मिर्जापुर: तीन दिन पहले मां विंध्यवासिनी दरबार में अमेरिका और रूस से आए 50 सदस्यीय टीम के एक सदस्य से विंध्याचल के एक तीर्थ पुरोहित ने निर्माणाधीन विंध्य कॉरिडोर के नाम पर पेटीएम के जरिए ऑनलाइन सवा लाख रुपये अपने खाते में ट्रांसफर करा लिए. मामला जिला अधिकारी के संज्ञान में आने पर नगर मजिस्ट्रेट को जांच के आदेश दिए गए है. साथ ही कहा गया है कि संबंधित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर पैसे को सरकारी कोष में जमा कराया जाए.
विश्व प्रसिद्ध विंध्याचल धाम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट विंध्य कॉरिडोर का काम तेजी से चल रहा है. निर्माणाधीन विंध्य कॉरिडोर पर सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है. जब से विंध्य कॉरिडोर का निर्माण चल रहा है, तब से श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है. यहां तक कि विदेशों से भी लोग आकर अब मां की एक झलक पाने के लिए पहुंच रहे हैं. वहीं, एक तीर्थ पुरोहित ने विंध्य कॉरिडोर के निर्माण के नाम पर विदेश से आए मेहमान से सवा लाख रुपये ऐंठ लिए.
तीर्थ पुरोहित ने एक विदेशी श्रद्धालु से कॉरिडोर में योगदान के लिए कहा तो विदेशी मेहमान ने पेटीएम के माध्यम से ऑनलाइन तीर्थ पुरोहित के खाते में 1,25000 रुपये ट्रांसफर कर दिए. पूरा मामला जिला अधिकारी दिव्या मित्तल के संज्ञान में आने पर उन्होंने नगर मजिस्ट्रेट विनय कुमार सिंह को जांच का आदेश दिया है. उन्होंने कहा है कि दोषी व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पैसे को सरकारी कोष में जमा कराया जाए.
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सांस्कृतिक अध्ययन टीम के सदस्य दिवाकर मिश्रा को जब इस बात की जानकारी हुई तो उन्होंने तीर्थ पुरोहित से नाराजगी व्यक्त करते हुए पूछा. तीर्थ पुरोहित ने बताया कि पैसा दान के रूप में लिया है. इतनी बड़ी रकम लेने से नाराज संस्कृति अध्ययन टीम के सदस्य दिवाकर मिश्रा ने तीर्थ पुरोहित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने और मिले पैसे को तत्काल वापस कराने की मांग जिला प्रशासन से की है. उन्होंने कहा कि वापस पैसे को विंध्य कॉरिडोर के निर्माण में खर्च किया जाए. साथ ही प्रशासन से मांग की है कि ऐसे लोगों पर निगरानी रखी जाए, ताकि किसी भी विदेशी मेहमान के साथ इस तरह का वाक्या न होने पाए.