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कोरोना जांच करने गई टीम को ग्रामीणों ने लाठी-डंडे लेकर दौड़ाया, जानिए वजह

बाराबंकी जिले में कोरोना जांच करने गई स्वास्थ्य विभाग की टीम को ग्रामीणों ने लाठी-डंडे लेकर दौड़ा लिया. किसी तरह भागकर टीम ने अपनी जान बचाई. मामला कोठी थाना क्षेत्र का है.

कोरोना जांच
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Published : May 29, 2021, 2:20 PM IST

बाराबंकी (उत्तर प्रदेश) : कोठी थाना क्षेत्र के कोटवा गांव में शुक्रवार को एक अजीबोगरीब मामला सामने आया. यहां कोरोना जांच करने पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम को उस वक्त अपनी जान बचाकर और सामान लेकर भागना पड़ा, जब गांव के कुछ लोग उन्हें लाठी-डंडों से मारने पीटने पर आमादा हो गए.

टीम को ग्रामीणों ने लाठी डंडे लेकर दौड़ाया

क्या है पूरा मामला
दरअसल, गांव में राशन बंट रहा था. ग्रामीण कोटेदार के यहां राशन लेने आ रहे थे. जांच में आसानी समझकर सीएचसी कोठी की चार सदस्यीय स्वास्थ्य विभाग की टीम कोटेदार की दुकान के बगल बैठ गई और लोगों की जांच शुरू कर दी. टीम ने 10 लोगों के कोविड जांच का नमूना भी लिया. यहां तक तो सब ठीक रहा, लेकिन दोपहर बाद रेवती पुरवा गांव के लोग राशन लेने पहुंचे. टीम ने इन लोगों से जांच कराने को कहा तो रेशमा नाम की एक महिला ने जांच कराने से मना कर दिया, बस तभी मामला यहीं से बिगड़ गया.

कोटेदार की हरकत से बढ़ गया बखेड़ा
आरोप है कि कोटेदार ने बिना जांच कराए राशन देने से मना कर दिया. उसके बाद ग्रामीणों ने हंगामा शुरू कर दिया और लाठी-डंडे लेकर जांच टीम को दौड़ा लिया. जांच टीम को आनन-फानन अपना सामान समेट कर किसी तरह भागना पड़ा.

पढे़ं- केंद्र ने प. बंगाल के मुख्य सचिव की सेवाएं मांगी, दिल्ली रिपोर्ट करने का निर्देश

टीम के रवैये से नाराज थे ग्रामीण
ग्रामीणों का आरोप है कि इससे पहले जब टीम गांव जांच करने जाती थी तो टीम द्वारा ग्रामीण महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार किया जाता था. इसी वजह से ग्रामीण पहले से नाराज थे.

खाद्यान्न के लिए कोविड जांच जरूरी नहीं
एसडीएम हैदरगढ़ शालिनी प्रभाकर ने बताया कि ऐसी कोई अनिवार्यता नहीं है कि कोरोना जांच कराने वालों को ही खाद्यान्न दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि लोग कोटेदार के यहां खाद्यान्न लेने आ रहे थे. ग्रामीण वहां आसानी से मिल जाते, यही सोचकर टीम वहां बैठकर जांच कर रही थी.

जांच टीम ने दर्ज कराया मुकदमा
जांच टीम ने ग्रामीणों द्वारा किए गए इस बवाल को लेकर कोठी थाने में मुकदमा दर्ज कराया है. सीएचसी प्रभारी डॉ. जितेंद्र ने बताया कि लैब टेक्नीशियन गोपाल प्रसाद, इंद्रेश, संतोष कुमार और चालक आकाश गांव गए थे. इनकी शिकायत पर कोठी थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है. इनका आरोप है कि रेवती पुरवा गांव के इंदल कुमार, महादेव, जैसीराम, सुभाष, रामविलास और रेशमा ने जांच नहीं कराई, उल्टे लाठी-डंडों से उन पर हमलावर हो गए.

मामले को लेकर एसडीएम गम्भीर
एसडीएम हैदरगढ़ शालिनी प्रभाकर ने इस घटना को गम्भीरता से लिया है. उन्होंने कहा कि कोविड जैसी महामारी में जो भी लापरवाही करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

बाराबंकी (उत्तर प्रदेश) : कोठी थाना क्षेत्र के कोटवा गांव में शुक्रवार को एक अजीबोगरीब मामला सामने आया. यहां कोरोना जांच करने पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम को उस वक्त अपनी जान बचाकर और सामान लेकर भागना पड़ा, जब गांव के कुछ लोग उन्हें लाठी-डंडों से मारने पीटने पर आमादा हो गए.

टीम को ग्रामीणों ने लाठी डंडे लेकर दौड़ाया

क्या है पूरा मामला
दरअसल, गांव में राशन बंट रहा था. ग्रामीण कोटेदार के यहां राशन लेने आ रहे थे. जांच में आसानी समझकर सीएचसी कोठी की चार सदस्यीय स्वास्थ्य विभाग की टीम कोटेदार की दुकान के बगल बैठ गई और लोगों की जांच शुरू कर दी. टीम ने 10 लोगों के कोविड जांच का नमूना भी लिया. यहां तक तो सब ठीक रहा, लेकिन दोपहर बाद रेवती पुरवा गांव के लोग राशन लेने पहुंचे. टीम ने इन लोगों से जांच कराने को कहा तो रेशमा नाम की एक महिला ने जांच कराने से मना कर दिया, बस तभी मामला यहीं से बिगड़ गया.

कोटेदार की हरकत से बढ़ गया बखेड़ा
आरोप है कि कोटेदार ने बिना जांच कराए राशन देने से मना कर दिया. उसके बाद ग्रामीणों ने हंगामा शुरू कर दिया और लाठी-डंडे लेकर जांच टीम को दौड़ा लिया. जांच टीम को आनन-फानन अपना सामान समेट कर किसी तरह भागना पड़ा.

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टीम के रवैये से नाराज थे ग्रामीण
ग्रामीणों का आरोप है कि इससे पहले जब टीम गांव जांच करने जाती थी तो टीम द्वारा ग्रामीण महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार किया जाता था. इसी वजह से ग्रामीण पहले से नाराज थे.

खाद्यान्न के लिए कोविड जांच जरूरी नहीं
एसडीएम हैदरगढ़ शालिनी प्रभाकर ने बताया कि ऐसी कोई अनिवार्यता नहीं है कि कोरोना जांच कराने वालों को ही खाद्यान्न दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि लोग कोटेदार के यहां खाद्यान्न लेने आ रहे थे. ग्रामीण वहां आसानी से मिल जाते, यही सोचकर टीम वहां बैठकर जांच कर रही थी.

जांच टीम ने दर्ज कराया मुकदमा
जांच टीम ने ग्रामीणों द्वारा किए गए इस बवाल को लेकर कोठी थाने में मुकदमा दर्ज कराया है. सीएचसी प्रभारी डॉ. जितेंद्र ने बताया कि लैब टेक्नीशियन गोपाल प्रसाद, इंद्रेश, संतोष कुमार और चालक आकाश गांव गए थे. इनकी शिकायत पर कोठी थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है. इनका आरोप है कि रेवती पुरवा गांव के इंदल कुमार, महादेव, जैसीराम, सुभाष, रामविलास और रेशमा ने जांच नहीं कराई, उल्टे लाठी-डंडों से उन पर हमलावर हो गए.

मामले को लेकर एसडीएम गम्भीर
एसडीएम हैदरगढ़ शालिनी प्रभाकर ने इस घटना को गम्भीरता से लिया है. उन्होंने कहा कि कोविड जैसी महामारी में जो भी लापरवाही करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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