उज्जैन : विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल के मंदिर में 80 दिन बाद एक बार फिर श्रद्धालुओं के लिए दर्शन व्यवस्था चालू कर दी गई है, लेकिन दर्शन व्यवस्था में सेंध लगाने वाले छुटभइया नेताओं ने व्यवस्था बिगाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी. मंदिर में प्रवेश के दौरान गेट खुलने से पहले ही गेट नंबर चार पर लाइन के बावजूद भीड़ एकत्रित होने लगी. भीड़ में कुछ महिलाओं को धक्का लगा तो एक नेता जी को मौका मिला, और वो भीड़ का फायदा उठा आगे बढ़ने लगे. सुरक्षाकर्मी ने रोका तो नेताजी सुरक्षाकर्मियों से बहस करने लगे, और सत्ता का रौब गांठने लगे.
नेतागीरी ने बिगाड़ी व्यवस्था
नेता जी जोर-जोर से बहस करते हुए मंदिर अधीक्षक उद्देनिया को संबोधित करते हुए कहने लगे, "इसे समझाओ, मुझे ये जानता नहीं है". इसके बाद नेता जी ने अपनी सफाई भी पेश कर दी. ऑनलाइन बुकिंग रसीद को अपने मोबाइल पर दिखाने लगे और सुरक्षाकर्मियों से कहने लगे, कि बुकिंग करा के आया हूं. बिना बुकिंग नहीं आया.
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सुरक्षाकर्मियों ने रखा अपना पक्ष
वहीं सुरक्षाकर्मी ने कहा कि मैं अपनी ड्यूटी कर रहा हूं शासन के स्पष्ट आदेश हैं, गाइडलाइन का पालन करवाने के, मुझसे अभद्रता की गई और जबरदस्ती प्रवेश के लिए जोर दिया, मैंने उसी का विरोध किया था.
मंदिर समिति अधीक्षक ने साफ किए नियम
महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं को ऑनलाइन दर्शन बुकिंग करवाने के निर्देश हैं. वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट के साथ 48 घंटे के अंदर की RTPCR रिपोर्ट दिखाना ज़रूरी है. विवाद को लेकर अधीक्षक ने कहा कि, विवाद नहीं था, बहस करने वाले लोग डेली वाले थे और प्रशासन ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि डेली वाले हों या एक बार वाले सभी को दर्शन के लिए रजिस्ट्रेशन कराना ज़रूरी है.