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बेरोजगारों से कमाई ! एमपी में व्यापम ने 10 साल में परीक्षा फीस से वसूले एक हजार करोड़ रुपये

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Published : Mar 16, 2022, 2:31 PM IST

मध्य प्रदेश में व्यापम (पीईबी) परीक्षाओं के जरिए बेरोजगारों से करोड़ों रुपये कमा रहा है. हर साल व्यापम को 45 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा होता है, जबकि उसका खर्च 41 करोड़ रुपये ही है. पिछले 10 साल में आयोजित परीक्षाओं में फीस के जरिए व्यापम ने 1,046 करोड़ रुपए वसूले. (MP Budget Session 2022)(MP Professional Examination Board )

Vyapam earned one thousand crores from examination fees in 10 years from unemployed youths
बेरोजगारों से कमाई ! एमपी में व्यापम ने 10 साल में परीक्षा फीस से वसूले एक हजार करोड़ रुपये

भोपाल: मध्य प्रदेश में सरकारी नौकरी में भर्ती एवं शिक्षण संस्थानों में प्रवेश परीक्षाओं की जिम्मेदारी निभाने वाली सरकारी एजेंसी व्यापम (प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड) ने परीक्षा फीस के जरिए 10 साल में एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम वसूल की, इसमें उसे पांच सौ करोड़ से ज्यादा की आमदनी हुई.

व्यापम ने परीक्षाओं की फीस से वसूले 1,046 करोड़ रुपए

विधानसभा में कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी द्वारा पूछे गए लिखित सवाल के जवाब में तकनीकी शिक्षा मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने बताया कि व्यापमं द्वारा बीते 10 साल में आयोजित परीक्षाओं में फीस के जरिए 1,046 करोड़ रुपए वसूले गये जबकि व्यापम का सभी तरह का खर्च सिर्फ 502 करोड़ हुआ. जीतू पटवारी के प्रश्न का जबाब देते हुए मंत्री ने बताया कि व्यापम (पीईबी) के पांच अलग-अलग बैंक खातों में 404 करोड़ से अधिक की राशि जमा है.

प्रदेश की बेरोजगारी हुई जाहिर: जीतू पटवारी

पटवारी का कहना है कि प्रदेश में आयोजित होने वाली भर्ती परीक्षाओं में हर साल लाखों बेरोजगार शामिल होते हैं. इससे प्रदेश में बेरोजगारी का भी पता चलता है. 2017 में व्यापम ने 15 परीक्षाएं लीं, जिनमें 36 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए. व्यापम ने सबसे ज्यादा फीस पटवारी, पुलिस, जेल प्रहरी, शिक्षक भर्ती की परीक्षा के नाम पर वसूली.

ये भी पढ़ें- दिल्ली की तर्ज पर पंजाब का विकास होगा: CM भगवंत मान

हर साल 45 करोड़ रुपए का मुनाफा, खर्च 41 करोड़
पूर्व मंत्री जीतू पटवारी की ओर से कहा गया है कि सरकार द्वारा विधानसभा में व्यापम की कमाई के जो आंकड़े पेश किए हैं, उसके अनुसार यदि परीक्षा फीस में 50 फीसदी कटौती की जाती है फिर भी व्यापम फायदे में रहेगा, क्योंकि व्यापम सभी तरह की परीक्षाएं निजी एजेंसियों के जरिए आयोजित कराता है. इसके एवज में हर साल करोड़ों रुपए का भुगतान होता है. पिछले 10 साल की फीस वसूली के अनुसार व्यापम हर साल 45 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा कमा रहा है, जबकि हर साल औसत खर्च 41 करोड़ है.

(एजेंसी-आईएएनएस)

भोपाल: मध्य प्रदेश में सरकारी नौकरी में भर्ती एवं शिक्षण संस्थानों में प्रवेश परीक्षाओं की जिम्मेदारी निभाने वाली सरकारी एजेंसी व्यापम (प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड) ने परीक्षा फीस के जरिए 10 साल में एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम वसूल की, इसमें उसे पांच सौ करोड़ से ज्यादा की आमदनी हुई.

व्यापम ने परीक्षाओं की फीस से वसूले 1,046 करोड़ रुपए

विधानसभा में कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी द्वारा पूछे गए लिखित सवाल के जवाब में तकनीकी शिक्षा मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने बताया कि व्यापमं द्वारा बीते 10 साल में आयोजित परीक्षाओं में फीस के जरिए 1,046 करोड़ रुपए वसूले गये जबकि व्यापम का सभी तरह का खर्च सिर्फ 502 करोड़ हुआ. जीतू पटवारी के प्रश्न का जबाब देते हुए मंत्री ने बताया कि व्यापम (पीईबी) के पांच अलग-अलग बैंक खातों में 404 करोड़ से अधिक की राशि जमा है.

प्रदेश की बेरोजगारी हुई जाहिर: जीतू पटवारी

पटवारी का कहना है कि प्रदेश में आयोजित होने वाली भर्ती परीक्षाओं में हर साल लाखों बेरोजगार शामिल होते हैं. इससे प्रदेश में बेरोजगारी का भी पता चलता है. 2017 में व्यापम ने 15 परीक्षाएं लीं, जिनमें 36 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए. व्यापम ने सबसे ज्यादा फीस पटवारी, पुलिस, जेल प्रहरी, शिक्षक भर्ती की परीक्षा के नाम पर वसूली.

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हर साल 45 करोड़ रुपए का मुनाफा, खर्च 41 करोड़
पूर्व मंत्री जीतू पटवारी की ओर से कहा गया है कि सरकार द्वारा विधानसभा में व्यापम की कमाई के जो आंकड़े पेश किए हैं, उसके अनुसार यदि परीक्षा फीस में 50 फीसदी कटौती की जाती है फिर भी व्यापम फायदे में रहेगा, क्योंकि व्यापम सभी तरह की परीक्षाएं निजी एजेंसियों के जरिए आयोजित कराता है. इसके एवज में हर साल करोड़ों रुपए का भुगतान होता है. पिछले 10 साल की फीस वसूली के अनुसार व्यापम हर साल 45 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा कमा रहा है, जबकि हर साल औसत खर्च 41 करोड़ है.

(एजेंसी-आईएएनएस)

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