बोलपुर: जापान में सुनामी की चेतावनी से दहशत अभी भी खत्म नहीं हुई है. जापान का एक बड़ा हिस्सा इस समय बिजली और पानी की आपूर्ति से वंचित हैं. प्रोफेसर डॉ. सुदीप्त दास ने जापान के टोक्यो से वीडियो कॉल के जरिए ईटीवी भारत को भूकंप प्रभावित जापान के बारे में बताया. विश्वभारती के जापानी विभाग के प्रोफेसर दास इस समय अपनी पत्नी और नवजात बच्चे के साथ शोध के लिए जापान में हैं. वह पश्चिम बंगाल के बोलपुर के रहने वाले हैं.
2024 के पहले दिन उत्तर-मध्य जापान के एक बड़े इलाके में रिक्टर पैमाने पर 7.6 तीव्रता का भूकंप आया. उसके बाद, जापानी सरकार ने खासकर देश के पश्चिमी तटीय क्षेत्र के लिए सुनामी की चेतावनी जारी की. इसके साथ ही तटीय इलाके से लोगों को हटाया गया. जापान में आए भूकंप से अब तक करीब 40 लोगों की मौत हो चुकी है.
डॉ. विश्वभारती के जापानी विभाग के प्रोफेसर सुदीप्त दास इस समय शोध के लिए जापान के टोक्यो में हैं. प्रोफेसर ने भूकंप के बाद के हालात के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि वह और उनका परिवार सुरक्षित है लेकिन जापान के तटीय इलाकों की हालत वाकई खराब है. वर्तमान में जापान में 33,000 घर बिजली या पानी के बिना हैं.
5,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. जापान के समयानुसार शाम 4.30 बजे टोयामा और मियाजाकी के लिए एक नई सुनामी चेतावनी जारी की गई. ज्वार अभी भी लगभग 80 सेमी तक बढ़ रहा है. कई लोग घायल हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. इसके अलावा इशिकावा द्वीप पर वाजिमा शहर में भी आग लगने की घटना सामने आई.
प्रोफेसर दास ने कहा, 'लोग अभी भी घबरा रहे हैं, और मैं भी. मैं यहां अपने परिवार के साथ हूं लेकिन भारतीय दूतावास ने हमें एक हेल्पलाइन नंबर दिया है. जापान सरकार भी स्थिति को जल्द सामान्य करने की कोशिश कर रही है. साल के पहले दिन धरती हिली. भूकंप के हल्के झटके कई बार महसूस किए गए.' चूंकि नए साल के लिए स्कूल और कॉलेज बंद थे, इसलिए कई लोगों की जान बच गई. अन्यथा और अधिक नुकसान होता. भारत से परिवार के सदस्य और दोस्त भी हमारा हालचाल पूछ रहे हैं. प्रोफेसर दास के मुताबिक जापान में दहशत अभी खत्म नहीं हुई है और स्थिति अभी भी गंभीर है.