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छत्तीसगढ़ : बहुचर्चित अभिषेक मिश्रा हत्याकांड पर फैसला टला, लाश दफनाकर ऊपर उगा दी थी सब्जी - शव दफनाया सब्जी उगाया

छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित अभिषेक मिश्रा हत्याकांड पर फैसला टल गया. कोर्ट अब नौ अप्रैल को फैसला सुना सकती है. हत्या के बाद आरोपियों ने लाश को दफनाकर वहां सब्जी उगा दी थी. आखिर ऐसा क्या हुआ था कि अभिषेक की इतनी निर्ममता से हत्या कर दी गई. एक लड़की ने कॉल करके अभिषेक को बुलाया था. क्या है पूरा मामला, जानने के लिए पढ़ें पूरी स्टोरी.

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अभिषेक मिश्रा (फाइल फोटो)
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Published : Mar 31, 2021, 6:08 PM IST

Updated : Mar 31, 2021, 10:27 PM IST

भिलाई : छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित अभिषेक मिश्रा हत्याकांड पर फैसला अब नौ अप्रैल को सुनाया जाएगा. जिला कोर्ट में आज इस पर फैसला आना था. मामला 9 नवंबर 2015 का है. अभिषेक का पहले अपहरण किया गया और बाद में उसकी हत्या कर दी गई. हत्या की साजिश रचने का आरोप उसकी पूर्व गर्लफ्रेंड पर लगा है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

नौ नवंबर 2015 को भिलाई के शंकराचार्य इंजीनियरिंग कॉलेज के चेयरमैन आईपी मिश्रा के इकलौटे बेटे अभिषेक मिश्रा का अपहरण हुआ. 44 दिनों तक पुलिस अपहरण की गुत्थी को नहीं सुलझा पाई. 45 वें दिन उसकी लाश मिली. तफ्तीश में पुलिस ने इसे प्रेम प्रसंग का मामला पाया.

अभिषेक का शव एक गार्डन में मिला था. किसी को शक न हो, इसलिए लाश दफनाने के बाद उसके ऊपर सब्जी उगा दी गई थी. काफी सारे कॉल डिटेल और पुराने प्रसंगों को जोड़ने के बाद पुलिस ने यह गुत्थी सुलझाने का दावा किया था.

क्या है पूरा मामला

दरअसल किम्सी जैन नाम की लड़की अभिषेक के इंजीनियरिंग कॉलेज में नौकरी करती थी. इसी दौरान अभिषेक और किम्सी करीब आ गए. लेकिन इस बीच किम्सी की शादी विकास जैन नाम के एक युवक से हो गई. शादी के बाद किम्सी ने शंकराचार्य कॉलेज का जॉब छोड़ दिया.

आरोप है कि अभिषेक इसके बाद भी किम्सी पर संबंध रखने के लिए दबाव बना रहा था.

संबंध रखने के दबाव से तंग आकर किम्सी अपने पति और ससुर के साथ मिलकर हत्या की साजिश रचती है.

इसी साजिश के तहत 9 नवंबर 2015 की शाम किम्सी, अभिषेक को कॉल कर स्मृति नगर आने के लिए कहती है. यहां पहले से मौजूद विकास और अजीत एक रॉड से हमला कर अभिषेक की बेरहमी से हत्या कर देते हैं, फिर लाश वहीं जमीन में दफनाकर चलते बनते हैं.

आरोपियों ने बेहद ही शातिराना अंदाज में लाश को गाड़कर उसके ऊपर सब्जियां उगा दी थीं. पुलिस ने लाश के पास हाथ का कड़ा, अंगूठी और लॉकेट देखकर अभिषेक मिश्रा की लाश होने की पुष्टि की थी. लाश का डीएनए टेस्ट भी कराया गया था.

भिलाई : छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित अभिषेक मिश्रा हत्याकांड पर फैसला अब नौ अप्रैल को सुनाया जाएगा. जिला कोर्ट में आज इस पर फैसला आना था. मामला 9 नवंबर 2015 का है. अभिषेक का पहले अपहरण किया गया और बाद में उसकी हत्या कर दी गई. हत्या की साजिश रचने का आरोप उसकी पूर्व गर्लफ्रेंड पर लगा है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

नौ नवंबर 2015 को भिलाई के शंकराचार्य इंजीनियरिंग कॉलेज के चेयरमैन आईपी मिश्रा के इकलौटे बेटे अभिषेक मिश्रा का अपहरण हुआ. 44 दिनों तक पुलिस अपहरण की गुत्थी को नहीं सुलझा पाई. 45 वें दिन उसकी लाश मिली. तफ्तीश में पुलिस ने इसे प्रेम प्रसंग का मामला पाया.

अभिषेक का शव एक गार्डन में मिला था. किसी को शक न हो, इसलिए लाश दफनाने के बाद उसके ऊपर सब्जी उगा दी गई थी. काफी सारे कॉल डिटेल और पुराने प्रसंगों को जोड़ने के बाद पुलिस ने यह गुत्थी सुलझाने का दावा किया था.

क्या है पूरा मामला

दरअसल किम्सी जैन नाम की लड़की अभिषेक के इंजीनियरिंग कॉलेज में नौकरी करती थी. इसी दौरान अभिषेक और किम्सी करीब आ गए. लेकिन इस बीच किम्सी की शादी विकास जैन नाम के एक युवक से हो गई. शादी के बाद किम्सी ने शंकराचार्य कॉलेज का जॉब छोड़ दिया.

आरोप है कि अभिषेक इसके बाद भी किम्सी पर संबंध रखने के लिए दबाव बना रहा था.

संबंध रखने के दबाव से तंग आकर किम्सी अपने पति और ससुर के साथ मिलकर हत्या की साजिश रचती है.

इसी साजिश के तहत 9 नवंबर 2015 की शाम किम्सी, अभिषेक को कॉल कर स्मृति नगर आने के लिए कहती है. यहां पहले से मौजूद विकास और अजीत एक रॉड से हमला कर अभिषेक की बेरहमी से हत्या कर देते हैं, फिर लाश वहीं जमीन में दफनाकर चलते बनते हैं.

आरोपियों ने बेहद ही शातिराना अंदाज में लाश को गाड़कर उसके ऊपर सब्जियां उगा दी थीं. पुलिस ने लाश के पास हाथ का कड़ा, अंगूठी और लॉकेट देखकर अभिषेक मिश्रा की लाश होने की पुष्टि की थी. लाश का डीएनए टेस्ट भी कराया गया था.

Last Updated : Mar 31, 2021, 10:27 PM IST
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