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Vivekananda Reddy murder case: विवेकानंद रेड्डी हत्याकांड में कडप्पा सांसद को झटका

विवेकानंद रेड्डी 2019 के आम चुनावों से एक महीने पहले 15 मार्च, 2019 को कडप्पा जिले के पुलिवेंदुला स्थित अपने आवास पर रहस्यमय तरीके से मृत पाए गए थे. राज्य के 68 वर्षीय पूर्व मंत्री और पूर्व सांसद अपने घर पर अकेले थे, तभी अज्ञात लोगों ने उनके घर में घुसकर हत्या कर दी.

Etv Bharat Vivekananda Reddy murder case shocks Cuddapah MP
Etv Bharat विवेकानंद रेड्डी हत्याकांड में कडप्पा सांसद को झटका
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Published : Mar 17, 2023, 1:30 PM IST

हैदराबाद: कडप्पा के सांसद वाई.एस. अविनाश रेड्डी को झटका देते हुए तेलंगाना उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को उनके चाचा और आंध्र प्रदेश के पूर्व मंत्री वाई.एस. विवेकानंद रेड्डी के हत्या के मामले में सीबीआई को उनके खिलाफ आगे की कार्यवाही रोकने का निर्देश देने की मांग खारिज कर दी. अदालत ने फैसला सुनाया कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) मामले में अपनी जांच जारी रख सकती है. हालांकि, अदालत ने एजेंसी को मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी के चचेरे भाई अविनाश रेड्डी से वीडियो और ऑडियो रिकॉर्ड के जरिए पूछताछ करने के लिए कहा.

सोमवार को आदेश सुरक्षित रखने वाले न्यायमूर्ति के. लक्ष्मण ने शुक्रवार को फैसला सुनाया. न्यायाधीश ने पूछताछ के दौरान अपने वकील को उपस्थित रहने की सांसद की याचिका को भी खारिज कर दिया. अविनाश ने अपनी रिट याचिका में दावा किया था कि सीबीआई हत्या की अपनी जांच में अनुचित व्यवहार कर रही है. उन्होंने दावा किया कि सीबीआई उन्हें हत्या में प्राथमिक साजिशकर्ता के रूप में चित्रित करने का प्रयास कर रही थी. उन्होंने सीबीआई पर पूछताछ के दौरान प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने का भी आरोप लगाया. नतीजतन, उन्होंने सीबीआई को उपरोक्त मामले में गिरफ्तार नहीं करने का आदेश देने के लिए अदालत से आग्रह किया.

सांसद के वकील ने कहा कि सीबीआई विवेकानंद रेड्डी के दामाद एन. राजशेखर रेड्डी और उनकी दूसरी पत्नी शमीम की संलिप्तता की जांच नहीं कर रही है. उन्होंने अदालत को बताया कि विवेकानंद ने 2010 में शमीम से दूसरी शादी की थी. उन्होंने एक लड़के को जन्म दिया. दूसरी शादी के कारण विवेका का परिवार बंट गया था. अदालत को बताया गया कि वित्तीय लेन-देन के कारण भी असहमति हुई है
विवेकानंद रेड्डी की बेटी सुनीता रेड्डी ने भी इस मामले में पक्षकार बनाया था. उसके वकील ने प्रस्तुत किया था कि अविनाश रेड्डी द्वारा सीबीआई और उसके खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं, क्योंकि वह केवल मामले को मुख्य मुद्दे से हटाने की कोशिश कर रहे हैं. उसने आरोप लगाया कि अविनाश रेड्डी हत्या में मुख्य साजिशकर्ता थे.

पढ़ें: पंजाब में पिता को मारने आए बदमाशों का निशाना चूका, 6 वर्षीय बच्चे को लगी गोली

विवेकानंद रेड्डी 2019 के आम चुनावों से एक महीने पहले 15 मार्च, 2019 को कडप्पा जिले के पुलिवेंदुला स्थित अपने आवास पर रहस्यमय तरीके से मृत पाए गए थे. राज्य के 68 वर्षीय पूर्व मंत्री और पूर्व सांसद अपने घर पर अकेले थे, तभी अज्ञात लोगों ने उनके घर में घुसकर हत्या कर दी.

आईएएनएस

हैदराबाद: कडप्पा के सांसद वाई.एस. अविनाश रेड्डी को झटका देते हुए तेलंगाना उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को उनके चाचा और आंध्र प्रदेश के पूर्व मंत्री वाई.एस. विवेकानंद रेड्डी के हत्या के मामले में सीबीआई को उनके खिलाफ आगे की कार्यवाही रोकने का निर्देश देने की मांग खारिज कर दी. अदालत ने फैसला सुनाया कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) मामले में अपनी जांच जारी रख सकती है. हालांकि, अदालत ने एजेंसी को मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी के चचेरे भाई अविनाश रेड्डी से वीडियो और ऑडियो रिकॉर्ड के जरिए पूछताछ करने के लिए कहा.

सोमवार को आदेश सुरक्षित रखने वाले न्यायमूर्ति के. लक्ष्मण ने शुक्रवार को फैसला सुनाया. न्यायाधीश ने पूछताछ के दौरान अपने वकील को उपस्थित रहने की सांसद की याचिका को भी खारिज कर दिया. अविनाश ने अपनी रिट याचिका में दावा किया था कि सीबीआई हत्या की अपनी जांच में अनुचित व्यवहार कर रही है. उन्होंने दावा किया कि सीबीआई उन्हें हत्या में प्राथमिक साजिशकर्ता के रूप में चित्रित करने का प्रयास कर रही थी. उन्होंने सीबीआई पर पूछताछ के दौरान प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने का भी आरोप लगाया. नतीजतन, उन्होंने सीबीआई को उपरोक्त मामले में गिरफ्तार नहीं करने का आदेश देने के लिए अदालत से आग्रह किया.

सांसद के वकील ने कहा कि सीबीआई विवेकानंद रेड्डी के दामाद एन. राजशेखर रेड्डी और उनकी दूसरी पत्नी शमीम की संलिप्तता की जांच नहीं कर रही है. उन्होंने अदालत को बताया कि विवेकानंद ने 2010 में शमीम से दूसरी शादी की थी. उन्होंने एक लड़के को जन्म दिया. दूसरी शादी के कारण विवेका का परिवार बंट गया था. अदालत को बताया गया कि वित्तीय लेन-देन के कारण भी असहमति हुई है
विवेकानंद रेड्डी की बेटी सुनीता रेड्डी ने भी इस मामले में पक्षकार बनाया था. उसके वकील ने प्रस्तुत किया था कि अविनाश रेड्डी द्वारा सीबीआई और उसके खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं, क्योंकि वह केवल मामले को मुख्य मुद्दे से हटाने की कोशिश कर रहे हैं. उसने आरोप लगाया कि अविनाश रेड्डी हत्या में मुख्य साजिशकर्ता थे.

पढ़ें: पंजाब में पिता को मारने आए बदमाशों का निशाना चूका, 6 वर्षीय बच्चे को लगी गोली

विवेकानंद रेड्डी 2019 के आम चुनावों से एक महीने पहले 15 मार्च, 2019 को कडप्पा जिले के पुलिवेंदुला स्थित अपने आवास पर रहस्यमय तरीके से मृत पाए गए थे. राज्य के 68 वर्षीय पूर्व मंत्री और पूर्व सांसद अपने घर पर अकेले थे, तभी अज्ञात लोगों ने उनके घर में घुसकर हत्या कर दी.

आईएएनएस

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