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तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा का लद्दाख में गर्मजोशी से स्वागत

तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा लद्दाख के दौरे पर हैं. लेह में उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया. नोबेल शांति पुरस्कार विजेता दलाई लामा के लद्दाख में प्रवचन देने और अनुयायियों से मिलने के लिए एक महीने के लिए रुकेंगे.

Dalai Lama in Ladakh
तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा
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Published : Jul 15, 2022, 4:04 PM IST

Updated : Jul 15, 2022, 5:42 PM IST

लेह: तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा आज लद्दाख के दौरे पर हैं. लेह पहुंचने पर लोगों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया. नोबेल शांति पुरस्कार विजेता दलाई लामा के लद्दाख में प्रवचन देने और अनुयायियों से मिलने के लिए एक महीने के लिए रुकेंगे. लद्दाख के सांसद जामयांग त्सेरिंग नामग्याल ने कहा कि दलाई लामा आज लेह पहुंचे और उन्होंने लोगों को बौद्ध धर्म की शिक्षाओं पर उपदेश देने का आश्वासन दिया. हमें उम्मीद है कि वह यहां लंबे समय तक रहेंगे. लोगों को यह भी उम्मीद है कि वह जांस्कर (Zanskar) क्षेत्र का भी दौरा करेंगे.

इससे पहले दलाई लामा जम्मू के दौरे पर थे. उन्होंने गुरुवार को कहा था कि वह अपनी मातृभूमि को चीन से अलग नहीं करना चाहते, बल्कि अपने लोगों के लिए अधिक स्वायत्तता की मांग कर रहे हैं. उन्होंने जम्मू में मीडिया से कहा, 'चीन में लोग तेजी से महसूस कर रहे हैं कि मैं तिब्बत की स्वतंत्रता की मांग नहीं कर रहा हूं, बल्कि स्वायत्तता और इसकी बौद्ध संस्कृति के संरक्षण की मांग कर रहा हूं.'

दलाई लामा ने कहा कि कुछ ही चीनी कट्टरपंथी उन्हें अलगाववादी मानते हैं. नोबेल शांति पुरस्कार विजेता शुक्रवार को लद्दाख की यात्रा कर रहे हैं, जहां वह प्रवचन देने और अनुयायियों से मिलने के लिए एक महीने के लिए रुकेंगे.

लेह: तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा आज लद्दाख के दौरे पर हैं. लेह पहुंचने पर लोगों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया. नोबेल शांति पुरस्कार विजेता दलाई लामा के लद्दाख में प्रवचन देने और अनुयायियों से मिलने के लिए एक महीने के लिए रुकेंगे. लद्दाख के सांसद जामयांग त्सेरिंग नामग्याल ने कहा कि दलाई लामा आज लेह पहुंचे और उन्होंने लोगों को बौद्ध धर्म की शिक्षाओं पर उपदेश देने का आश्वासन दिया. हमें उम्मीद है कि वह यहां लंबे समय तक रहेंगे. लोगों को यह भी उम्मीद है कि वह जांस्कर (Zanskar) क्षेत्र का भी दौरा करेंगे.

इससे पहले दलाई लामा जम्मू के दौरे पर थे. उन्होंने गुरुवार को कहा था कि वह अपनी मातृभूमि को चीन से अलग नहीं करना चाहते, बल्कि अपने लोगों के लिए अधिक स्वायत्तता की मांग कर रहे हैं. उन्होंने जम्मू में मीडिया से कहा, 'चीन में लोग तेजी से महसूस कर रहे हैं कि मैं तिब्बत की स्वतंत्रता की मांग नहीं कर रहा हूं, बल्कि स्वायत्तता और इसकी बौद्ध संस्कृति के संरक्षण की मांग कर रहा हूं.'

दलाई लामा ने कहा कि कुछ ही चीनी कट्टरपंथी उन्हें अलगाववादी मानते हैं. नोबेल शांति पुरस्कार विजेता शुक्रवार को लद्दाख की यात्रा कर रहे हैं, जहां वह प्रवचन देने और अनुयायियों से मिलने के लिए एक महीने के लिए रुकेंगे.

Last Updated : Jul 15, 2022, 5:42 PM IST
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