बक्सरः बिहार के बक्सर में शिव सागर तालाब में 100 साल पुराने कछुए को देखकर लोग हैरान हो गए. लोग इस दुर्लभ कछुए को अपने मोबाइल में कैद करने लगे. कुछ लोगों ने तो हद कर दी. कछुए को देख अपनी पीठ पर लादा और मौके से भाग गए. इससे पहले तालाब के किनारे 50 किलो वजनी कछुए की एक झलक देखने के लिए काफी भीड़ उमड़ी. इस पूरी घटना का वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ प्रशासनिक अधिकारियों के पसीने छूट गए.
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तालाब से निकला 50 किलो का कछुआ : दरअसल बक्सर जिले के डुमरांव अनुमण्डल के ब्रह्मपुर स्थित बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर के सैकड़ों साल पुराने तलाब की उड़ाही हो रही थी. इसी दौरान तालाब में 50 किलो से ज्यादा वजनी एक कछुआ मिला, जिसे एक शख्स कुछ लोगों के सहयोग से अपने कंधे पर उठाकर भाग निकला. स्थानीय लोगों की माने तो 100 साल पुराना कछुआ का वजन 50 किलो से ज्यादा था, जिसे बोरे में भरने के दौरान आधा दर्जन से अधिक लोगों के पसीने छूट गए.
सात साल की सजा का है प्रावधानः वीडियो वायरल होने के बाद वन विभाग के अधिकारी कछुए की तालाश में जुट गए है. अधिकारियों की माने तो 100 साल से ज्यादा पुराना कछुए का ही वजन इतना ज्यादा हो सकता है, जिसे पकड़ लेना दंडनीय अपराध है. कछुआ को पकड़ने पर सात साल की सजा हो सकती है. वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 के अनुसार शेडयूल वन के जानवर सहित कछुआ को पकड़ना बेचना और पालना या खाना कानूनन जुर्म है.
"शिवसागर तालाब की उड़ाही हो रही है. तालाब में लोग मछली और कछुआ लूट रहे थे. इसी दौरान एक भारी भरकम काफी पुराना कछुआ भी तलाब के अंदर तैरता दिखाई दिया. जिसका वजन 50 किलो से भी ज्यादा था. जिसे लेकर कुछ ग्रामीण भाग गए"- स्थानीय निवासी
पुलिस के पास भी पहुंचा वीडियोः वहीं इस मामले की जानकारी के लिए जब ब्रह्मपुर थाना प्रभारी के सरकारी नम्बर पर फोन किया गया तो थाने के एसआई सुभाष कुमार ने बताया कि यह वीडियो पुलिस के पास आया है. नए थाना प्रभारी कल चार्ज लेंगे तो एफआईआर कर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
"वीडियो देखा गया है. हमारे पास भी आया है वीडियो इसकी जांच की जाएगी. नए थाना प्रभारी चार्ज लेंगे तो एफआईआर कर आगे की कार्रवाई की जाएगी"- सुभाष कुमार, एसआई
गांव वालों ने की मछली और कछुए की लूटः बता दें कि बिहार सरकार द्वारा बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर के सौंदर्यीकरण के लिए करीब 8 करोड़ 87 लाख रुपए की राशि की स्वीकृति दी गई है. मंदिर के आस-पास और शिवसागर तालाब की सौन्दरीकर्ण की दिशा में पिछले छह महीने से काम चल रहा है. मंदिर परिसर में बरसों पुराने मंदिर के प्रदूषित जल को निकाल कर नया जल भरने का काम हो रहा था. इसी दौरान तालाब से बहुत सारी मछलियां और कछुए निकलने लगे. जिसके बाद मछली और कछुए की लूट मच गई.