अलीबाग : महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के तालिए गांव में कुछ दिन पहले भारी बारिश के बाद प्रतिभा निलेश कोंधलकर को तेज आवाज सुनाई दी और वह अपनी छह साल की बेटी के साथ घर से बाहर निकल आईं. बाद में उन्हें पता चला कि यह भूस्खलन था जिसने गांव के 32 घरों को तहस-नहस कर दिया और कई लोगों की जान ले ली. यह घटना कोंधलकर के लिये गमों का पहाड़ टूटने जैसी थी.
पीड़ित महिला ने बताया, 'भूस्खलन में मेरे पिता, मां और अन्य रिश्तेदारों की मौत हो गई.' महिला ने कहा कि वह हाल में पास के गांव से तालिये में अपने माता-पिता के साथ रहने आई थी, जहां महाराष्ट्र में भारी बारिश के बाद सबसे भीषण भूस्खलन हुआ था.
बृहस्पतिवार को तालिये में हुए भूस्खलन के बाद अब तक 42 शव मिल चुके हैं, जबकि 42 अन्य अब भी लापता हैं.
जिला प्रशासन के अनुसार मृतकों में 17 महिलाएं शामिल हैं.
एक अन्य स्थानीय बबन सकपाल ने कहा कि उन्होंने भी तेज आवाज सुनी और कुछ लोगों के कहने पर कि भूस्खलन हुआ है, वह अपने तीन बच्चों के साथ घर से भाग निकलने में कामयाब रहे.
सकपाल अब अपने परिवार के त्रासदी से बचने के लिए भगवान का शुक्रिया अदा करते हैं.
कुछ स्थानीय लोगों के अनुसार, महाड तालुका के तालिये गांव में एक प्री-प्राइमरी स्कूल के 10 और हाई स्कूल के 12 बच्चों की भी भूस्खलन में मौत हो गई.
एक स्थानीय ग्रामीण ने कहा, 'स्कूल की इमारत सुरक्षित है, लेकिन अब स्कूल आने के लिए कोई छात्र नहीं बचा है.' सशस्त्र बल में काम करने वाले अमोल कोंधलकर ने कहा कि तालिये गांव में भूस्खलन के बाद उनके पिता, मां और पत्नी लापता हैं.
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उन्होंने कहा, 'घटना की खबर मिलने के बाद मैं कल यहां पहुंचा और अपने परिवार के सदस्यों की तलाश कर रहा हूं.' जिला प्रशासन के अनुसार, रायगढ़ किले के पास स्थित हिरकनिवाड़ी गांव में शनिवार को भूस्खलन के बाद करीब 100 घरों में दरारें आ गईं.
इसके अलावा, शनिवार को रायगढ़ के महाड तालुका के अंबेमाची गांव में भूस्खलन की सूचना मिली थी, जिसके बाद राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने 87 ग्रामीणों को सुरक्षित बचा लिया था.
भारी बारिश और भूस्खलन के बाद महाड तालुका पीने के पानी की कमी का सामना कर रहा है. कुछ सामाजिक समूह प्रभावित जगहों पर जरूरी सामान भेज रहे हैं.
जिला प्रशासन के अनुसार अब क्षेत्र में बारिश की तीव्रता कम हो गई है.
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शनिवार को तालिये गांव में संवाददाताओं से कहा कि राज्य के कई हिस्सों में भूस्खलन घातक साबित हुआ है, इसलिए सरकार पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को स्थायी रूप से स्थानांतरित करने की योजना लेकर आएगी.
(पीटीआई-भाषा)