कोलकाता : पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हो रही हिंसा पर विश्व हिन्दू परिषद ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिख कर कार्यवाही की मांग की है. विहिप ने बंगाल में हो रही हिंसा के लिये सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि तृणमूल और जिहादियों की गठजोड़ के कारण विपक्ष के कार्यकर्ताओं की हत्या हो रही है.
ईटीवी भारत ने इस विषय में विहिप के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे से बातचीत की. मिलिंद परांडे ने कहा है कि जिस तरह बंगाल में हिन्दू समुदाय और विपक्ष के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है, महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं यह किसी भी सत्तारूढ़ दल को शोभा नहीं देते.
विहिप की स्पष्ट मांग है कि इस तरह की हिंसा को तुरंत रोका जाए और इनमें संलिप्त लोगों पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिये. हिंसा के कारण जो लोग विस्थापित हो गए हैं उनका पुनर्वासन का कार्य भी बहुत महत्वपूर्ण है.
ममता सरकार की भूमिका पर सवाल उठाते हुए मिलिंद परांडे ने कहा कि वह इस पूरे घटनाक्रम से पल्ला नहीं झाड़ सकती.
पश्चिम बंगाल की मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह सवाल भी उठने लगे हैं कि क्या राज्य में राष्ट्रपति साशन लगाया जा सकता है? इस पर मिलिंद परांडे ने कहा कि यह बड़ा विषय है क्योंकि नई सरकार का गठन अभी हुआ है और इसके बारे में जिनको निर्णय लेना है वही लेंगे, लेकिन जिस तरह की हिंसक घटनाएं वहां हो रही है उसे तत्काल रोका जाना आवश्यक है.
पढ़ें - जानिए गुजरात के अस्पतालों के हेल्पलाइन नंबरों की जमीनी हकीकत
विहिप ने हिंसा में संलिप्त लोगों की पहचान कर मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराने की मांग की है. राष्ट्रपति को लिखे पत्र में यह भी मांग की गई है कि दंगों के कारण विस्थापित हुए लोगों के नुक्सान की भरपाई शासन द्वारा की जाए.
विहिप महामंत्री ने कहा है कि हिंसा को रोकना सरकार और राज्य प्रसाशन का यह दायित्व है और यदि वह अपने दायित्व हो नहीं निभाते हैं तो उन पर भी कार्रवाई होनी चाहिये.