रुद्रप्रयाग (उत्तराखंड): भगवान शिव के 11वें ज्योतिर्लिंग केदारनाथ में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है. अबतक 10 लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन कर चुके हैं. इस यात्रा को करने के लिए जहां सरकार ने प्राइवेट हेलीकॉप्टर कंपनियों को यहां पर लगाया हुआ है तो वहीं कई श्रद्धालु पैदल मार्ग से भी केदारनाथ धाम पहुंचते हैं. जो लोग चलने में सक्षम नहीं होते या पैदल नहीं चलना चाहते उनके लिए घोड़े-खच्चरों की व्यवस्था भी केदारनाथ धाम में की गई है. भारी भरकम सामान हो या इंसान, ये बेजुबान जानवर बड़ी मुश्किल से केदारनाथ जैसी खड़ी चढ़ाई चढ़ते हैं. लेकिन केदारनाथ मार्ग पर सैकड़ों लोगों का पेट पाल रहे इन घोड़े-खच्चरों के साथ क्रूरता की सारी हदें पार की जा रही हैं.
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सोशल मीडिया पर पशु क्रूरता से सम्बन्धित प्रसारित हो रहे वीडियो का संज्ञान लेकर सेक्टर अधिकारी की शिकायत पर संबंधित घोड़ा संचालक के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कर वैधानिक कार्यवाही की जा रही है। अश्ववंशीय पशुओं के साथ हो रही क्रूरता के सम्बन्ध में अब तक कुल 14 अभियोग पंजीकृत किये हैं। pic.twitter.com/43GpTM6B5V
— उत्तराखण्ड पुलिस - Uttarakhand Police (@uttarakhandcops) June 23, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">सोशल मीडिया पर पशु क्रूरता से सम्बन्धित प्रसारित हो रहे वीडियो का संज्ञान लेकर सेक्टर अधिकारी की शिकायत पर संबंधित घोड़ा संचालक के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कर वैधानिक कार्यवाही की जा रही है। अश्ववंशीय पशुओं के साथ हो रही क्रूरता के सम्बन्ध में अब तक कुल 14 अभियोग पंजीकृत किये हैं। pic.twitter.com/43GpTM6B5V
— उत्तराखण्ड पुलिस - Uttarakhand Police (@uttarakhandcops) June 23, 2023सोशल मीडिया पर पशु क्रूरता से सम्बन्धित प्रसारित हो रहे वीडियो का संज्ञान लेकर सेक्टर अधिकारी की शिकायत पर संबंधित घोड़ा संचालक के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कर वैधानिक कार्यवाही की जा रही है। अश्ववंशीय पशुओं के साथ हो रही क्रूरता के सम्बन्ध में अब तक कुल 14 अभियोग पंजीकृत किये हैं। pic.twitter.com/43GpTM6B5V
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इन पशुओं को कभी लाठी-डंडों से पीटने की घटनाएं सामने आ रही हैं तो कभी घायल जानवरों से ही काम करवाया जा रहा है. लेकिन अब केदारनाथ धाम में कुछ ऐसा हो रहा है जिसकी शायद ही कोई कल्पना कर सके. केदारनाथ मार्ग का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. वायरल हो रहे वीडियो में यात्रियों को ले जाने वाले घोड़े को जबरन धूम्रपान करवाया जा रहा है. खोड़ा खच्चर संचालक घोड़े को जबरन धूम्रपान करा रहे हैं ताकि नशे में वो अधिक काम कर सकें और छोटी मोटी चोट का असर उनको महसूस ना हो. हालांकि, अब इस मामले में मुकदमा दर्ज हो गया है.
घोड़े को करनाया जा रहा जबरन धूम्रपान: बताया जा रहा है कि यह वीडियो केदारनाथ पैदल मार्ग पर लिंचौली के पास का है. वीडियो में घोड़ा-खच्चर संचालक घोड़े का मुंह दबाकर जबरन उसे धूम्रपान करवा रहे हैं. पास मौजूद एक पर्यटक ने उस पूरी घटना का वीडियो बना लिया. इस दौरान घोड़ा खच्चर संचालक से इसे लेकर सवाल भी किया गया. जिस पर घोड़े वाले ने कहा घोड़े की तबीयत खराब है. जिसकी वजह से ही इसे धूम्रपान करवाया जा रहा है.
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फिलहाल ये है व्यवस्था: केदारनाथ यात्रा में एक दिन में लगभग 4000 यात्री घोड़े खच्चरों से जा सकते हैं. हालांकि, इनकी संख्या लगातार इसलिए बढ़ रही है क्योंकि केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं की संख्या दिन प्रतिदिन अधिक हो रही है. केदारनाथ में तैनात मुख्य पशु चिकित्सक डॉक्टर अशोक पंवार बताते हैं कि इन सभी मामलों में जानवरों से क्रूरता और तमाम मॉनिटरिंग के लिए पीआरडी के जवान तैनात किए गए हैं. सोनप्रयाग, लीनचोली सहित चार स्थानों पर डॉक्टरों की तैनाती भी की गई है. डॉक्टर अशोक पंवार बताते हैं कि पिछले साल अब तक 190 जानवरों की मौत हुई थी जबकि इस बार अब तक 90 जानवरों की मौत हुई है. यह मौत चोट लगने, बीमारी या अन्य किसी कारणों से हुई हैं.
मुकदमा दर्ज करने के निर्देश: केदारनाथ में लगातार क्रूरता का शिकार हो रहे जानवरों की वीडियो लगातार सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. इन जानवरों को मुंह और नाक बंद कर इनको नशीली सिगरेट का सेवन करवाया जा रहा है. इस मामले में डॉ अशोक पंवार कहते हैं कि उनके पास भी इस तरह के वीडियो सामने आए हैं, जिसके बाद सेक्टर अधिकारी और केदारनाथ में तैनात डॉक्टरों को यह निर्देश दिए गए हैं कि संबंधित व्यक्ति जो जानवरों को मादक पदार्थ पिला रहा है उस पर तत्काल प्रभाव से मुकदमा दर्ज करवाया जाए. फिलहाल उस व्यक्ति की तलाश की जा रही है. हालांकि, डॉक्टर इस बात का जवाब नहीं दे पाए कि जानवरों के साथ ऐसा क्यों किया जा रहा है.
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पिछले साल भी सामने आई थीं ऐसी तस्वीरें: पिछले साल 2022 में भी यात्रा के दौरान जानवरों से क्रूरता की तस्वीरें सामने आई थीं, जगह-जगह जानवरों के शव पड़े हुए थे, जिसके बाद मेनका गांधी की संस्था पीपल फॉर एनिमल्स ने मौके पर पहुंचकर ये हकीकत उजागर की थी और राज्य सरकार को चेताया भी था. लेकिन इस बार ना केवल जानवरों के साथ मारपीट की घटनाएं सामने आ रही हैं बल्कि जानवरों को नशा इत्यादि भी करवाया जा रहा है.
परमिशन 2500 जानवरों की, 1400 से लिया जा रहा काम: वहीं, सालों से देश में जानवरों के लिए काम कर रहीं और पीपल फॉर एनीमल संस्था से जुड़ीं गौरी मौलेखी ने इस मामले को लेकर कहा कि केदारनाथ में जो कुछ हो रहा है उसके लिए उनके पास शब्द नहीं हैं. पिछले साल भी यही हुआ और इस बार भी यही हो रहा है. नदियों में जानवरो के शवों को बहाया जा रहा है. कमजोर हो चुके जानवरों से काम लिया जा रहा है.
जानवरों को नशा करवाने के मामले पर गौरी मौलेखी ने कहा कि केदारनाथ में 2500 जानवरों की परमिशन है लेकिन फिलहाल 1400 से अधिक जानवरों से काम लिया जा रहा है. जानवर भी थकते हैं लेकिन उनको नशा देकर काम करवाया जा रहा है ताकि वो अपनी सुधबुध खो दें और काम करते करते ही अपने प्राण दे दें. ये सब देखने के बाद भी पूरा सिस्टम सो रहा है. इस मामले को लेकर वो पहले भी आवाज उठाती रही हैं और इस बार भी उन्होंने संबंधित मंत्रालय को पत्र लिखा है.
क्या कहते हैं डॉक्टर: वहीं, जाने-माने पशु चिकित्सक डॉक्टर संदीप कहते हैं कि किसी भी जानवर की काम करने और दौड़ने की एक सीमा होती है. जो कुछ भी हो रहा है वो यही बता रहा है कि एक तरह से जानवर को पागल किया जा रहा है. तरह-तरह के नशे से जानवर कुछ घंटे और काम कर लेता है लेकिन धीरे धीरे उसकी जल्द मौत हो जाती है. ये बहुत ही दर्दनाक है.
वायरल वीडियो का पशुपालन मंत्री ने लिया संज्ञान: सोशल मीडिया पर बहुत तेजी से वायरल हो रहे इस वीडियो का संज्ञान पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने भी लिया है. उन्होंने ईटीवी भारत से टेलिफोनिक बातचीत पर बताया कि वीडियो में नजर आ रहे लोगों को चिन्हित कर लिया गया है. उन्होंने बताया यह वीडियो केदारनाथ मार्ग पर लिंचौली के आसपास का बताया जा रहा है. उन्होंने कहा वीडियो में दिख रहे लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया जा चुका है.
केदारनाथ यात्रा में अब तक 399 जानवरों को अयोग्य घोषित किया गया है जो केदारनाथ जैसी कठिन चढ़ाई चढ़ने के लिए सक्षम नहीं थे, लेकिन फिर भी उनसे काम करवाया जा रहा था. ऐसे 15 खच्चर मालिकों पर एफआईआर की गई है. इसके साथ ही 211 लोगों के चालान किए गए हैं, साथ ही 300 संचालकों को पूरी तरह से ब्लॉक किया गया है जो नियमों की अनदेखी कर रहे थे.