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छत्तीसगढ़ में अफवाह: वैक्सीन लगवाई तो कभी नहीं बन पाएंगे माता-पिता - कोरोना वायरस की वैक्सीन

कोरोना के खिलाफ जंग में वैक्सीन कारगर साबित हो रही है. टीकाकरण के तीसरे चरण में 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी युवा कोरोना वैक्सीन लगवा सकते हैं. इसी बीच अफवाहों ने लोगों के मन में डर पैदा कर दिया है. कोरबा के सोनपुरी गांव में भी यही हाल है. यहां टीकाकरण को लेकर कई भ्रांतियां फैल रही हैं. यहां के युवाओं को डर है कि वैक्सीन लगवाई तो वे कभी माता-पिता नहीं बन पाएंगे. प्रशासन ने जागरूकता अभियान में तेजी लाने की बात कही है. देखिए ये रिपोर्ट.

छत्तीसगढ़ के गांव में अफवाह
छत्तीसगढ़ के गांव में अफवाह
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Published : May 20, 2021, 11:48 AM IST

Updated : May 20, 2021, 12:59 PM IST

कोरबा: हर किसी का सपना होता है कि वह एक दिन माता-पिता बने. वहीं, कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर छत्तीसगढ़ के कोरबा स्थित गांव में अफवाह उड़ रही है कि जो भी कोरोना वैक्सीन लगवाएगा वह कभी भी माता-पिता नहीं बन पाएगा.

छत्तीसगढ़ के गांव में अफवाह

बता दें, कोरोना महामारी से लड़ने के लिए वैक्सीन सबसे जरूरी है. सरकार कोशिश कर रही है कि हर व्यक्ति को जल्द से जल्द कोरोना टीका लगाया जाए. टीकाकरण के तीसरे चरण में 18 साल से अधिक उम्र के लोग वैक्सीन लगवा सकते हैं. वैक्सीनेशन को लेकर शहरों में तो पर्याप्त जागरूकता है, लेकिन गांव में कई तरह की भ्रांतियां और अफवाहें फैली हुई हैं. अफवाहें ऐसी हैं कि युवाओं को टीका लगवाने में डर लग रहा है. इन सबके बीच ETV भारत कोरबा जिले के कटघोरा विकासखंड के सोनपुरी गांव पहुंचा. यहां के युवा कहते हैं कि अगर कोरोना वैक्सीन लगवाई तो नपुंसकता और कमजोरी आ जाएगी. महिलाओं को डर है कि वे कभी मां नहीं बन पाएंगी. इस डर की वजह से इस गांव में 18 से 44 साल की उम्र के महज 5 लोगों ने वैक्सीन लगवाई है.

394 में से सिर्फ पांच ने लगवाया टीका

सोनपुरी गांव की कुल जनसंख्या 951 है. इसमें 18 से अधिक और 45 वर्ष से कम उम्र की आयु वर्ग वाले कुल 394 युवा निवास करते हैं. टीकाकरण अभियान की इस गांव में क्या स्थिति है इस बात को ऐसे समझिये कि इन 394 युवाओं में से अब तक केवल 5 लोगों ने ही कोरोना टीके का पहला डोज लगवाया है. गांव के युवा टीकाकरण केंद्र नहीं पहुंच रहे हैं. टीकाकरण दल और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और मितानिन को वे लोग कोई ना कोई बहाना बनाकर लौटा देते हैं लेकिन टीका नहीं लगवाते.

देवी की पूजा कर ग्रामीणों ने लगवाई वैक्सीन, टीकाकरण में अब हैं नंबर वन

45 प्लस के लोगों ने टीका लगावाया लेकिन युवा पीछे

सोनपुरी गांव में 45 प्लस के नागरिकों ने टीका लगवा लिया है. यहां 45 वर्ष से अधिक की उम्र के कुल 222 लोग हैं. इनमें से कुछ लोग ही टीकाकरण से दूर हैं. जबकि बाकी सभी ने वैक्सीन की दूसरी डोज भी लगवा ली है. लेकिन चिंता की बात ये है कि युवा आगे नहीं आ रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग के लिए ये चुनौती का विषय है.

टीकाकरण दल लौट रहे वापस दूसरे गांव में शिफ्ट किया केंद्र

गांव के बड़ों ने टीका लगवा लिया है, लेकिन युवा टीका लगवाने नहीं आ रहे हैं. ऐसे में टीकाकरण दल गांव के स्वास्थ्य केंद्र में आकर अपनी उपस्थिति तो देते हैं, लेकिन वह बिना टीका लगाए वापस लौट जाते हैं. वह पूरे दिन युवाओं का इंतजार करते हैं लेकिन कोई टीका लगाने आता नहीं है. यही कारण है कि 2 दिन पहले सोनपुरी में लगाए जाने वाले टीकाकरण शिविर को पास के अन्य गांव में शिफ्ट किया गया है. हालांकि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने यह भी बताया कि 2 दिन बाद फिर से सोनपुरी में टीकाकरण होगा.

जागरूकता अभियान भी बेअसर

शहर में स्थापित केएन कॉलेज की राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) ने गांव सोनपुरी को गोद लिया है. एनएसएस पहले में भी विकास से जुड़ी गतिविधियां और जागरूकता अभियान चलाते रहे हैं. वर्तमान में भी कॉलेज के प्रोफेसर वायके तिवारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन और एनएसएस से जुड़े छात्रों के साथ मिलकर गांव में जागरूकता अभियान चला रहे हैं. कड़ी धूप में प्रोफेसर और कॉलेज के छात्र तख्तियां लेकर गांव की खाक छान रहे हैं. लोगों से बात कर रहे हैं, नारे लगाकर लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं. लेकिन यह सब भी अब तक बेअसर रहा है. प्रोफेसर तिवारी बताते हैं कि हम लगातार प्रयास कर रहे हैं लेकिन गांव में जाने कहां से यह अफवाह युवाओं के मन में आ गई है और वह टीके से बेहद भयभीत हैं.

कहते हैं आएंगे लेकिन आता कोई नहीं

गांव में टीकाकरण शत-प्रतिशत हो इसकी जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और मितानिन को भी सौंपी है. गनबाड़ी कार्यकर्ता और मितानिन का कहना है कि जिन्होंने टीका नहीं लगाया है, हम उनकी सूची तैयार करते हैं और फोन पर भी संपर्क कर रहे हैं. व्यक्तिगत तौर पर मुलाकात भी कर रहे हैं. गांव में टीकाकरण दल जैसे ही आता है. लोगों को फोन कर बुलाते हैं युवा कह देते हैं कि आप चलिए हम आपके पीछे-पीछे केंद्र पहुंच रहे हैं. लेकिन वह टीका लगवाने आते नहीं हैं. ऐसे में परेशानी तो हो रही है.

ग्रामीणों को वैज्ञानिक आधार पर समझाएंगे

कटघोरा विकासखंड के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर रूद्र पाल सिंह कंवर का कहना है कि हम खुद गांव-गांव जा रहे हैं और लोगों को समझा रहे हैं. ग्रामीण युवाओं को यह बात समझना होगा कि जिन अफवाहों को मानकर वह टीका नहीं लगवा रहे, उसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है और ना ही कोई प्रमाण है.

युवाओं की सोच को सकारात्मक रखने के साथ ही वैज्ञानिक प्रमाण पर विश्वास करना होगा. टीका नहीं लगवाने से लोग बीमार पड़ रहे हैं. टीका लगवाने से ही वह कोरोना से बच सकते हैं. इसके लिए और भी बड़ा अभियान चलाएंगे. केएन कॉलेज की एनएसएस टीम के साथ मिलकर हम स्वयं सोनपुरी जाकर लोगों को जागरूक करेंगे. हर हाल में युवाओं का टीकाकरण किया जाएगा.

सरकार के टीकाकरण अभियान पर ऐसी अफवाहें प्रतिकूल प्रभाव डाल रही हैं. लाख जागरूक करने के बाद भी ग्रामीण क्षेत्र के युवा वैक्सीन लगाने को तैयार नहीं हैं. ऐसे में सरकार को ठोस प्रयास करना होगा ताकि युवाओं को टीकाकरण से जोड़ा जा सके. ETV भारत भी अपील करता है कि टीका लगवाएं, जिससे आप और आपका परिवार सुरक्षित रहे.

कोरबा: हर किसी का सपना होता है कि वह एक दिन माता-पिता बने. वहीं, कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर छत्तीसगढ़ के कोरबा स्थित गांव में अफवाह उड़ रही है कि जो भी कोरोना वैक्सीन लगवाएगा वह कभी भी माता-पिता नहीं बन पाएगा.

छत्तीसगढ़ के गांव में अफवाह

बता दें, कोरोना महामारी से लड़ने के लिए वैक्सीन सबसे जरूरी है. सरकार कोशिश कर रही है कि हर व्यक्ति को जल्द से जल्द कोरोना टीका लगाया जाए. टीकाकरण के तीसरे चरण में 18 साल से अधिक उम्र के लोग वैक्सीन लगवा सकते हैं. वैक्सीनेशन को लेकर शहरों में तो पर्याप्त जागरूकता है, लेकिन गांव में कई तरह की भ्रांतियां और अफवाहें फैली हुई हैं. अफवाहें ऐसी हैं कि युवाओं को टीका लगवाने में डर लग रहा है. इन सबके बीच ETV भारत कोरबा जिले के कटघोरा विकासखंड के सोनपुरी गांव पहुंचा. यहां के युवा कहते हैं कि अगर कोरोना वैक्सीन लगवाई तो नपुंसकता और कमजोरी आ जाएगी. महिलाओं को डर है कि वे कभी मां नहीं बन पाएंगी. इस डर की वजह से इस गांव में 18 से 44 साल की उम्र के महज 5 लोगों ने वैक्सीन लगवाई है.

394 में से सिर्फ पांच ने लगवाया टीका

सोनपुरी गांव की कुल जनसंख्या 951 है. इसमें 18 से अधिक और 45 वर्ष से कम उम्र की आयु वर्ग वाले कुल 394 युवा निवास करते हैं. टीकाकरण अभियान की इस गांव में क्या स्थिति है इस बात को ऐसे समझिये कि इन 394 युवाओं में से अब तक केवल 5 लोगों ने ही कोरोना टीके का पहला डोज लगवाया है. गांव के युवा टीकाकरण केंद्र नहीं पहुंच रहे हैं. टीकाकरण दल और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और मितानिन को वे लोग कोई ना कोई बहाना बनाकर लौटा देते हैं लेकिन टीका नहीं लगवाते.

देवी की पूजा कर ग्रामीणों ने लगवाई वैक्सीन, टीकाकरण में अब हैं नंबर वन

45 प्लस के लोगों ने टीका लगावाया लेकिन युवा पीछे

सोनपुरी गांव में 45 प्लस के नागरिकों ने टीका लगवा लिया है. यहां 45 वर्ष से अधिक की उम्र के कुल 222 लोग हैं. इनमें से कुछ लोग ही टीकाकरण से दूर हैं. जबकि बाकी सभी ने वैक्सीन की दूसरी डोज भी लगवा ली है. लेकिन चिंता की बात ये है कि युवा आगे नहीं आ रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग के लिए ये चुनौती का विषय है.

टीकाकरण दल लौट रहे वापस दूसरे गांव में शिफ्ट किया केंद्र

गांव के बड़ों ने टीका लगवा लिया है, लेकिन युवा टीका लगवाने नहीं आ रहे हैं. ऐसे में टीकाकरण दल गांव के स्वास्थ्य केंद्र में आकर अपनी उपस्थिति तो देते हैं, लेकिन वह बिना टीका लगाए वापस लौट जाते हैं. वह पूरे दिन युवाओं का इंतजार करते हैं लेकिन कोई टीका लगाने आता नहीं है. यही कारण है कि 2 दिन पहले सोनपुरी में लगाए जाने वाले टीकाकरण शिविर को पास के अन्य गांव में शिफ्ट किया गया है. हालांकि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने यह भी बताया कि 2 दिन बाद फिर से सोनपुरी में टीकाकरण होगा.

जागरूकता अभियान भी बेअसर

शहर में स्थापित केएन कॉलेज की राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) ने गांव सोनपुरी को गोद लिया है. एनएसएस पहले में भी विकास से जुड़ी गतिविधियां और जागरूकता अभियान चलाते रहे हैं. वर्तमान में भी कॉलेज के प्रोफेसर वायके तिवारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन और एनएसएस से जुड़े छात्रों के साथ मिलकर गांव में जागरूकता अभियान चला रहे हैं. कड़ी धूप में प्रोफेसर और कॉलेज के छात्र तख्तियां लेकर गांव की खाक छान रहे हैं. लोगों से बात कर रहे हैं, नारे लगाकर लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं. लेकिन यह सब भी अब तक बेअसर रहा है. प्रोफेसर तिवारी बताते हैं कि हम लगातार प्रयास कर रहे हैं लेकिन गांव में जाने कहां से यह अफवाह युवाओं के मन में आ गई है और वह टीके से बेहद भयभीत हैं.

कहते हैं आएंगे लेकिन आता कोई नहीं

गांव में टीकाकरण शत-प्रतिशत हो इसकी जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और मितानिन को भी सौंपी है. गनबाड़ी कार्यकर्ता और मितानिन का कहना है कि जिन्होंने टीका नहीं लगाया है, हम उनकी सूची तैयार करते हैं और फोन पर भी संपर्क कर रहे हैं. व्यक्तिगत तौर पर मुलाकात भी कर रहे हैं. गांव में टीकाकरण दल जैसे ही आता है. लोगों को फोन कर बुलाते हैं युवा कह देते हैं कि आप चलिए हम आपके पीछे-पीछे केंद्र पहुंच रहे हैं. लेकिन वह टीका लगवाने आते नहीं हैं. ऐसे में परेशानी तो हो रही है.

ग्रामीणों को वैज्ञानिक आधार पर समझाएंगे

कटघोरा विकासखंड के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर रूद्र पाल सिंह कंवर का कहना है कि हम खुद गांव-गांव जा रहे हैं और लोगों को समझा रहे हैं. ग्रामीण युवाओं को यह बात समझना होगा कि जिन अफवाहों को मानकर वह टीका नहीं लगवा रहे, उसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है और ना ही कोई प्रमाण है.

युवाओं की सोच को सकारात्मक रखने के साथ ही वैज्ञानिक प्रमाण पर विश्वास करना होगा. टीका नहीं लगवाने से लोग बीमार पड़ रहे हैं. टीका लगवाने से ही वह कोरोना से बच सकते हैं. इसके लिए और भी बड़ा अभियान चलाएंगे. केएन कॉलेज की एनएसएस टीम के साथ मिलकर हम स्वयं सोनपुरी जाकर लोगों को जागरूक करेंगे. हर हाल में युवाओं का टीकाकरण किया जाएगा.

सरकार के टीकाकरण अभियान पर ऐसी अफवाहें प्रतिकूल प्रभाव डाल रही हैं. लाख जागरूक करने के बाद भी ग्रामीण क्षेत्र के युवा वैक्सीन लगाने को तैयार नहीं हैं. ऐसे में सरकार को ठोस प्रयास करना होगा ताकि युवाओं को टीकाकरण से जोड़ा जा सके. ETV भारत भी अपील करता है कि टीका लगवाएं, जिससे आप और आपका परिवार सुरक्षित रहे.

Last Updated : May 20, 2021, 12:59 PM IST
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