नई दिल्ली : मशहूर गीतकार और लेखक जावेद अख्तर (Javed Akhtar) फिर विवादों में हैं. दरअसल उन्होंने तालिबान की तुलना आरएसएस, वीएचपी और बजरंग दल से कर दी है, जिसके बाद से उनके खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं. विहिप की तरफ से भी उनके बयान को लेकर प्रतिक्रिया सामने आई है.
विश्व हिन्दू परिषद के प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा है कि अफगानिस्तान में तालिबान के बढ़ते प्रभाव से भारत में रह रहे कुछ मुस्लिम कट्टरपंथी भी अति उत्साहित हैं, संभवतः उसी अतिउत्साह का परिणाम है कि झारखंड विधानसभा में नमाज के लिए अलग कमरा भी अलॉट कर दिया गया है.
विश्व हिन्दू परिषद के प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा है कि यह ताज्जुब की बात है कि भारत में खुद को इंटेलेक्चुअल कहने वाले जावेद अख्तर जैसे लोग भी परोक्ष रूप से तालिबान का साथ देते हैं. संघ, विहिप और बजरंग दल की तुलना तालिबान के साथ कर जावेद अख्तर ने हमें गाली देने का काम किया है.जावेद अख्तर को पता होगा कि तालिबान महिलाओं के साथ किस तरह का व्यवहार करता है. वह महिलाओं को काली बोरी से बाहर नहीं निकलने देना चाहते हैं. यदि अख्तर किसी अभिनेत्री को लेकर अफगानिस्तान चले गए तो वहां से जिंदा वापस नहीं आ पाएंगे.
विनोद बंसल ने कहा कि भारत में मुस्लिम तभी तक सुरक्षित हैं जब तक हिन्दू बहुसंख्यक है. विश्व के किसी भी देश में चले जाएं, अधिकतर मुस्लिम देशों में स्वयं मुसलमान सुरक्षित नहीं हैं. अफगानिस्तान में भी यही स्थिति है जहां मुसलमान ही मुसलमान को मार रहा है, शेष अल्पसंख्यकों की स्थिति तो इससे भी अलग है इसलिए जावेद अख्तर जिस थाली में खाते हैं उसमें छेद करने से बाज आएं.
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