रुड़की: भगवानपुर थाना क्षेत्र के डाडा जलालपुर गांव में ग्रामीणों के भारी विरोध के बावजूद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने महाशिवरात्रि पर शोभायात्रा नहीं निकलने दी गई, को लेकर आक्रोशित ग्रामीण धरने पर बैठ गए थे और पुलिस-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. करीब तीन घंटे तक बवाल चलता रहा, वहीं हरिद्वार से डीजे के साथ जल लेकर आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ को पुलिस की मौजदूगी में जलाभिषेक कराया गया, जिसके बाद मामला शांत हुआ. इस दौरान पुलिस अधिकारियों के सामने धारा-144 की जमकर धज्जियां उड़ाई गई.
बता दें कि भगवानपुर तहसील के डाडा जलालपुर गांव में शनिवार को महाशिवरात्रि के दिन ग्रामीणों ने शोभायात्रा निकालने के लिए प्रशासन से अनुमति मांगी थी, लेकिन पिछले साल हनुमान जयंती की शोभायात्रा पर दो समुदाय के बीच हुए बवाल और आगजनी को देखते हुए प्रशासन ने महाशिवरात्रि पर शोभायात्रा की अनुमति नहीं दी थी. इसे लेकर शुक्रवार को ग्रामीणों द्वारा शोभायात्रा निकालने की चेतावनी दी थी, जिस देखते हुए प्रशासन ने शनिवार की रात 9 बजे तक गांव में धारा 144 लगा दी.
इससे आक्रोशित कुछ ग्रामीनों ने घरों के बाहर गांव से पलायन करने और मकान बेचने के पोस्टर लगा दिए थे, इसे देखते हुए शनिवार सुबह से ही गांव में जगह-जगह भारी पुलिस बल की तैनाती कर धारा 144 का पालन कराना शुरू किया गया.
वहीं एसपी देहात स्वप्न किशोर सिंह, एडीएम पीएल शाह एवं भगवानपुर जेएम आशीष मिश्रा सुबह से ही गांव में डेरा डाले रहे. करीब 11 बजे ग्रामीण भारी संख्या में गांव में एकत्रित होकर शोभायात्रा निकालने पर अड़ गए, इसी दौरान हरिद्वार से ग्रामीण डीजे के साथ जल लेकर गांव पहुंचे. लेकिन, शोभायात्रा निकालने की जिद पर बैठे ग्रामीणों की प्रशासन से नोकझोंक होती रही. दोपहर करीब दो बजे हरिद्वार से जल लेकर आने वाले कांवड़ यात्रियों की भीड़ को पुलिस की सुरक्षा में जलाभिषेक कराने की बात पर आम सहमति बनी, जिसके बाद मामला शांत हुआ.
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गांव वालों ने घर के बाहर 'मकान बिकाऊ है' के पोस्टर लगाए: शोभायात्रा को लेकर धारा 144 लागू करने से कुछ ग्रामीण आक्रोशित हो गए. गांव के कुछ ग्रामीणों ने अपने घर के बाहर पोस्टर चस्पा कर दिए हैं. इन पोस्टरों में लिखा गया है कि उनकी धार्मिक स्वतंत्रता का हनन किया जा रहा है. इसी की वजह से वह मकान बेचकर गांव से पलायन करने को मजबूर हैं. वहीं जब पोस्टर लगने की जानकारी प्रशासन को मिली तो अफसरों के हाथ पांव फूल गए थे.
बताते चलें, डाडा जलालपुर गांव में महाशिवरात्रि के दिन ग्रामीणों ने शोभायात्रा निकालने के लिए प्रशासन से अनुमति मांगी थी. लेकिन पिछले साल अप्रैल माह में हनुमान जयंती की शोभायात्रा पर दो समुदाय के बीच हुए बवाल और आगजनी को देखते हुए प्रशासन ने महाशिवरात्रि पर शोभा यात्रा की अनुमति नहीं दी है. इसे लेकर शुक्रवार को ग्रामीण शोभा यात्रा निकालने पर अड़े हुए थे. प्रशासन के समझाने के बाद भी जब ग्रामीण नहीं माने तो प्रशासन ने गांव में धारा 144 लगा दी. प्रशासन के सख्त रवैये को देख कुछ ग्रामीणों ने अपने घर के बाहर गांव से पलायन करने और मकान बेचने के पोस्टर लगा दिए थे. साथ ही प्रशासन पर धार्मिक स्वतंत्रता के हनन करने का भी आरोप लगाये थे. हालांकि प्रशासन ने ग्रामीणों के मकानों पर लगे पोस्टर हटवा दिए हैं.