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कंबोडिया में उपराष्ट्रपति धनखड़ बोले- हम अपने ही बड़े परिवार में हैं - Jagdeep Dhankhar in the 17th East Asia Summit

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को कहा कि कंबोडिया भारत के ही बड़े परिवार का हिस्सा है और उन्हें यहां आकर ऐसा लगा, जैसे वह अपने ही घर में हैं.

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़
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Published : Nov 13, 2022, 9:31 AM IST

Updated : Nov 13, 2022, 7:04 PM IST

नोम पेन्ह: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कंबोडिया की अपनी यात्रा के आखिरी दिन रविवार को यहां पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन को संबोधित किया. इसके साथ ही धनखड़ ने यहां 'ता प्रोह्म' मंदिर में 'हॉल ऑफ डांसर्स' का संरक्षण कार्य पूरा होने के बाद उसका उद्घाटन किया. धनखड़, अपनी पत्नी सुदेश धनखड़ और विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ ता प्रोह्म मंदिर गए और उन्होंने वहां पूजा-अर्चना की. उन्होंने देश के तीन दिवसीय दौरे के अंतिम दिन अंगकोरवाट मंदिर में भी दर्शन किए.

  • Vice President Jagdeep Dhankhar at the inauguration ceremony of the restored Hall of Dancers at Ta Prohm Temple in the Angkor archaeological complex, in Cambodia.

    (Pic: MEA) pic.twitter.com/bnAZsGcvzz

    — ANI (@ANI) November 13, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

धनखड़ ने अंगकोर पुरातात्विक परिसर स्थित ता प्रोह्म मंदिर में बने 'हॉल ऑफ डांसर्स' का उद्घाटन करते हुए कहा, 'हम अपने विस्तारित पड़ोसी देश में नहीं हैं, हम अपने विस्तारित परिवार में हैं.'

ता प्रोह्म मंदिर स्थित 'द हॉल ऑफ डांसर्स' कंबोडिया में सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और जीर्णोद्धार के लिए भारत और कंबोडिया के बीच 40 लाख डालर की सहयोगात्मक परियोजना का हिस्सा है. अंकोरवाट मंदिर राजा सूर्यवर्मन द्वितीय द्वारा 12वीं शताब्दी में निर्मित दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक ढांचा है और यह खमेर वास्तुकला का सर्वोत्तम नमूना है.

ता प्रोह्म कंबोडिया के अंगकोर क्षेत्र में सर्वाधिक लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है. उपराष्ट्रपति धनखड़ के यहां पहुंचने पर सिएम रीप प्रांत के वाइस गवर्नर पिन प्रकड़ और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने उनका स्वागत किया.

इससे पहले धनखड़ ने नोम पेन्ह में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस) को संबोधित किया. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 17वें ईएएस को संबोधित करते हुए खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा पर वैश्विक चिंताओं को रेखांकित किया और नौवहन एवं ऊपर से उड़ान भरने (ओवरफ्लाइट) की स्वतंत्रता के साथ मुक्त, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत को बढ़ावा देने में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस) तंत्र की भूमिका पर जोर दिया.

तीन दिन की यात्रा पर हैं धनखड़ : विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि उपराष्ट्रपति का अभिभाषण एक ऐसा सत्र था जिसमें केवल इसके सदस्यों को ही हिस्सा लेने की अनुमति थी. धनखड़ तीन दिवसीय यात्रा पर कंबोडिया में हैं. इस वर्ष आसियान-भारत संबंधों की 30वीं वर्षगांठ है और इसे आसियान-भारत मैत्रीवर्ष के रूप में मनाया जा रहा है.

आसियान में ये दस सदस्य देश : दक्षिण पूर्व एशियाई देशों का संघ (आसियान) एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जिसके दक्षिण पूर्व एशिया में 10 सदस्य देश हैं जिनमें ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपीन, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं. जयशंकर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के साथ यात्रा पर हैं, जो यहां आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और 17वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं. उपराष्ट्रपति धनखड़ ने शनिवार को यहां 19वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन को संबोधित करने के बाद भारत और आसियान देशों ने व्यापक रणनीतिक साझेदारी स्थापित करने और आतंकवाद के खिलाफ सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया.

पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में आसियान सदस्य देशों के अलावा, भारत, चीन, जापान, कोरिया गणराज्य, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अमेरिका और रूस शामिल हैं. धनखड़ ने शनिवार को जन स्वास्थ्य, नवीकरणीय ऊर्जा और उन्नत कृषि के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए आसियान-भारत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी कोष में 50 लाख अमेरिकी डॉलर के अतिरिक्त योगदान की घोषणा की.

एक संयुक्त बयान में, आसियान-भारत ने गहरे सभ्यतागत संबंध, समुद्री संपर्क और सांस्कृतिक संबंधों की सराहना की, जो पिछले 30 वर्षों में मजबूत हुए हैं और आसियान-भारत संबंधों के लिए एक ठोस आधार बन गए हैं. भारत और आसियान देशों ने संयुक्त बयान में डिजिटल परिवर्तन, डिजिटल व्यापार, डिजिटल कौशल एवं नवाचार में विभिन्न क्षेत्रीय कौशल निर्माण गतिविधियों के माध्यम से डिजिटल अर्थव्यवस्था में सहयोग बढ़ाने की घोषणा की.

पढ़ें- जयशंकर की ब्लिंकन के साथ मुलाकात, विभिन्न मुद्दों पर हुई चर्चा

पीटीआई-भाषा

नोम पेन्ह: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कंबोडिया की अपनी यात्रा के आखिरी दिन रविवार को यहां पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन को संबोधित किया. इसके साथ ही धनखड़ ने यहां 'ता प्रोह्म' मंदिर में 'हॉल ऑफ डांसर्स' का संरक्षण कार्य पूरा होने के बाद उसका उद्घाटन किया. धनखड़, अपनी पत्नी सुदेश धनखड़ और विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ ता प्रोह्म मंदिर गए और उन्होंने वहां पूजा-अर्चना की. उन्होंने देश के तीन दिवसीय दौरे के अंतिम दिन अंगकोरवाट मंदिर में भी दर्शन किए.

  • Vice President Jagdeep Dhankhar at the inauguration ceremony of the restored Hall of Dancers at Ta Prohm Temple in the Angkor archaeological complex, in Cambodia.

    (Pic: MEA) pic.twitter.com/bnAZsGcvzz

    — ANI (@ANI) November 13, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

धनखड़ ने अंगकोर पुरातात्विक परिसर स्थित ता प्रोह्म मंदिर में बने 'हॉल ऑफ डांसर्स' का उद्घाटन करते हुए कहा, 'हम अपने विस्तारित पड़ोसी देश में नहीं हैं, हम अपने विस्तारित परिवार में हैं.'

ता प्रोह्म मंदिर स्थित 'द हॉल ऑफ डांसर्स' कंबोडिया में सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और जीर्णोद्धार के लिए भारत और कंबोडिया के बीच 40 लाख डालर की सहयोगात्मक परियोजना का हिस्सा है. अंकोरवाट मंदिर राजा सूर्यवर्मन द्वितीय द्वारा 12वीं शताब्दी में निर्मित दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक ढांचा है और यह खमेर वास्तुकला का सर्वोत्तम नमूना है.

ता प्रोह्म कंबोडिया के अंगकोर क्षेत्र में सर्वाधिक लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है. उपराष्ट्रपति धनखड़ के यहां पहुंचने पर सिएम रीप प्रांत के वाइस गवर्नर पिन प्रकड़ और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने उनका स्वागत किया.

इससे पहले धनखड़ ने नोम पेन्ह में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस) को संबोधित किया. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 17वें ईएएस को संबोधित करते हुए खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा पर वैश्विक चिंताओं को रेखांकित किया और नौवहन एवं ऊपर से उड़ान भरने (ओवरफ्लाइट) की स्वतंत्रता के साथ मुक्त, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत को बढ़ावा देने में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस) तंत्र की भूमिका पर जोर दिया.

तीन दिन की यात्रा पर हैं धनखड़ : विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि उपराष्ट्रपति का अभिभाषण एक ऐसा सत्र था जिसमें केवल इसके सदस्यों को ही हिस्सा लेने की अनुमति थी. धनखड़ तीन दिवसीय यात्रा पर कंबोडिया में हैं. इस वर्ष आसियान-भारत संबंधों की 30वीं वर्षगांठ है और इसे आसियान-भारत मैत्रीवर्ष के रूप में मनाया जा रहा है.

आसियान में ये दस सदस्य देश : दक्षिण पूर्व एशियाई देशों का संघ (आसियान) एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जिसके दक्षिण पूर्व एशिया में 10 सदस्य देश हैं जिनमें ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपीन, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं. जयशंकर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के साथ यात्रा पर हैं, जो यहां आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और 17वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं. उपराष्ट्रपति धनखड़ ने शनिवार को यहां 19वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन को संबोधित करने के बाद भारत और आसियान देशों ने व्यापक रणनीतिक साझेदारी स्थापित करने और आतंकवाद के खिलाफ सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया.

पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में आसियान सदस्य देशों के अलावा, भारत, चीन, जापान, कोरिया गणराज्य, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अमेरिका और रूस शामिल हैं. धनखड़ ने शनिवार को जन स्वास्थ्य, नवीकरणीय ऊर्जा और उन्नत कृषि के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए आसियान-भारत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी कोष में 50 लाख अमेरिकी डॉलर के अतिरिक्त योगदान की घोषणा की.

एक संयुक्त बयान में, आसियान-भारत ने गहरे सभ्यतागत संबंध, समुद्री संपर्क और सांस्कृतिक संबंधों की सराहना की, जो पिछले 30 वर्षों में मजबूत हुए हैं और आसियान-भारत संबंधों के लिए एक ठोस आधार बन गए हैं. भारत और आसियान देशों ने संयुक्त बयान में डिजिटल परिवर्तन, डिजिटल व्यापार, डिजिटल कौशल एवं नवाचार में विभिन्न क्षेत्रीय कौशल निर्माण गतिविधियों के माध्यम से डिजिटल अर्थव्यवस्था में सहयोग बढ़ाने की घोषणा की.

पढ़ें- जयशंकर की ब्लिंकन के साथ मुलाकात, विभिन्न मुद्दों पर हुई चर्चा

पीटीआई-भाषा

Last Updated : Nov 13, 2022, 7:04 PM IST
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