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रेगिस्तान में पहुंचा पानी का कनेक्शन तो महिलाओं ने गाए लोक-गीत

राजस्थान का बाड़मेर यानी थार का मीलों फैला रेगिस्तान. जहां नल से जल किसी कपोल कल्पना से कम नहीं. लेकिन ये कल्पना साकार हो चुकी है. समदड़ी क्षेत्र के 5 गांवों को जल जीवन मिशन के तहत नल कनेक्शन से जोड़ दिया गया है. पानी का कनेक्शन मिलने पर ग्रामीणों की खुशी का ठिकाना नहीं है.

रेगिस्तान में पहुंचा पानी का कनेक्शन
रेगिस्तान में पहुंचा पानी का कनेक्शन
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Published : Jul 9, 2021, 10:57 PM IST

सिवाना (बाड़मेर) : पानी की कमी से जूझने के आदी राजस्थान का बाड़मेर यानी थार इलाके के 5 गांवों में अब नल से जल आएगा. यहां महिलाएं मीलों चलकर पानी ढोकर लाने को मजबूर रही हैं. नल कनेक्शन मिलने के बाद ग्रामीण खुशी से झूम उठे.

बाड़मेर के इन पांच गांवों के ग्रामीणों को पानी लाने के लिए दूर-दराज के इलाकों तक भटकना पड़ता था. महंगे दामों में टैंकरों से पानी लेना पड़ता था. जब गांव के हर एक घर में पानी का कनेक्शन देने के लिए नल लगाए गए तो अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लोकनर्तक मदनलाल भी गांव वालों की इस खुशी में शुमार हुए और पानी मिलने पर जमकर परंपरागत नृत्य किया.

रेगिस्तान में पहुंचा पानी का कनेक्शन

ढोल की थाप पर मिलाए कदम

जिले के समदड़ी स्टेशन में सोमवार को औरतों ने राजस्थानी गीत गाकर और पुरुषों ने ढोल की थाप पर कदम से कदम मिलाकर गांव के हर घर के नल से जुड़ने की खुशी मनाई. समदड़ी स्टेशन बाड़मेर के उन पहले 5 गांवों में से है, जहां सौ फीसदी घर नल से जुड़ गए हैं. दावा है कि 5 गांवों की शुरुआत के बाद दिसंबर 2024 तक बाड़मेर जिले का हर गांव नल से जोड़ दिया जाएगा. ग्रामीणों का कहना है कि पानी के लिए बहुत मुश्किलों का दौर देखा है, लेकिन अब हर घर में नल कनेक्शन हो जाने से उन्हें बेहद खुशी है.

जनप्रतिनिधि कविता के मुताबिक पानी की परेशानी से परिवार का हर सदस्य रूबरू होता था. महिलाओं को ज्यादा परेशान होना पड़ता था. अब उनके गांव का हर घर नल से जुड़ चुका है. यह बहुत खुशी की बात है. समदड़ी स्टेशन की युवा कंचन प्रजापत बताती हैं कि उनका गांव जिले के उन पहले गांवों में से है जो सौ फीसदी नल से जुड़े हैं. यह बात अपने आप में जल संपन्न होते बाड़मेर के लिए ऐतिहासिक है.

जल जीवन मिशन के तहत गांवों को नल से जोड़ा जा रहा

स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधीक्षण अभियंता सुरेश चंद्र जैन ने बताया कि जिले में जल जीवन मिशन के तहत हर गांव को नल से जोड़ा जा रहा है. इसी क्रम में बाड़मेर जिले का समदड़ी स्टेशन, तेमावास, सांवरड़ा, समदड़ी और सिरियारा में सौ फीसदी घर नल से जुड़ गए हैं. इन गांवों में विभिन्न प्रोजेक्ट्स के जरिये लोगों को पेयजल आपूर्ति की जा रही है.

डब्ल्यूएसएस के आईईसी कंसल्टेंट अशोक सिंह के मुताबिक पांच गांवों में हर घर नल की शुरुआत के बाद अब जल्द ही जिले के बाकी गांवों के घर भी नल से जुड़ जाएंगे. लोगों को पेयजल आपूर्ति के साथ-साथ जिले में डब्ल्यूएसएसओ के माध्यम से जल सरंक्षक के संदेश को मुखर करने के लिए विभिन्न आयोजन किए जा रहे हैं.

मेरे लिए गर्व का पल : लोकनर्तक

जल जीवन मिशन के तहत समदड़ी स्टेशन में हर घर नल का कनेक्शन पहुंचने पर अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लोकनर्तक मदन लाल ने कहा कि यह मेरे लिए गर्व का पल है. क्योंकि बाड़मेर के पहले 5 गांवों में मेरे गांव को भी जल जीवन मिशन के तहत पानी मिला है. इस दौरान गांव के लोगों ने इस तरह से जश्न मनाया जैसे कि कोई त्यौहार हो. लोकगीत की धुन पर यहां के लोग सड़कों पर खुशी से थिरक उठे. एक बुजुर्ग ग्रामीण रामाराम ने इसे एक ऐतिहासिक क्षण के रूप में वर्णित करते हुए कहा इस तरह से नाचना पानी मिलने पर अपनी खुशी व्यक्त करने का हमारा तरीका है.

इससे पहले गांव वालों को रोजाना पानी लाने के लिए मीलों पैदल चलना पड़ता था. क्योंकि बाड़मेर एक काफी रूखा-सूखा इलाका है. यहां पानी की नियमित आपूर्ति वास्तव में इस सूखे जिले के लिए दूर का सपना रहा है. नवगठित जल शक्ति मंत्रालय की ओर से शुरू की गई हर घर जल योजना के तहत पानी इन गांवों के लिए अब कोई सपना नहीं रह गया है.

पढ़ें- बिहार में टीका वाली नाव, बाढ़ग्रस्त इलाकों में किया जा रहा वैक्सीनेशन

सिवाना (बाड़मेर) : पानी की कमी से जूझने के आदी राजस्थान का बाड़मेर यानी थार इलाके के 5 गांवों में अब नल से जल आएगा. यहां महिलाएं मीलों चलकर पानी ढोकर लाने को मजबूर रही हैं. नल कनेक्शन मिलने के बाद ग्रामीण खुशी से झूम उठे.

बाड़मेर के इन पांच गांवों के ग्रामीणों को पानी लाने के लिए दूर-दराज के इलाकों तक भटकना पड़ता था. महंगे दामों में टैंकरों से पानी लेना पड़ता था. जब गांव के हर एक घर में पानी का कनेक्शन देने के लिए नल लगाए गए तो अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लोकनर्तक मदनलाल भी गांव वालों की इस खुशी में शुमार हुए और पानी मिलने पर जमकर परंपरागत नृत्य किया.

रेगिस्तान में पहुंचा पानी का कनेक्शन

ढोल की थाप पर मिलाए कदम

जिले के समदड़ी स्टेशन में सोमवार को औरतों ने राजस्थानी गीत गाकर और पुरुषों ने ढोल की थाप पर कदम से कदम मिलाकर गांव के हर घर के नल से जुड़ने की खुशी मनाई. समदड़ी स्टेशन बाड़मेर के उन पहले 5 गांवों में से है, जहां सौ फीसदी घर नल से जुड़ गए हैं. दावा है कि 5 गांवों की शुरुआत के बाद दिसंबर 2024 तक बाड़मेर जिले का हर गांव नल से जोड़ दिया जाएगा. ग्रामीणों का कहना है कि पानी के लिए बहुत मुश्किलों का दौर देखा है, लेकिन अब हर घर में नल कनेक्शन हो जाने से उन्हें बेहद खुशी है.

जनप्रतिनिधि कविता के मुताबिक पानी की परेशानी से परिवार का हर सदस्य रूबरू होता था. महिलाओं को ज्यादा परेशान होना पड़ता था. अब उनके गांव का हर घर नल से जुड़ चुका है. यह बहुत खुशी की बात है. समदड़ी स्टेशन की युवा कंचन प्रजापत बताती हैं कि उनका गांव जिले के उन पहले गांवों में से है जो सौ फीसदी नल से जुड़े हैं. यह बात अपने आप में जल संपन्न होते बाड़मेर के लिए ऐतिहासिक है.

जल जीवन मिशन के तहत गांवों को नल से जोड़ा जा रहा

स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधीक्षण अभियंता सुरेश चंद्र जैन ने बताया कि जिले में जल जीवन मिशन के तहत हर गांव को नल से जोड़ा जा रहा है. इसी क्रम में बाड़मेर जिले का समदड़ी स्टेशन, तेमावास, सांवरड़ा, समदड़ी और सिरियारा में सौ फीसदी घर नल से जुड़ गए हैं. इन गांवों में विभिन्न प्रोजेक्ट्स के जरिये लोगों को पेयजल आपूर्ति की जा रही है.

डब्ल्यूएसएस के आईईसी कंसल्टेंट अशोक सिंह के मुताबिक पांच गांवों में हर घर नल की शुरुआत के बाद अब जल्द ही जिले के बाकी गांवों के घर भी नल से जुड़ जाएंगे. लोगों को पेयजल आपूर्ति के साथ-साथ जिले में डब्ल्यूएसएसओ के माध्यम से जल सरंक्षक के संदेश को मुखर करने के लिए विभिन्न आयोजन किए जा रहे हैं.

मेरे लिए गर्व का पल : लोकनर्तक

जल जीवन मिशन के तहत समदड़ी स्टेशन में हर घर नल का कनेक्शन पहुंचने पर अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लोकनर्तक मदन लाल ने कहा कि यह मेरे लिए गर्व का पल है. क्योंकि बाड़मेर के पहले 5 गांवों में मेरे गांव को भी जल जीवन मिशन के तहत पानी मिला है. इस दौरान गांव के लोगों ने इस तरह से जश्न मनाया जैसे कि कोई त्यौहार हो. लोकगीत की धुन पर यहां के लोग सड़कों पर खुशी से थिरक उठे. एक बुजुर्ग ग्रामीण रामाराम ने इसे एक ऐतिहासिक क्षण के रूप में वर्णित करते हुए कहा इस तरह से नाचना पानी मिलने पर अपनी खुशी व्यक्त करने का हमारा तरीका है.

इससे पहले गांव वालों को रोजाना पानी लाने के लिए मीलों पैदल चलना पड़ता था. क्योंकि बाड़मेर एक काफी रूखा-सूखा इलाका है. यहां पानी की नियमित आपूर्ति वास्तव में इस सूखे जिले के लिए दूर का सपना रहा है. नवगठित जल शक्ति मंत्रालय की ओर से शुरू की गई हर घर जल योजना के तहत पानी इन गांवों के लिए अब कोई सपना नहीं रह गया है.

पढ़ें- बिहार में टीका वाली नाव, बाढ़ग्रस्त इलाकों में किया जा रहा वैक्सीनेशन

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