बेंगलुरु: भारत के उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने 'खामियों' के कारण दलबदल विरोधी कानून में संशोधन का आह्वान किया है. साथ ही कहा कि कानून में स्पष्टता होनी चाहिए क्योंक इस कानून में छह माह के भीतर दोषियों के खिलाफ निर्णय देने का प्रावधान है. बेंगलुरू प्रेस क्लब के गोल्डन जुबली कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा, 'मुझे लगता है कि पार्टी बदलना प्रजातंत्र के लिए एक बड़ा खतरा बन गया है. लोकतंत्र में आप पार्टी बदल सकते हैं यदि आपको कोई नीति या नेता पसंद नहीं है. लेकिन जब आप किसी पार्टी को छोड़ते हैं तो आपको वह पद भी छोड़ देना चाहिए जो आपको उस पार्टी द्वारा दिया गया था. यही इसका मूल सिद्धांत है.
उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा कि दलबदल विरोधी कानून में कुछ खामियां हैं. यह थोक दलबदल की अनुमति देता है, लेकिन खुदरा दलबदल की नहीं. यदि आप किसी पार्टी को छोड़ना चाहते हैं तो छोड़ दें और पद से इस्तीफा दें. यदि आप फिर से निर्वाचित होना चाहते हैं, तो ठीक है. लेकिन उस अवधि के दौरान आपको किसी भी पद की पेशकश नहीं की जानी चाहिए. इसका सभी को पालन करना होगा. दलबदल विरोधी कानून में संशोधन करने का समय आ गया है क्योंकि कुछ खामियां हैं., ”उपराष्ट्रपति ने कहा.
यह भी पढ़ें-चुनावी वादों के लिए कानून पर बहस की जरूरत : वेंकैया नायडू
एएनआई