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W Bengal Adenovirus Cases : एडेनोवायरस के लक्षण दिखने पर दिशा-निर्देश जारी,खबर पर क्लिक कर जानिए क्या करें व क्या न करें

Adenovirus Update : राज्य सरकार एडेनोवायरस संबंधी संकट की स्थिति की समीक्षा के लिए आठ सदस्यीय टास्क फोर्स का गठन कर चुकी है. हालांकि, इस समिति में किसी विशेषज्ञ बाल रोग विशेषज्ञ की अनुपस्थिति पर सवाल उठाए गए हैं. स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के निजी अस्पतालों और नर्सिग होम को आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए अपनी तैयारियों की रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है.

W. Bengal Adenovirus Cases
एडेनोवायरस
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Published : Mar 17, 2023, 9:05 AM IST

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में एडेनोवायरस संबंधी लक्षणों के साथ भर्ती होने वाले बच्चों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने गुरुवार को बच्चों में ऐसे लक्षण दिखने पर क्या करें और क्या न करें पर एक परामर्श जारी किया. एडवाइजरी के अनुसार, ऐसे लक्षणों वाले बच्चों को भीड़-भाड़ वाली जगहों से दूर रखा जाना चाहिए और जब तक वे पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाते, तब तक अभिभावकों को उन्हें स्कूलों में भेजने से बचना चाहिए.

एडवाइजरी में कहा गया है कि खांसी और जुकाम के साथ पांच दिनों से अधिक समय तक बुखार रहना, सांस फूलना, भूख न लगना, उनींदापन और कम पेशाब आना इसके सामान्य लक्षण हैं. एडवाइजरी के अनुसार, वृद्ध व्यक्ति भी एडेनोवायरस से प्रभावित हो सकते हैं और लक्षण समान होते हैं. उनके लिए सलाह है कि पानी और तरल पदार्थो का अधिक सेवन करें. इस बीच, स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के निजी अस्पतालों और नर्सिग होम को इस संबंध में किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए अपनी तैयारियों की रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है.

टास्क फोर्स पर सवाल
राज्य सरकार संकट की उभरती स्थिति की समीक्षा के लिए पहले ही आठ सदस्यीय टास्क फोर्स का गठन कर चुकी है. हालांकि, इस समिति में किसी विशेषज्ञ बाल रोग विशेषज्ञ की अनुपस्थिति पर विशेष रूप से इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए सवाल उठाए गए हैं कि एडेनोवायरस से संबंधित लक्षणों में भर्ती होने वाले अधिकांश बच्चे हैं. इसने हाल ही में कहा है कि प्रभावित बच्चों की पहचान के लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर सर्वे करेंगे, ताकि जल्द उपचार की प्रक्रिया शुरू की जा सके. स्वास्थ्य विभाग कथित तौर पर जिला अस्पतालों द्वारा मामलों को शहरों के अस्पतालों में रेफर करने की प्रवृत्ति के बारे में भी सख्ती बरत रहा है, इस प्रकार बाद में उन पर अतिरिक्त दबाव डाला जा रहा है.

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में एडेनोवायरस संबंधी लक्षणों के साथ भर्ती होने वाले बच्चों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने गुरुवार को बच्चों में ऐसे लक्षण दिखने पर क्या करें और क्या न करें पर एक परामर्श जारी किया. एडवाइजरी के अनुसार, ऐसे लक्षणों वाले बच्चों को भीड़-भाड़ वाली जगहों से दूर रखा जाना चाहिए और जब तक वे पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाते, तब तक अभिभावकों को उन्हें स्कूलों में भेजने से बचना चाहिए.

एडवाइजरी में कहा गया है कि खांसी और जुकाम के साथ पांच दिनों से अधिक समय तक बुखार रहना, सांस फूलना, भूख न लगना, उनींदापन और कम पेशाब आना इसके सामान्य लक्षण हैं. एडवाइजरी के अनुसार, वृद्ध व्यक्ति भी एडेनोवायरस से प्रभावित हो सकते हैं और लक्षण समान होते हैं. उनके लिए सलाह है कि पानी और तरल पदार्थो का अधिक सेवन करें. इस बीच, स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के निजी अस्पतालों और नर्सिग होम को इस संबंध में किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए अपनी तैयारियों की रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है.

टास्क फोर्स पर सवाल
राज्य सरकार संकट की उभरती स्थिति की समीक्षा के लिए पहले ही आठ सदस्यीय टास्क फोर्स का गठन कर चुकी है. हालांकि, इस समिति में किसी विशेषज्ञ बाल रोग विशेषज्ञ की अनुपस्थिति पर विशेष रूप से इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए सवाल उठाए गए हैं कि एडेनोवायरस से संबंधित लक्षणों में भर्ती होने वाले अधिकांश बच्चे हैं. इसने हाल ही में कहा है कि प्रभावित बच्चों की पहचान के लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर सर्वे करेंगे, ताकि जल्द उपचार की प्रक्रिया शुरू की जा सके. स्वास्थ्य विभाग कथित तौर पर जिला अस्पतालों द्वारा मामलों को शहरों के अस्पतालों में रेफर करने की प्रवृत्ति के बारे में भी सख्ती बरत रहा है, इस प्रकार बाद में उन पर अतिरिक्त दबाव डाला जा रहा है.

(आईएएनएस)

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