ETV Bharat / bharat

Vishva Bharti Land Dispute: नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने कहा, आरोपों का कानूनी तौर पर देंगे जवाब

पश्चिम बंगाल में नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन पर विश्व भारती ने भूमि हड़पने के आरोप लगाए हैं. इन आरोपों को अमर्त्य सेन सिरे से नकार दिया है और साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उनके पास जमीन के सारे दस्तावेज मौजूद हैं.

Nobel laureate Amartya Sen
नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन
author img

By

Published : Jan 26, 2023, 10:22 PM IST

बोलपुर: पश्चिम बंगाल में नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने प्रतिष्ठित विश्व भारती द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए भूमि हड़पने के आरोप के बारे में खुलकर बात की. डॉ अमर्त्य सेन ने कहा, 'वकील का पत्र निश्चित रूप से पालन करेगा.' प्रोफेसर सेन ने भी कुलपति के व्यवहार पर असंतोष व्यक्त किया. इसके अलावा, अमर्त्य सेन ने एक बार फिर विश्व भारती की समग्र स्थिति के बारे में रोष व्यक्त किया.

विश्व भारती के छात्रों-अध्यापकों ने गुरुवार को प्रातीची के घर जाकर नोबेल पुरस्कार विजेता से मुलाकात की. बातचीत में अमर्त्य सेन ने विश्व भारती की वर्तमान स्थिति और कुलपति विद्युत चक्रवर्ती की भूमिका को लेकर तरह-तरह की टिप्पणियां कीं. उन्होंने कहा 'साथ ही, दिल्ली में कुछ लोग हैं जो मुझे पसंद नहीं करते हैं.' इसके तुरंत बाद, विश्व भारती के अधिकारियों ने उन्हें फिर से पत्र लिखकर जमीन वापस करने के लिए कहा.

शांतिनिकेतन में 'प्रतिची' घर में 13 डिसमिल अतिरिक्त जमीन है, जो विश्व भारती की है. प्रसिद्ध अर्थशास्त्री ने जोर देकर कहा कि शांति निकेतन में उनके पास जो जमीन है, उनमें से अधिकांश को उनके पिता ने 1940 के दशक में बाजार से खरीदा था, जबकि कुछ अन्य भूखंडों को पट्टे पर लिया था. उन्होंने कहा, 'मैं उनकी (विश्वविद्यालय के अधिकारियों की) सोच में कोई गहराई नहीं देख सका. मैं विश्व भारती विश्वविद्यालय के इस रवैये के पीछे की राजनीति को नहीं भी समझता हूं.'

प्रोफेसर सेन ने कहा, 'यह मेरा आवास है जो 1940 के दशक में विश्वभारती से पट्टे पर ली गई जमीन पर बना है. जमीन हमें 100 साल के लिए पट्टे पर दी गई थी. कुछ जमीन मेरे पिता ने बाजार से नियम-कायदों का पालन करते हुए खरीदी थी.' अर्थशास्त्री ने कहा कि पास के सूरुल के जमींदारों से भूखंड खरीदे गए थे और सौदे से संबंधित आवश्यक दस्तावेज (सरकारी) अधिकारियों को सौंपे जा चुके हैं. उन्होंने कहा, 'मुझे इस मामले में अपना समय बर्बाद करने का कोई कारण नजर नहीं आता.'

पढ़ें: Controversy On Foot Massage: टीएमसी पंचायत सदस्य ने की विधायक के पैरों की मालिश, राजनीति गर्माई

उन्होंने कहा, 'यह समझना बहुत मुश्किल है कि विश्व भारती अचानक मुझे (यहां से) हटाने की कोशिश में सक्रिय क्यों हो गया है.' विश्व भारती ने मंगलवार को सेन से शांतिनिकेतन में जमीन के एक हिस्से को सौंपने को कहा था और दावा किया था कि भूमि के इस हिस्से पर उन्होंने अनधिकृत तरीके से कब्जा किया हुआ है.

बोलपुर: पश्चिम बंगाल में नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने प्रतिष्ठित विश्व भारती द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए भूमि हड़पने के आरोप के बारे में खुलकर बात की. डॉ अमर्त्य सेन ने कहा, 'वकील का पत्र निश्चित रूप से पालन करेगा.' प्रोफेसर सेन ने भी कुलपति के व्यवहार पर असंतोष व्यक्त किया. इसके अलावा, अमर्त्य सेन ने एक बार फिर विश्व भारती की समग्र स्थिति के बारे में रोष व्यक्त किया.

विश्व भारती के छात्रों-अध्यापकों ने गुरुवार को प्रातीची के घर जाकर नोबेल पुरस्कार विजेता से मुलाकात की. बातचीत में अमर्त्य सेन ने विश्व भारती की वर्तमान स्थिति और कुलपति विद्युत चक्रवर्ती की भूमिका को लेकर तरह-तरह की टिप्पणियां कीं. उन्होंने कहा 'साथ ही, दिल्ली में कुछ लोग हैं जो मुझे पसंद नहीं करते हैं.' इसके तुरंत बाद, विश्व भारती के अधिकारियों ने उन्हें फिर से पत्र लिखकर जमीन वापस करने के लिए कहा.

शांतिनिकेतन में 'प्रतिची' घर में 13 डिसमिल अतिरिक्त जमीन है, जो विश्व भारती की है. प्रसिद्ध अर्थशास्त्री ने जोर देकर कहा कि शांति निकेतन में उनके पास जो जमीन है, उनमें से अधिकांश को उनके पिता ने 1940 के दशक में बाजार से खरीदा था, जबकि कुछ अन्य भूखंडों को पट्टे पर लिया था. उन्होंने कहा, 'मैं उनकी (विश्वविद्यालय के अधिकारियों की) सोच में कोई गहराई नहीं देख सका. मैं विश्व भारती विश्वविद्यालय के इस रवैये के पीछे की राजनीति को नहीं भी समझता हूं.'

प्रोफेसर सेन ने कहा, 'यह मेरा आवास है जो 1940 के दशक में विश्वभारती से पट्टे पर ली गई जमीन पर बना है. जमीन हमें 100 साल के लिए पट्टे पर दी गई थी. कुछ जमीन मेरे पिता ने बाजार से नियम-कायदों का पालन करते हुए खरीदी थी.' अर्थशास्त्री ने कहा कि पास के सूरुल के जमींदारों से भूखंड खरीदे गए थे और सौदे से संबंधित आवश्यक दस्तावेज (सरकारी) अधिकारियों को सौंपे जा चुके हैं. उन्होंने कहा, 'मुझे इस मामले में अपना समय बर्बाद करने का कोई कारण नजर नहीं आता.'

पढ़ें: Controversy On Foot Massage: टीएमसी पंचायत सदस्य ने की विधायक के पैरों की मालिश, राजनीति गर्माई

उन्होंने कहा, 'यह समझना बहुत मुश्किल है कि विश्व भारती अचानक मुझे (यहां से) हटाने की कोशिश में सक्रिय क्यों हो गया है.' विश्व भारती ने मंगलवार को सेन से शांतिनिकेतन में जमीन के एक हिस्से को सौंपने को कहा था और दावा किया था कि भूमि के इस हिस्से पर उन्होंने अनधिकृत तरीके से कब्जा किया हुआ है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.