नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर गुरुवार को भी गर्मागरम बहस हुई. विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' का नेतृत्व करने वाली कांग्रेस पार्टी के नेता और पश्चिम बंगाल के सांसद अधीर रंजन चौधरी ने अपने वक्तव्य के दौरान पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने जहां एक ओर मणिपुर के मुद्दे पर पीएम मोदी के चुप रहने को लेकर हमला किया, वहीं नीरव मोदी का भी जिक्र किया.
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि 'अविश्वास प्रस्ताव की ताकत आज प्रधानमंत्री को संसद में ले आई है. हममें से कोई भी इस अविश्वास प्रस्ताव के बारे में नहीं सोच रहा था. हम तो यही मांग कर रहे थे कि पीएम मोदी संसद में आएं और मणिपुर मुद्दे पर बोलें. हम किसी बीजेपी सदस्य को संसद में आने की मांग नहीं कर रहे थे, हम सिर्फ अपने और इस देश के प्रधानमंत्री के संसद में आने की मांग कर रहे थे.
इसके बाद कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने पीएम मोदी की तुलना महाभारत के धृतराष्ट्र से करते हुए कहा कि महाभारत में जब धृतराष्ट्र अंधे थे, तब द्रौपदी का वस्त्र हरण हुआ था. उसी तरह जब कोई राजा अंधा होता है, तो उसे वस्त्र हरण दिखाई नहीं देता है. आज भी हमारे राजा अंधे बैठे हैं और... मणिपुर और हस्तिनापुर में आज कोई फर्क नहीं है. क्योंकि आज मणिपुर में द्रोपदी का चीर हरण किया जा रहा है.
इसके अलावा चौधरी ने नीरव मोदी से पीएम मोदी की तुलना करते हुए कहा कि मुझे लगता था नीरव मोदी देश का पैसा लेकर देश छोड़कर भाग गया है और कोई उसे छू नहीं सका. हमारी एनडीए की सरकार उसे पकड़ नहीं सकी. वह करेबियन बीच में मस्ती कर रहा है. मैंने सोचा कि नीरव मोदी सारी जिंदगी के लिए हमसे दूर चले गए, लेकिन अब पता चला कि नीरव मोदी हमसे दूर नहीं गए. मणिपुर की घटना देखने बाद मुझे यह पता नीरव अभी भी जिंदा है. नरेंद्र मोदी नीरव मोदी बन के अभी भी चुप्पी साधे बैठे हुए हैं.
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन के बयान पर केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने ट्वीट कर कहा कि 'कांग्रेस के नेताओं में मूर्खतापूर्ण बातें करने में आपस में होड़ सी मची हुई है! कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोक सभा में प्रधानमंत्री जी को लेकर जो टिप्पणी की है, वह बेहद निंदनीय और आपत्तिजनक है. उन्हें पूरे देश और सदन से माफी मांगनी चाहिए. कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी का पीएम मोदी पर आरोप निराधार हैं और इन्हें स्वीकार नहीं किया जा सकता. माननीय अध्यक्ष से उन टिप्पणियों को हटाने का आग्रह किया.'