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आईएसी का अगले साल के अंत या 2022 के शुरुआत में होगा जलावतरण - indigenous aircraft carrier

कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल अनिल कुमार चावला के मुताबिक, कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में आईएसी का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है, जिसके चलते इसे 2021 के आखिर या फिर 2022 की शुरुआत तक समुद्र में उतारा जाएगा.

indigenous vessel launching
स्वदेशी विमान वाहक पोत
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Published : Dec 2, 2020, 8:17 PM IST

कोच्चि : कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में स्वदेशी विमान वाहक पोत (आईएसी) का निर्माण कार्य अंतिम चरण में पहुंच चुका है और अगले साल के अंत या 2022 के आरंभ में इसका जलावतरण किया जाएगा. दक्षिणी नौसैन्य कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल अनिल कुमार चावला ने बुधवार को यह बात कही.

वाइस एडमिरल चावला ने यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया, अगले साल (2021) के अंत तक या 2022 की शुरुआत में इसका जलावतरण हो जाएगा.

शुरुआती छह महीनों में परीक्षण
नौसैन्य बेस में 'आईएनस शार्दूल' पर मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, अगले साल के शुरुआती छह महीनों में आईएएसी को परीक्षण के लिए समुद्र में ले जाया जाएगा और अंतिम छह महीने में विमानवाहक पोत से विमानों के संचालन को बेहतर करने का काम होगा.

पढ़ें: Pfizer-BioNTech की कोविड वैक्सीन को मिली यूके की मंजूरी

विमानवाहक पोत का सोमवार को 'बेसिन ट्रायल' कामयाब रहा. समुद्र में जहाज को उतारने के पहले उसकी मशीनरी और अन्य उपकरणों की जांच परख के लिए 'बेसिन ट्रायल' किया जाता है.

नौसेना ने कहा, आईएसी परियोजना 'आत्मनिर्भर भारत' का एक विशिष्ट उदाहरण है, जिसमें इस्तेमाल की गयी 75 प्रतिशत सामग्री स्वदेशी है.

कोच्चि : कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में स्वदेशी विमान वाहक पोत (आईएसी) का निर्माण कार्य अंतिम चरण में पहुंच चुका है और अगले साल के अंत या 2022 के आरंभ में इसका जलावतरण किया जाएगा. दक्षिणी नौसैन्य कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल अनिल कुमार चावला ने बुधवार को यह बात कही.

वाइस एडमिरल चावला ने यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया, अगले साल (2021) के अंत तक या 2022 की शुरुआत में इसका जलावतरण हो जाएगा.

शुरुआती छह महीनों में परीक्षण
नौसैन्य बेस में 'आईएनस शार्दूल' पर मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, अगले साल के शुरुआती छह महीनों में आईएएसी को परीक्षण के लिए समुद्र में ले जाया जाएगा और अंतिम छह महीने में विमानवाहक पोत से विमानों के संचालन को बेहतर करने का काम होगा.

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विमानवाहक पोत का सोमवार को 'बेसिन ट्रायल' कामयाब रहा. समुद्र में जहाज को उतारने के पहले उसकी मशीनरी और अन्य उपकरणों की जांच परख के लिए 'बेसिन ट्रायल' किया जाता है.

नौसेना ने कहा, आईएसी परियोजना 'आत्मनिर्भर भारत' का एक विशिष्ट उदाहरण है, जिसमें इस्तेमाल की गयी 75 प्रतिशत सामग्री स्वदेशी है.

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