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ISRO Gaganyaan Program : इसरो 21 अक्टूबर को पहला गगनयान परीक्षण वाहन मिशन आयोजित करेगा: इसरो प्रमुख एस सोमनाथ

इसरो प्रमुख (ISRO Chief S Somanath) ने कहा कि गगनयान परियोजना (Gaganyaan News ) में 3 दिनों के मिशन के लिए 3 सदस्यों के एक दल को 400 किमी की कक्षा में लॉन्च (Test Vehicle D1 Mission) करके और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाकर भारतीय समुद्री जल क्षेत्र में उतारकर मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता का प्रदर्शन करने की परिकल्पना की गई है. पढ़ें पूरी खबर...

ISRO Gaganyaan Program
इसरो प्रमुख एस सोमनाथ
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By ANI

Published : Oct 15, 2023, 9:50 AM IST

Updated : Oct 15, 2023, 9:57 AM IST

इसरो 21 अक्टूबर को पहला गगनयान परीक्षण वाहन मिशन आयोजित करेगा: इसरो प्रमुख एस सोमनाथ

मदुरै : इसरो प्रमुख डॉ. एस सोमनाथ ने शनिवार को कहा कि भारतीय अंतरिक्ष यात्री परियोजना गगनयान का हिस्सा 'टीवी-डी1' (परीक्षण वाहन विकास उड़ान 1) की पहली परीक्षण उड़ान 21 अक्टूबर को होगा. उन्होंने कहा कि डी1 के बाद इसी प्रकृति के कम से कम तीन और परीक्षण किए जाएंगे. अगले साल के अंत में मानव अंतरिक्ष उड़ान के दौरान भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को रखने वाले क्रू मॉड्यूल का परीक्षण करने के लिए परीक्षण वाहन विकास उड़ान (टीवी-डी 1) आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में आयोजित की जाएगी.

सोमनाथ ने मदुरै में संवाददाताओं से कहा कि परीक्षण वाहन-डी1 मिशन 21 अक्टूबर के लिए निर्धारित है. यह गगनयान कार्यक्रम है. उन्होंने बताया कि गगनयान कार्यक्रम के लिए क्रू एस्केप सिस्टम का प्रदर्शन करते हुए परीक्षण की आवश्यकता है. गगनयान में क्रू एस्केप सिस्टम एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रणाली है. टीवी-डी1 में क्रू मॉड्यूल को बाहरी अंतरिक्ष में लॉन्च करना, इसे पृथ्वी पर वापस लाना और बंगाल की खाड़ी में टचडाउन के बाद इसे पुनर्प्राप्त करना शामिल है.

सोमनाथ ने कहा कि यह परीक्षण उड़ान की एक स्थिति में क्रू एस्केप सिस्टम को प्रदर्शित करने के लिए होगा. इसलिए जिस स्थिति का हम प्रदर्शन कर रहे हैं उसे ट्रांसोनिक स्थिति कहा जाता है. हर महीने हमारे पास कम से कम एक लॉन्च करने का मौका होगा. इस परीक्षण वाहन के लॉन्च के बाद, हम जीएसएलवी और पीएसएलवी से लॉन्च करेंगे. उसके बाद, गगनयान मानवरहित मिशन होगा. उन्होंने बताया कि बीच में एक पीएसएलवी लॉन्च होगा. सोमनाथ ने कहा इसलिए जनवरी से पहले, आप कम से कम 4-5 लॉन्च देखेंगे.

उन्होंने इस कार्यक्रम का महत्व बताते हुए कहा कि इसके बाद भारत मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान मिशन शुरू करने वाला चौथा देश बन जायेगा. इससे पहले अमेरिका, रूस और चीन ऐसा कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि गगनयान मिशन में अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष तक सुरक्षित ले जाना और वापस लाना शामिल है. उन्होंने बताया कि ड्रग पैराशूट की तैनाती इस मिशन का एक महत्वपूर्ण घटक है. यह पैराशूट क्रू मॉड्यूल को स्थिर करने के साथ ही पुन: प्रवेश के दौरान इसके वेग को सुरक्षित स्तर तक कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

सोमनाथ ने आदित्य-एल1 कार्यक्रम के बारे में भी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि आदित्य-एल1 का मिशन बहुत अच्छा काम कर रहा है. उन्होंने उम्मीद जताई कि अंतरिक्ष यान जनवरी के मध्य में 2024 लैग्रेंज बिंदु (एल1) तक पहुंच जाएगा. सोमनाथ ने कहा कि वर्तमान में, पृथ्वी से L1 बिंदु तक यात्रा करने में लगभग 110 दिन लगते हैं. इसलिए जनवरी के मध्य तक, यह L1 बिंदु तक पहुंच जाएगा. फिर उस बिंदु पर, हम लैग्रेंज बिंदु में प्रवेश करेंगे. इसे कहा जाता है हेलो कक्षा. यह एक बड़ी कक्षा है. इसलिए यह जनवरी के मध्य तक होगा.

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आदित्य-एल1 1.5 मिलियन किलोमीटर की पर्याप्त दूरी से सूर्य का अध्ययन करने वाला पहला अंतरिक्ष-आधारित वेधशाला श्रेणी का भारतीय सौर मिशन है. L1 बिंदु तक पहुंचने में इसे लगभग 125 दिन लगेंगे.

इसरो 21 अक्टूबर को पहला गगनयान परीक्षण वाहन मिशन आयोजित करेगा: इसरो प्रमुख एस सोमनाथ

मदुरै : इसरो प्रमुख डॉ. एस सोमनाथ ने शनिवार को कहा कि भारतीय अंतरिक्ष यात्री परियोजना गगनयान का हिस्सा 'टीवी-डी1' (परीक्षण वाहन विकास उड़ान 1) की पहली परीक्षण उड़ान 21 अक्टूबर को होगा. उन्होंने कहा कि डी1 के बाद इसी प्रकृति के कम से कम तीन और परीक्षण किए जाएंगे. अगले साल के अंत में मानव अंतरिक्ष उड़ान के दौरान भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को रखने वाले क्रू मॉड्यूल का परीक्षण करने के लिए परीक्षण वाहन विकास उड़ान (टीवी-डी 1) आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में आयोजित की जाएगी.

सोमनाथ ने मदुरै में संवाददाताओं से कहा कि परीक्षण वाहन-डी1 मिशन 21 अक्टूबर के लिए निर्धारित है. यह गगनयान कार्यक्रम है. उन्होंने बताया कि गगनयान कार्यक्रम के लिए क्रू एस्केप सिस्टम का प्रदर्शन करते हुए परीक्षण की आवश्यकता है. गगनयान में क्रू एस्केप सिस्टम एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रणाली है. टीवी-डी1 में क्रू मॉड्यूल को बाहरी अंतरिक्ष में लॉन्च करना, इसे पृथ्वी पर वापस लाना और बंगाल की खाड़ी में टचडाउन के बाद इसे पुनर्प्राप्त करना शामिल है.

सोमनाथ ने कहा कि यह परीक्षण उड़ान की एक स्थिति में क्रू एस्केप सिस्टम को प्रदर्शित करने के लिए होगा. इसलिए जिस स्थिति का हम प्रदर्शन कर रहे हैं उसे ट्रांसोनिक स्थिति कहा जाता है. हर महीने हमारे पास कम से कम एक लॉन्च करने का मौका होगा. इस परीक्षण वाहन के लॉन्च के बाद, हम जीएसएलवी और पीएसएलवी से लॉन्च करेंगे. उसके बाद, गगनयान मानवरहित मिशन होगा. उन्होंने बताया कि बीच में एक पीएसएलवी लॉन्च होगा. सोमनाथ ने कहा इसलिए जनवरी से पहले, आप कम से कम 4-5 लॉन्च देखेंगे.

उन्होंने इस कार्यक्रम का महत्व बताते हुए कहा कि इसके बाद भारत मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान मिशन शुरू करने वाला चौथा देश बन जायेगा. इससे पहले अमेरिका, रूस और चीन ऐसा कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि गगनयान मिशन में अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष तक सुरक्षित ले जाना और वापस लाना शामिल है. उन्होंने बताया कि ड्रग पैराशूट की तैनाती इस मिशन का एक महत्वपूर्ण घटक है. यह पैराशूट क्रू मॉड्यूल को स्थिर करने के साथ ही पुन: प्रवेश के दौरान इसके वेग को सुरक्षित स्तर तक कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

सोमनाथ ने आदित्य-एल1 कार्यक्रम के बारे में भी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि आदित्य-एल1 का मिशन बहुत अच्छा काम कर रहा है. उन्होंने उम्मीद जताई कि अंतरिक्ष यान जनवरी के मध्य में 2024 लैग्रेंज बिंदु (एल1) तक पहुंच जाएगा. सोमनाथ ने कहा कि वर्तमान में, पृथ्वी से L1 बिंदु तक यात्रा करने में लगभग 110 दिन लगते हैं. इसलिए जनवरी के मध्य तक, यह L1 बिंदु तक पहुंच जाएगा. फिर उस बिंदु पर, हम लैग्रेंज बिंदु में प्रवेश करेंगे. इसे कहा जाता है हेलो कक्षा. यह एक बड़ी कक्षा है. इसलिए यह जनवरी के मध्य तक होगा.

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आदित्य-एल1 1.5 मिलियन किलोमीटर की पर्याप्त दूरी से सूर्य का अध्ययन करने वाला पहला अंतरिक्ष-आधारित वेधशाला श्रेणी का भारतीय सौर मिशन है. L1 बिंदु तक पहुंचने में इसे लगभग 125 दिन लगेंगे.

Last Updated : Oct 15, 2023, 9:57 AM IST
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