नई दिल्ली : राजनीतिक नेता एवं लेखक वीरप्पा मोइली (Veerappa Moily) एवं कवयित्री अरुंधति सुब्रमण्यन (Arundhathi Subramaniam) उन 20 लेखकों में शामिल हैं जिन्हें यहां शनिवार को एक समारोह में 2020 के साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया.
मोइली को जहां कन्नड़ महाकाव्य 'श्री बाहुबली अहिंसादिग्विजयम' के लिए प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला है तो वहीं सुब्रमण्यन को उनके अंग्रेजी काव्य संग्रह 'व्हेन गॉड इज ए ट्रैवलर' के लिए यह पुरस्कार मिला है.
काव्य क्षेत्र में पुरस्कार जीतने वाले अन्य लोगों में हरीश मीनाक्षी (गुजराती), अनामिका (हिंदी), आरएस भास्कर (कोंकणी), इरुंगबम देवेन (मणिपुरी), रूपचंद हंसदा (संथाली) और निखिलेश्वर (तेलुगु) शामिल हैं.
इन्हें भी मिला पुरस्कार
वहीं, उपन्यास लेखन में नंदा खरे (मराठी), महेशचंद्र शर्मा गौतम (संस्कृत), इमैयम (तमिल) और श्री हुसैन-उल-हक को यह पुरस्कार मिला है. लघु कथा के क्षेत्र में अपूर्ब कुमार सैकिया (असमी), (दिवंगत) धरणीधर ओवारी (बोडो), (दिवंगत) हिदाय कौल भारती (कश्मीरी), कमलकांत झा (मैथिली) और गुरदेव सिंह रुपाणा (पंजाबी) को पुरस्कार मिला है. अकादमी ने ज्ञान सिंह (डोगरी) और जेठो ललवानी (सिंधी) को उनके नाटकों तथा मणिशंकर मुखोपाध्याय को संस्मरण (बंगाली) के लिए पुरस्कार दिया है.
पुरस्कार समारोह में विजेताओं को शॉल और एक-एक लाख रुपये की राशि दी गई. कार्यकारी बोर्ड ने शनिवार को 24 भारतीय भाषाओं में साहित्य अकादमी अनुवाद पुरस्कार 2020 की घोषणा भी की.
विवेक शानभाग द्वारा लिखित और श्रीनाथ पेरूर द्वारा अनुवादित कन्नड़ उपन्यास 'गाचर गोचर' के अंग्रेजी अनुवाद और टी ई एस राघवन द्वारा किए गए तिरुवल्लुवर के 'थिरुक्कुरल' के हिंदी अनुवाद तथा 22 अन्य अनुवादों को पुरस्कार के लिए चुना गया है.
नेशनल एकेडमी ऑफ लेटर्स ने एक बयान में कहा, 'संबंधित उद्देश्य के लिए निर्धारित नियमों और प्रक्रिया के अनुसार संबंधित भाषाओं में तीन-तीन सदस्यों की चयन समितियों द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर पुस्तकों का चयन किया गया.'
पढ़ें- साहित्य अकादमी पुरस्कार 2020 के विजेताओं को किया गया सम्मानित
अनुवाद पुरस्कार में 50 हजार रुपये की राशि और तांबे की एक पट्टिका होती है जो इस साल के अंत में आयोजित होने वाले एक विशेष समारोह में इन पुस्तकों में से प्रत्येक के अनुवादकों को प्रदान की जाएगी.
(पीटीआई-भाषा)