नई दिल्ली: गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय (Minister of State for Home Nityanand Rai) ने राज्यसभा में बताया कि देश भर में वामपंथी उग्रवाद (left wing extremism) जिलों में विकास कार्यों के लिए केंद्र सरकार ने प्रमुख योजनाओं के अलावा विशेष रूप से वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों में कई विशिष्ट पहल की है. जिसमें सड़क नेटवर्क पर जोर, दूरसंचार संपर्क में सुधार, कौशल, शिक्षा और वित्तीय समावेशन की पहल शामिल है.
देश में वामपंथी उग्रवाद की घटनाओं की सूचना देने वाले दो शीर्ष राज्यों का जिक्र करते हुए राय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 525 मोबाइल टावर स्थापित किए जा चुके हैं और अन्य 971 के लिए कार्यादेश जारी कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में वामपंथी उग्रवाद की दो विशिष्ट योजनाओं में 4485 किलोमीटर सड़कें स्वीकृत की गई हैं. जिनमें से 3081 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया जा चुका है. राय ने कहा कि सात औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र, 14 कौशल विकास केंद्र, 44 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय, 17 केंद्रीय विद्यालयों और 15 जवाहर नवोदय विद्यालय को भी मंजूरी दी गई है.
वित्तीय समावेशन के लिए पिछले सात वर्षों में सबसे अधिक प्रभावित वामपंथी उग्रवाद वाले जिलों में 252 बैंक शाखाएं, 218 एटीएम और 3555 बैंकिंग मित्र स्थापित किए गए हैं. राय ने कहा कि नक्सल प्रभावित झारखंड के लिए भी इसी तरह की विकासात्मक पहल की गई है. झारखंड में भी मोबाइल टावर स्थापित करने, सड़कों के विकास और अन्य बुनियादी ढांचे के अलावा राज्य में वित्तीय समावेशन के लिए पहल की गई है. यहां उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ ने 2021 में 50 प्रतिशत (509 देशव्यापी घटनाओं में से 255) और झारखंड ने 25 प्रतिशत (509 देशव्यापी घटनाओं में से 130) वामपंथी उग्रवाद से संबंधित घटनाएं सामने आईं.
ईटीवी भारत के पास सरकारी आंकड़ों के अनुसार वामपंथी उग्रवाद से संबंधित 2009 में 2258 के अब तक के उच्चतम स्तर से 2021 में 509 तक की घटनाओं में 77 प्रतिशत की कमी आई है. इसी तरह परिणामी मौतों (नागरिकों और सुरक्षा बलों) में भी 85 प्रतिशत की कमी आई है, जो 2010 में 1005 के उच्चतम स्तर से 2021 में 147 हो गई है. जम्मू-कश्मीर से संबंधित एक अन्य उत्तर में राय ने संसद में बताया कि केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में बुनियादी ढांचे का उन्नयन बड़े पैमाने पर किया है. 2019 के बाद जम्मू-कश्मीर में सड़क संपर्क, बुनियादी ढांचा, बिजली क्षेत्र में प्रगति हुई है.
राय ने कहा कि 2019 से पहले जम्मू-कश्मीर में सड़क की लंबाई 39345 किलोमीटर थी जो वर्तमान में बढ़कर 41142 किलोमीटर हो गई है. राय ने कहा कि ब्लैकटॉप सड़कों का प्रतिशत भी 66 (2019 से पहले) से बढ़कर वर्तमान में 74 हो गया है. उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) की सड़क की लंबाई 2019 से एक साल पहले हासिल की गई थी 1622 किलोमीटर थी, जो वर्तमान में 2127 किलोमीटर हो गई है. मंत्री ने कहा कि 2019 से पहले जम्मू-कश्मीर में पनबिजली उत्पादन क्षमता 3505 मेगावाट थी, जिसका लक्ष्य सरकार ने अगले पांच वर्षों में 5186 मेगावाट की कुल क्षमता के साथ 21 पनबिजली परियोजनाओं को विकसित करने का लक्ष्य रखा था.
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राय ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा की गई विकासात्मक पहलों ने जम्मू-कश्मीर में कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार करने में मदद की है. सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार 16 अप्रैल 2017 से 4 अगस्त 2019 के दौरान जम्मू-कश्मीर में 843 आतंकवादी घटनाएं हुईं, जिनमें 86 नागरिक और 78 सेना के जवान मारे गए. इसके विपरीत 5 अगस्त 2019 से 22 नवंबर 2021 तक जम्मू-कश्मीर से 496 आतंकवादी घटनाएं हुई हैं, जिसमें 79 नागरिक और सेना के 45 जवान मारे गए थे.