विनायक चतुर्थी : प्रथम पूज्य भगवान गणेश की पूजा का बहुत ही महत्व है, विशेषकर चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश की पूजा अवश्य ही करनी चाहिए चतुर्थी तिथि प्रत्येक महीने 2 बार आती है शुक्ल पक्ष की चतुर्थी और कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि. संकट के समय यदि प्रथम पूज्य भगवान गणेश की पूजा की जाए तो सभी संकट दूर हो जाते हैं. विनायक चतुर्थी का व्रत करने से विघ्न दूर होते हैं और जातक की संतान बुद्धिमान होती है.
हिंदू पंचांग के अनुसार सावन शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 19 अगस्त 2023 को रात 10:17 मिनट पर होगी और 21 अगस्त 2023 को सुबह 12: 25 मिनट पर इसका समापन होगा. विनायक चतुर्थी के दिन गणेश पूजा दोपहर में करना चाहिए, इस दिन चंद्रमा के दर्शन नहीं करना चाहिए. आइए जानते हैं विनायक चतुर्थी की पूजा विधि और विनायक चतुर्थी के उपाय. द्रिक पंचांग के अनुसार पूजा का मुहूर्त - 20 अगस्त 2023 को सुबह 11.26 से दोपहर 01.58 तक.
ऐसे करें विनायक चतुर्थी की व्रत-पूजा
- सबसे पहले सुबह स्नान आदि से निवृत होकर व्रत का व्रत व्रत का संकल्प लें.
- भगवान गणेश को आसन पर स्थापित कर दीप, नैवेद्य, अक्षत व गुड़ का भोग अर्पित करें.
- एक पीले फूलों की माला भी भगवान गणेश को अर्पित करें एवं दूर्वा अवश्य चढ़ाएं.
- संभव हो तो मोदक लड्डू या फिर गुड़ का भोग लगाएं.
- उसके बाद गणेश चतुर्थी की व्रत कथा पढ़ें
- प्रथम पूज्य भगवान गणेश की आरती करें.
- संकटों से छुटकारा पाने के लिए भगवान गणेश के मंत्रों जैसे कि ॐ गं गणपतये नमः , संकटनाशक गणेश स्त्रोत एवं गणेश अथर्वशीर्ष का पाठ करें.
- इस दिन जो व्यक्ति व्रत करने में असमर्थ हैं, वह भगवान गणेश को दूर्वा अर्पित करें इसके साथ हीॐ गं गणपतये नमः मंत्र का जाप करते रहें.
- भगवान गणेश को लड्डू, मोदक अथवा गुड़ का भोग लगाकर जरूरतमंदों में यथा संभव दान करना चाहिए.