जशपुर: जशपुर में बाढ़ के कहर की हैरान करने वाली तस्वीरें सामने आई है. यहां के बगीचा इलाके के डोंडकी नदी में अचानक बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई. उस वक्त यहां एक व्यक्ति का अंतिम संस्कार किया जा रहा था. डोंडकी नदी में आई अचानक बाढ़ की वजह से अंतिम संस्कार के लिए सजी चिता अग्निदाह के साथ जलमग्न हो (Water came in bank of dondki river during funeral rites) गई. इस दौरान अंतिम संस्कार में शामिल लोग बाढ़ से अपनी जान बचाकर भाग खड़े (Flood washes away burning pyre in jashpur in dondki river) हुए.
ये है पूरा मामला: बगीचा नगर पंचायत के वार्ड नंबर 2 सोनीपारा निवासी मुकेश उर्फ पिंटू की गुरुवार रात मौत हो गई. शुक्रवार दोपहर को अंतिम संस्कार के लिए समाज के लोग मृतक पिंटू के पार्थिव शरीर को डोंडकी नदी के किनारे लेकर आए. यहां शव को चिता पर रखकर मुखाग्नि दी गई. इस दौरान अचानक नदी में तेज बाढ़ आ गई. इस बाढ़ में पार्थिव शरीर जलती चिता के साथ बहने लगा (Flood washes away burning pyre in jashpur). बाढ़ की स्थिति देखकर जो लोग अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने आए, वह भाग खड़े हुए. यह तस्वीरें अब वायरल हो रही है.
जशपुर के डोंडकी नदी में डूब गई चिता: नदी के बाढ़ में जलती हुई चिता कुछ देर बहने के बाद डूब गई. हालांकि कुछ देर में नदी में पानी कम हुआ. जिसके बाद चिता में फिर आग लगाई गई. तब कहीं जाकर अंतिम संस्कार पूरा हुआ. मृतक के परिजन ने बताया "पूर्वजों के समय से उनके समाज के लोग नदी के किनारे शवदाह करते आ रहे हैं. जहां कोरवा समाज के लोग शवदाह करते हैं, वहां नगर पंचायत द्वारा किसी तरह की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. संतोष ने बताया कि ''मुख्य मुक्तिधाम में जाने के लिए डोंडकी नदी में बड़े पुल की व्यवस्था भी नहीं है. जिसके कारण बरसात के दिनों में नदी पार करना मुश्किल होता है". इसलिए वे लोग नदी के किनारे अंतिम संस्कार करने लगे.
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गांव वालों ने प्रशासन से की व्यवस्था की मांग: कोरवा समाज के लोगों ने शासन-प्रशासन पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए अंतिम संस्कार के लिए समुचित व्यवस्था की मांग की है. इस मामले में बगीचा एसडीएम प्रताप विजय खेस्स ने बताया ''मुक्तिधाम और अंतिम संस्कार की समुचित व्यवस्था के लिए सीएमओ बगीचा को निर्देशित किया गया है.''