चंडीगढ़ : हरियाणा के करनाल स्थित जयसिंहपुरा गांव में सोमवार को कोरोना वैक्सीनेशन के लिए एक शिविर का आयोजन किया गया, लेकिन डॉक्टरों को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा. ग्रामीणों ने वैक्सीनेशन की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए और स्वास्थ्य विभाग की टीम को गांव से वापस लौटा दिया.
ग्रामीण छत्रपाल, सुरेश व कृष्ण ने बताया कि सुबह उनके गांव में स्वास्थ्य विभाग की एक टीम कोरोना के टीके लगाने के लिए आई. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को वैक्सीन की विश्वसनीयता पर संदेह है और पहले भी जिन लोगों के टीके लगाए गए हैं. वो गंभीर परिणाम झेल चुके हैं.
छत्रपाल ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार जानबूझकर किसान आंदोलन को कमजोर करने के लिए हरियाणा और पंजाब में टीकाकरण का अभियान चला रही है, जबकि ऐसा पूरे देश में नहीं किया जा रहा. ग्रामीणों ने कहा कि वो अपने गांव में टीका नहीं लगवाने देंगे.
मामले की सूचना मिलते ही कार्यकारी खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ जयपाल चहल पुलिस बल के साथ मौके पर पंहुचे और ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की गई, लेकिन ग्रामीण नहीं माने और टीम को वापस लौटना पड़ा.
पढ़ें - विश्व स्तर पर कोविड-19 टीकाकरण अभियान- कौन से देश हैं अग्रणी?
डॉक्टर जयपाल चहल ने कहा कि गांव जयसिंहपुरा में कुछ ग्रामीणों ने ये कहकर टीकाकरण का विरोध किया कि टीका स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. उन्होंने कहा कि टीका पूर्ण रूप से सुरक्षित है और बेवजह अफवाह फैलाकर कुछ लोग वैक्सीन को बदनाम कर रहे हैं.