मॉस्को: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत में सितंबर में आयोजित होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन में भाग ले सकते हैं, लेकिन इस बारे में अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं किया गया है. पुतिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने सोमवार को इस बात की जानकारी दी है. यह पूछे जाने पर कि भारत में होने वाले शिखर सम्मेलन में क्या पुतिन भाग ले सकते हैं, पेस्कोव ने कहा कि इससे इनकार नहीं किया जा सकता. रूस की सरकारी समाचार एजेंसी 'तास' ने पेस्कोव के हवाले से कहा कि लेकिन इस बारे में अभी कोई फैसला नहीं किया गया है.
पेस्कोव ने कहा कि रूस जी20 प्रारूप में अपनी पूर्ण भागीदारी जारी रखे हुए है और हम इसे बनाए रखने का इरादा रखते हैं. इंडोनेशिया के बाली में पिछले साल हुए जी20 नेताओं के मंच पर रूसी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व उसके विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने किया था. पुतिन 2020 और 2021 में डिजिटल तरीके से जी20 शिखर सम्मेलन को संबोधित किया था. जी20 के सदस्य देशों के नेताओं का शिखर सम्मेलन नौ और 10 सितंबर को नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा.
भारत के लिए रूस से यात्री उड़ानों का संचालन बढ़ाने पर दोनों देशों की सहमति
बता दें कि हाल ही में भारत और रूस अपने द्विपक्षीय हवाई सेवा समझौते को संशोधित करने के लिए सैद्धांतिक रूप से सहमत हुए हैं. इसके तहत रूसी विमानन कंपनियों को विभिन्न भारतीय शहरों के लिए लगभग 64 साप्ताहिक उड़ानें संचालित करने की अनुमति दी जाएगी. मौजूदा समझौते के तहत रूस भारत के लिए एक सप्ताह में सिर्फ 52 यात्री उड़ानें संचालित कर सकता है. इस बारे में जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने बताया कि भारत सैद्धांतिक रूप से साप्ताहिक उड़ानों की संख्या बढ़ाने पर सहमत हो गया है.
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आगे उन्होंने कहा कि अब रूसी विमानन कंपनियां भारत के लिए 52 की बजाय 64 उड़ान संचालित कर सकती हैं. इस संबंध में, द्विपक्षीय हवाई सेवा समझौते में उचित समय पर संशोधन किया जाएगा. वर्तमान में एयरोफ्लॉट भारत के लिए सात साप्ताहिक उड़ानें संचालित करती है, जबकि भारत की कोई भी उड़ान रूस के लिए संचालित नहीं है. हालांकि पहले, एयर इंडिया की उड़ानें मास्को जाती थीं. नाम गोपनीय रखने की शर्त पर अधिकारी ने यह भी बताया कि भारत में संचालन के लिए मंजूरी प्राप्त अधिकतम साप्ताहिक उड़ानों के कोटे का पूरा उपयोग करने में रूसी वाहकों को कुछ समय लगेगा.
(पीटीआई-भाषा)