कोल्लम : केरल कांग्रेस (बी) के अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री आर बालकृष्ण पिल्लई का उनके गृह नगर कोट्टारक्करा के एक निजी अस्पताल में उम्र संबंधी बीमारियों के कारण सोमवार सुबह निधन हो गया. वह 86 वर्ष के थे.
कोट्टारक्करा के एक धनी परिवार में जन्मे पिल्लई ने अपने छात्र जीवन में ही राजनीति में प्रवेश कर लिया था. वह कांग्रेस के साथ जुड़ने से पहले स्टूडेंट्स फेडरेशन के सदस्य थे. वह 1958 से 1964 तक एआईसीसी (अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी) के सदस्य थे. पिल्लई 1960 में 25 साल की आयु में पठानपुरम सीट से विधानसभा में चुने गए थे. उन्होंने 1964 में कांग्रेस छोड़ दी और वरिष्ठ नेता के एम जॉर्ज के साथ मिलकर केरल कांग्रेस का गठन किया. पिल्लई केरल कांग्रेस के संस्थापक महासचिव थे.
उन्होंने 1965 में अपने गृहनगर कोट्टारक्करा से चुनाव जीता, लेकिन 1967 और 1970 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. वह 1971 में मावेलिकरा संसदीय क्षेत्र से लोकसभा में चुने गए। वह विभिन्न मंत्रालयों में कई साल मंत्री भी रहे.
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पिल्लई ने अपने राजनीतिक जीवन में कई उतार- चढ़ाव देखे. उन्होंने 1980 के दशक में अपने भाषण में कहा था कि केरल के विकास की जरूरतों को नजरअंदाज किए जाने के कारण लोगों को पंजाब में उग्रवाद की तर्ज पर केंद्र सरकार का विरोध करना चाहिए, जिसके बाद उन्हें मंत्रालय से इस्तीफा देना पड़ा था. वह केरल के पहले मंत्री थे, जिन्हें भ्रष्टाचार के मामले में जेल जाना पड़ा था.
पिल्लई 2017 से केरल स्टेट वेलफेयर कॉरपोरेशन फॉर फॉरवर्ड कम्युनिटीज के अध्यक्ष थे.
उनके परिवार में तीन बच्चे हैं.
उनके बेटे एवं पूर्व मंत्री गणेश कुमार पठानपुरम से वाम लोकतान्त्रिक मोर्चा के उम्मीदवार के तौर पर केरल विधानसभा में पुनर्निर्वाचित हुए थे. केबी गणेश कुमार एक फिल्म अभिनेता से राजनेता बने हैं.