढ़ आ गई है. लगातार बारिश के कारण असम के दीमा हसाओ जिले में कई जिलों पर लैंड स्लाइडिंग हो रही है. इस कारण ट्रेन और सड़क मार्ग पर आवाजाही बंद हो गई है. सोमवार को दीमा हसाओ रेलवे स्टेशन पर बाढ़ में फंसे लोगों को हेलिकॉप्टर की मदद से रेस्क्यू किया गया. जानकारी के अनुसार क्षेत्र की नदियां सिमन, गाय, सोवनसिरी, जियाधल, लाल नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.

दूसरी ओर, बारिश के कारण जलस्तर में वृद्धि को देखते हुए नीपको की रंगनाडी प्रोजेक्ट के 'गेट' और उमरंगसो हाइड्रो प्रोजेक्ट के कपिली और खंडोंग बांधों के खुलने से इन दोनों परियोजनाओं के निचले हिस्से में पानी भर गया है. इसी तरह, कार्बी लंगपी हाइड्रो प्रोजेक्ट के चार गेटों से बांध से छोड़े गए पानी ने होजई, कामपुर आदि क्षेत्रों में कई गांवों को जलमग्न कर दिया है. करीमगंज में कुशियारा और कछार में गमारा नदी के बढ़ते पानी ने कहर बरपा रखा है. दूसरी ओर, नोवा दिहिंग, लोहित, चियांग, बुधिडीहिंग, दिखौ, धनशीरी, कपिली, पुथिमारी, पगल्डिया, मनाह, बांकी, गौरांग आदि नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ने के कारण जल आयोग ने सतर्कता बरतने के आदेश जारी किए हैं.

असम स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (Assam State Disaster Management Authority) ने बाढ़ और भूस्खलन के कारण अब तक पांच लोगों की मौतों की पुष्टि की है. अथॉरिटी के मुताबिक, राज्य में पांच स्थानों पर नदियों के तटबंध टूट गए हैं. राज्य के आठ जिले जैसे कछार, धेमाजी, होजई, पश्चिम कार्बी आंगलोंग, नगांव, बारपेटा, नलबाड़ी और कामरूप जिले भी बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. राज्य के 230 गांवों में बाढ़ का पानी घुस चुका है, जिससे 56,769 लोग सीधे तौर से प्रभावित हुए हैं. बाढ़ से 10321.44 हेक्टेयर कृषि भूमि को नुकसान पहुंचा है. गुवाहाटी में क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के आंकड़ों के अनुसार अगले 24 घंटों में असम में लगभग हर जगह मध्यम बारिश होने की संभावना है.

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