नई दिल्ली : इंडो-पैसिफिक (Indo-Pacific) में चाहे वह दक्षिण चीन सागर (South China Sea) में हो, ताइवान स्ट्रेट (Taiwan Straits) हो या पूर्वी चीन सागर या पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र हो, इस सभी इलाकों में नौसेना युद्ध अभ्यास (Naval war exercises) किए जाएंगे. हालांकि, जहां तक अभ्यास कार्यकर्मों के पैमाने (scale of the events), कवर किए गए क्षेत्र, भाग लेने वाले देशों और नौसेना की सैन्य संपत्ति (naval military assets) की संख्या का संबंध है, वे नए मानक स्थापित कर रहे हैं.
शुक्रवार (6 अगस्त) को यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड के प्रमुख एडमिरल जॉन एक्विलिनो (Admiral John Aquilino) क आभासी उपस्थिति के दौरान कहा कि अमेरिका के पास ग्रह पर दुनिया की सबसे बड़ी सेना है. हम यहां शांति सुनिश्चित करने और ऑपरेट करने के लिए हैं और क्षेत्र के माध्यम से समृद्धि, और हमें यह सुनिश्चित करने की स्थिति में होना चाहिए कि यथास्थिति बनी रहे, जिस तरह यह ताइवान (applies to Taiwan) पर लागू होती है.
इस दिन चीन के पीएलए (China's PLA ) ने दक्षिण चीन सागर में एक विशाल क्षेत्र में पांच दिवसीय सैन्य अभ्यास ( five-day military exercise) शुरू किया, जो पहले से ही नेविगेशन के लिए प्रतिबंधित (restricted for navigation) है.
व्यापक रूप से यह उम्मीद की जाती है कि पीएलए मध्यम दूरी की एंटी-शिप बैलिस्टिक मिसाइल (medium-range anti-ship ballistic missiles) DF-21 Dऔर DF -26 लॉन्च कर सकती है, जिसे कुछ लोग एयरक्राफ्ट कैरियर किलर (aircraft carrier killers) भी कहते हैं.
इस पीएलए अभ्यास के पीछे एक मुख्य विचार संयुक्त अभियान आयोजित करना है जहां चीन की सैन्य सेवाओं (China's military services) के विभिन्न हथियार भाग लेंगे.
गौरतलब है कि भारत इस बार दक्षिण पूर्व एशिया (Southeast Asia ) और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में महीने भर की तैनाती के लिए ब्लॉक पर गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर रणविजय (Guided Missile Destroyer Ranvijay), गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट शिवालिक (uided Missile Frigate Shivalik), एंटी-सबमरीन कार्वेट कदमत (Anti-Submarine Corvette Kadmatt) और गाइडेड मिसाइल कार्वेट कोरा (Guided Missile Corvette Kora) को दक्षिण चीन सागर में उनके दो के हिस्से के रूप में भेज रहा है.
तैनाती के दौरान भारतीय नौसेना के युद्धपोत वियतनाम, फिलीपींस, सिंगापुर, इंडोनेशिया और ऑस्ट्रेलियाई नौसेनाओं के साथ द्विपक्षीय अभ्यास में भाग लेंगे.
बहुपक्षीय अभ्यास मालाबार -21 (multilateral exercise MALABAR-21) जिसके महीने के अंत तक शुरू होने की उम्मीद है. इसमें भारतीय जहाज 'क्वाड' देशों के साथ अन्य सदस्य-अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथ पश्चिमी प्रशांत महासागर (western Pacific waters ) में गुआम के पास अभ्यास करेंगे.
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'क्वाड' सुरक्षा वार्ता उन देशों का समूह है, जिन्हें चीन विरोधी (anti-China platform) एक साझा मंच पर आधारित देखा जाता है.
तीन अगस्त से, यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड (INDOPACOM) ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में एक विशाल अभ्यास 'लार्ज स्केल ग्लोबल एक्सरसाइज 21 (LSGE21)' शुरू किया.
दिलचस्प बात यह है कि अमेरिकी सेना, वायु सेना (USAF), यूएस नेवी और यूएस मरीन कॉर्प्स (US Marine Corps ) को एक साथ लाने के अलावा, सभी डोमेन अभ्यास में यूके आर्मी, ऑस्ट्रेलियाई रक्षा बल (Australian Defence Force), और जापान सेल्फ-डिफेंस फोर्स (Japan Self-Defense Force) शामिल हैं.
इसे पिछले 40 वर्षों में सबसे बड़ा नौसैनिक अभ्यास माना जा रहा है, LSGE21 का समापन 27 अगस्त को होगा.
इस बीच HMS क्वीन एलिजाबेथ वाहक (Queen Elizabeth carrier) और एक जर्मन फ्रिगेट बायर्न (German frigate Bayern) के नेतृत्व में यूके एयरक्राफ्ट कैरियर स्ट्राइक ग्रुप पहले से ही इस क्षेत्र में हैं और दो अगस्त को दक्षिण चीन सागर के माध्यम से रवाना हुए हैं.