ETV Bharat / bharat

वानखेड़े के पिता का मानहानि वाद गैर-कानूनी कृत्यों को छुपाने का प्रयास : मलिक ने काेर्ट में किया दावा - NCB Cruise Drugs Case Latest News

महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने मंगलवार को बंबई उच्च न्यायालय में दावा किया कि स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) की मुंबई क्षेत्रीय इकाई के निदेशक समीर वानखेड़े के पिता ज्ञानदेव वानखेड़े द्वारा उनके खिलाफ दायर किया गया मानहानि वाद केवल भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी के 'गैर-कानूनी' कृत्यों को छिपाने का एक प्रयास है. उन्होंने यह भी दावा किया उनका कोई बयान झूठा नहीं है.

वानखेड़े
वानखेड़े
author img

By

Published : Nov 9, 2021, 8:21 PM IST

Updated : Nov 9, 2021, 8:32 PM IST

मुंबई : महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने मंगलवार को बंबई उच्च न्यायालय में दावा किया कि स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) की मुंबई क्षेत्रीय इकाई के निदेशक समीर वानखेड़े के पिता ज्ञानदेव वानखेड़े द्वारा उनके खिलाफ दायर किया गया मानहानि वाद केवल भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी के 'गैर-कानूनी' कृत्यों को छिपाने का एक प्रयास है. उन्होंने यह भी दावा किया उनका कोई बयान झूठा नहीं है.

ज्ञानदेव वानखेड़े ने मलिक के खिलाफ मानहानि का केस दायर किया है, जिसमें उनके बेटे समीर वानखेड़े और परिवार के खिलाफ संवाददाता सम्मेलन और सोशल मीडिया के जरिए कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए मंत्री से 1.25 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा गया है. इसके जवाब में मलिक ने मंगलवार का उच्च न्यायालय में यह हलफनामा दाखिल किया.

इस मामले में उच्च न्यायालय बुधवार को आगे सुनवाई करेगा. नवाब मलिक ने अपने हलफनामे में कहा है कि उनका कोई भी बयान गलत नहीं था और उनके द्वारा उपलब्ध कराए गए साक्ष्यों के जरिए सरकारी तंत्र को समीर वानखेड़े के खिलाफ सुधारात्मक कदम उठाने में मदद मिली जो कि हाल तक क्रूज पर कथित तौर पर मादक पदार्थ जब्ती मामले समेत अन्य कई चर्चित मामलों की जांच कर रहे थे.

क्रूज मामले में बॉलीवुड अभिनेता शहारूख खान के बेटे आर्यन खान भी आरोपी हैं. हलफनामें में कहा गया, 'समीर वानखेड़े सर्तकता जांच का सामना कर रहे हैं और एनसीबी के निदेशक ने समीर वानखेड़े के नेतृत्व वाली इसकी मुंबई इकाई से कुल छह मामलों का स्थानांतरण एनसीबी की दिल्ली इकाई को कर दिया है.

इसमें कहा गया, 'समीर वानखेड़े के खिलाफ शुरू की गई कार्रवाई प्रतिवादी (मलिक) द्वारा पेश किए गए साक्ष्यों की सत्यता दर्शाती है. राकांपा के नेता ने हलफनामे में यह भी वादकारी ज्ञानदेव वानखेड़े ने मौजूदा वाद दायर करके बचावकर्ता को संविधान के अनुच्छेद 19 में प्रदत्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार को सीमित करने का प्रयास किया है. यही नहीं, मलिक ने यह भी दावा किया है कि मानहानि का यह वाद ज्ञानदेव वानखेड़े के पुत्र समीर वानखेड़े द्वारा किये गये गैरकानूनी कृत्यों पर पर्दा डालने के प्रयास के अलावा कुछ नहीं है.

मलिक ने इस वाद को खारिज करने का अनुरोध करते हुए हलफनामे में कहा है कि यह विचार योग्य नहीं है क्योंकि वादकारी सिर्फ अपने लिए ही नहीं बल्कि अपने परिवार के सदस्यों के लिए भी राहत मांग रहा है.

महाराष्ट्र सरकार के इस मंत्री ने वानखेड़े के खिलाफ अपने धर्म के बारे में छल करने से लेकर झूठ बोलने जैसे आरोप लगाये हैं. उन्होंने कहा है कि वादकारी अपने परिवार के सदस्यों की ओर से प्रतिनिधित्व वाला वाद दायर नहीं कर सकता.

पढ़ें : समीर वानखड़े के पिता ने नवाब मलिक पर किया 1.25 करोड़ के मानहानि का मुकदमा

(पीटीआई-भाषा)

मुंबई : महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने मंगलवार को बंबई उच्च न्यायालय में दावा किया कि स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) की मुंबई क्षेत्रीय इकाई के निदेशक समीर वानखेड़े के पिता ज्ञानदेव वानखेड़े द्वारा उनके खिलाफ दायर किया गया मानहानि वाद केवल भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी के 'गैर-कानूनी' कृत्यों को छिपाने का एक प्रयास है. उन्होंने यह भी दावा किया उनका कोई बयान झूठा नहीं है.

ज्ञानदेव वानखेड़े ने मलिक के खिलाफ मानहानि का केस दायर किया है, जिसमें उनके बेटे समीर वानखेड़े और परिवार के खिलाफ संवाददाता सम्मेलन और सोशल मीडिया के जरिए कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए मंत्री से 1.25 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा गया है. इसके जवाब में मलिक ने मंगलवार का उच्च न्यायालय में यह हलफनामा दाखिल किया.

इस मामले में उच्च न्यायालय बुधवार को आगे सुनवाई करेगा. नवाब मलिक ने अपने हलफनामे में कहा है कि उनका कोई भी बयान गलत नहीं था और उनके द्वारा उपलब्ध कराए गए साक्ष्यों के जरिए सरकारी तंत्र को समीर वानखेड़े के खिलाफ सुधारात्मक कदम उठाने में मदद मिली जो कि हाल तक क्रूज पर कथित तौर पर मादक पदार्थ जब्ती मामले समेत अन्य कई चर्चित मामलों की जांच कर रहे थे.

क्रूज मामले में बॉलीवुड अभिनेता शहारूख खान के बेटे आर्यन खान भी आरोपी हैं. हलफनामें में कहा गया, 'समीर वानखेड़े सर्तकता जांच का सामना कर रहे हैं और एनसीबी के निदेशक ने समीर वानखेड़े के नेतृत्व वाली इसकी मुंबई इकाई से कुल छह मामलों का स्थानांतरण एनसीबी की दिल्ली इकाई को कर दिया है.

इसमें कहा गया, 'समीर वानखेड़े के खिलाफ शुरू की गई कार्रवाई प्रतिवादी (मलिक) द्वारा पेश किए गए साक्ष्यों की सत्यता दर्शाती है. राकांपा के नेता ने हलफनामे में यह भी वादकारी ज्ञानदेव वानखेड़े ने मौजूदा वाद दायर करके बचावकर्ता को संविधान के अनुच्छेद 19 में प्रदत्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार को सीमित करने का प्रयास किया है. यही नहीं, मलिक ने यह भी दावा किया है कि मानहानि का यह वाद ज्ञानदेव वानखेड़े के पुत्र समीर वानखेड़े द्वारा किये गये गैरकानूनी कृत्यों पर पर्दा डालने के प्रयास के अलावा कुछ नहीं है.

मलिक ने इस वाद को खारिज करने का अनुरोध करते हुए हलफनामे में कहा है कि यह विचार योग्य नहीं है क्योंकि वादकारी सिर्फ अपने लिए ही नहीं बल्कि अपने परिवार के सदस्यों के लिए भी राहत मांग रहा है.

महाराष्ट्र सरकार के इस मंत्री ने वानखेड़े के खिलाफ अपने धर्म के बारे में छल करने से लेकर झूठ बोलने जैसे आरोप लगाये हैं. उन्होंने कहा है कि वादकारी अपने परिवार के सदस्यों की ओर से प्रतिनिधित्व वाला वाद दायर नहीं कर सकता.

पढ़ें : समीर वानखड़े के पिता ने नवाब मलिक पर किया 1.25 करोड़ के मानहानि का मुकदमा

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Nov 9, 2021, 8:32 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.