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गजब है तेल का खेल : पेट्रोल-डीजल पर वैट के बहाने बीजेपी ने उल्टे विपक्ष को घेर लिया

कहावत है कि तेल देखो और तेल की धार देखो. इसका अर्थ हैं कि किसी काम का नतीजा देखना. पेट्रोल-डीजल की महंगाई में यह कहावत सटीक बैठती है. कुछ दिन पहले तक एक्साइज ड्यूटी को लेकर तेल के खेल में विपक्ष हावी था, अब बीजेपी वैट को लेकर हमलावर है.

vat rate on petrol diesel
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Published : Nov 8, 2021, 4:26 PM IST

हैदराबाद : तेल के खेल में बीजेपी ने ऐसी गुगली डाली, जिसमें विपक्ष उलझ गया. दिवाली से पहले तक विपक्ष मोदी सरकार पर पेट्रोल और डीजल की कीमतों को लेकर हमलावर थी, अब भारतीय जनता पार्टी गैर बीजेपी शासित राज्यों में वैट (VAT) में कमी करने के लिए प्रदर्शन कर रही है. कांग्रेस और अन्य दल डीजल-पेट्रोल की कीमतों पर हमलावर होने के बजाय वैट की लड़ाई में सफाई दे रहे हैं.

  • Mamata Banerjee, Kejriwal, Uddhav Thackrey, Ashok Gehlot, Baghel, Jagan Reddy, KCR, M K Stalin, Pinarayi Vijayan are some of the prominent opposition CMs who haven’t slashed VAT on petrol and diesel. People in their States continue to bear the brunt of high prices. Unacceptable.

    — Amit Malviya (@amitmalviya) November 8, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

तमाम विश्लेषणों के बाद भी लोगों में संदेश जा रहा था कि पेट्रोल और डीजल की कीमत केंद्र सरकार के भारी-भरकम टैक्स के कारण आसमान छू रही है. इसमें राज्यों की तरफ से वसूला जाने वाला वैट कहीं खो गया था. बीजेपी शासित राज्यों ने पेट्रोल और डीजल पर वैट कम कर लोगों का गुस्सा कम करने की कोशिश की, साथ ही गैर बीजेपी शासित राज्यों की सरकारों कठघरे में ले आई.

  • WB BJP leaders-workers take out protest rally in Kolkata against State Govt over VAT on petrol & diesel that have still not been reduced in state

    State BJP chief Sukanta Majumdar says, "We'll force CM Banerjee to reduce the VAT. Police might try to stop us but we'll fight them." pic.twitter.com/wYpgVxZiIv

    — ANI (@ANI) November 8, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ईंधन की कीमतों में वृद्धि को लेकर बहुत मुखर थीं, लेकिन जैसे ही दिवाली पर केंद्र सरकार ने उत्पाद शुल्क कम किया, टीएमसी चुप हो गई. राहुल गांधी भी खामोश हो गए. महाराष्ट्र सरकार में बैठी शिवसेना वैट कम करने के लिए मुआवजे की मांग करने लगे. यानी दो ही दिनों में बीजेपी ने एक चाल से पासा पलट दिया.

VAT के बहाने मैसेज देने में कामयाब रही बीजेपी : एक्साइज ड्यूटी में कमी के बाद बीजेपी और एनडीए शासित राज्यों ने वैट कम कर दिया. कांग्रेस और गैर बीजेपी शासित राज्यों ने वैट कम करने से मना कर दिया. इसके बाद राज्यों में लगने वाले वैट पर जिस तरह चर्चा हुई, उससे बीजेपी ने इस संदेश को साफ कर दिया कि राज्य सरकारें भी पेट्रोल-डीजल का रेट अपने स्तर से कम कर सकती है. साथ ही, पेट्रोल और डीजल ने सिर्फ केंद्र सरकार का नहीं बल्कि राज्यों का खजाना भरता है.

vat rate on petrol diesel
दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के विरोध में भाजपा नेता ने लगाए पोस्टर.

24 राज्यों ने की वैट की दर में कटौती : अभी तक 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने वैट दरों में कटौती की घोषणा की है, जिनमें बिहार, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, उड़ीसा, मध्यप्रदेश, पुडुचेरी, असम, सिक्किम, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नगालैंड, त्रिपुरा, गोवा, गुजरात, दादरा एवं नागर हवेली, दमन एवं दीव, चंडीगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड एवं लद्दाख शामिल हैं. कांग्रेस शासित राज्यों में सिर्फ पंजाब ने वैट कम किया है.

12 राज्य वैट में कमी न करने पर अड़े : अभी तक 12 राज्यों ने वैट में कमी नहीं की है, जिनमें कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के शासित राजस्थान, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, झारखंड और तमिलनाडु शामिल हैं. इसके अलावा पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, केरल और दिल्ली ने वैट की दर कम करने से इनकार कर दिया है.

vat rate on petrol diesel
पंजाब में राज्य सरकार ने पेट्रोल पर 5 रुपये और डीजल पर 10 रुपये की छूट दी है.

पंजाब में वैट कम, राजस्थान में क्यों नहीं : अगले साल पंजाब में चुनाव होने हैं. अभी पंजाब ही कांग्रेस शासित एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां पेट्रोल और डीजल से वैट कम किया गया है. दूसरी ओर, राजस्थान में पेट्रोल पर 36% और डीजल पर 26% वैट वसूला जा रहा है. वहां यूपी के मुकाबले पेट्रोल करीब 12 रुपये प्रति लीटर महंगा है. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, पड़ोसी राज्यों में फ्यूल की कम कीमत के कारण राजस्थान बॉर्डर के 270 पेट्रोल पंप बंद हो गए हैं. पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनीत बगई और महसचिव राजेंद्र सिंह भाटी ने आशंका जताई कि अगर राज्य सरकार वैट कम नहीं करेगी, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, अलवर, झुंझुनूं, भरतपुर जिलों के 3000 पेट्रोल पंप बंद होने के कगार पर पहुंच जाएंगे.

vat rate on petrol diesel
तेलंगाना में भाजपा कार्यकर्ताओं का वैट घटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन.

रेट कम नहीं करने का नुकसान : वैट राज्य सरकार वसूलती है. टैक्स का हिसाब-किताब खपत से जुड़ता है. अगर खपत बढ़ती है तो टैक्स का कलेक्शन भी बढ़ता है. मगर जिन राज्यों में पड़ोसी राज्यों डीजल-पेट्रोल सस्ता है, वहां के बॉर्डर वाले इलाकों में इसकी बिक्री पर सीधा प्रभाव पड़ना तय है. इसके अलावा लंबी दूरी से आने वाले वाहन भी सस्ता डीजल लेना चाहेंगे. यानी अगले कुछ दिनों में छत्तीसगढ़, राजस्थान, महाराष्ट्र में पेट्रोल से होने वाली इनकम में कमी आएगी. दक्षिण भारतीय राज्यों पर इसका फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि इनके आसपास छूट देने वाले राज्य नहीं है.

vat rate on petrol diesel
सांकेतिक तस्वीर

वैसे एक्साइड ड्य़ूटी में कमी के कारण केंद्र सरकार को 45000 रुपये की कमाई कम होगी. वैट कम करने के बाद राज्यों की आय पर भी बड़ा असर पड़ेगा. मगर कम से कम चुनाव के मौसम में जनता को इतनी राहत तो मिल जाएगी.

हैदराबाद : तेल के खेल में बीजेपी ने ऐसी गुगली डाली, जिसमें विपक्ष उलझ गया. दिवाली से पहले तक विपक्ष मोदी सरकार पर पेट्रोल और डीजल की कीमतों को लेकर हमलावर थी, अब भारतीय जनता पार्टी गैर बीजेपी शासित राज्यों में वैट (VAT) में कमी करने के लिए प्रदर्शन कर रही है. कांग्रेस और अन्य दल डीजल-पेट्रोल की कीमतों पर हमलावर होने के बजाय वैट की लड़ाई में सफाई दे रहे हैं.

  • Mamata Banerjee, Kejriwal, Uddhav Thackrey, Ashok Gehlot, Baghel, Jagan Reddy, KCR, M K Stalin, Pinarayi Vijayan are some of the prominent opposition CMs who haven’t slashed VAT on petrol and diesel. People in their States continue to bear the brunt of high prices. Unacceptable.

    — Amit Malviya (@amitmalviya) November 8, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

तमाम विश्लेषणों के बाद भी लोगों में संदेश जा रहा था कि पेट्रोल और डीजल की कीमत केंद्र सरकार के भारी-भरकम टैक्स के कारण आसमान छू रही है. इसमें राज्यों की तरफ से वसूला जाने वाला वैट कहीं खो गया था. बीजेपी शासित राज्यों ने पेट्रोल और डीजल पर वैट कम कर लोगों का गुस्सा कम करने की कोशिश की, साथ ही गैर बीजेपी शासित राज्यों की सरकारों कठघरे में ले आई.

  • WB BJP leaders-workers take out protest rally in Kolkata against State Govt over VAT on petrol & diesel that have still not been reduced in state

    State BJP chief Sukanta Majumdar says, "We'll force CM Banerjee to reduce the VAT. Police might try to stop us but we'll fight them." pic.twitter.com/wYpgVxZiIv

    — ANI (@ANI) November 8, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ईंधन की कीमतों में वृद्धि को लेकर बहुत मुखर थीं, लेकिन जैसे ही दिवाली पर केंद्र सरकार ने उत्पाद शुल्क कम किया, टीएमसी चुप हो गई. राहुल गांधी भी खामोश हो गए. महाराष्ट्र सरकार में बैठी शिवसेना वैट कम करने के लिए मुआवजे की मांग करने लगे. यानी दो ही दिनों में बीजेपी ने एक चाल से पासा पलट दिया.

VAT के बहाने मैसेज देने में कामयाब रही बीजेपी : एक्साइज ड्यूटी में कमी के बाद बीजेपी और एनडीए शासित राज्यों ने वैट कम कर दिया. कांग्रेस और गैर बीजेपी शासित राज्यों ने वैट कम करने से मना कर दिया. इसके बाद राज्यों में लगने वाले वैट पर जिस तरह चर्चा हुई, उससे बीजेपी ने इस संदेश को साफ कर दिया कि राज्य सरकारें भी पेट्रोल-डीजल का रेट अपने स्तर से कम कर सकती है. साथ ही, पेट्रोल और डीजल ने सिर्फ केंद्र सरकार का नहीं बल्कि राज्यों का खजाना भरता है.

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दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के विरोध में भाजपा नेता ने लगाए पोस्टर.

24 राज्यों ने की वैट की दर में कटौती : अभी तक 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने वैट दरों में कटौती की घोषणा की है, जिनमें बिहार, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, उड़ीसा, मध्यप्रदेश, पुडुचेरी, असम, सिक्किम, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नगालैंड, त्रिपुरा, गोवा, गुजरात, दादरा एवं नागर हवेली, दमन एवं दीव, चंडीगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड एवं लद्दाख शामिल हैं. कांग्रेस शासित राज्यों में सिर्फ पंजाब ने वैट कम किया है.

12 राज्य वैट में कमी न करने पर अड़े : अभी तक 12 राज्यों ने वैट में कमी नहीं की है, जिनमें कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के शासित राजस्थान, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, झारखंड और तमिलनाडु शामिल हैं. इसके अलावा पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, केरल और दिल्ली ने वैट की दर कम करने से इनकार कर दिया है.

vat rate on petrol diesel
पंजाब में राज्य सरकार ने पेट्रोल पर 5 रुपये और डीजल पर 10 रुपये की छूट दी है.

पंजाब में वैट कम, राजस्थान में क्यों नहीं : अगले साल पंजाब में चुनाव होने हैं. अभी पंजाब ही कांग्रेस शासित एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां पेट्रोल और डीजल से वैट कम किया गया है. दूसरी ओर, राजस्थान में पेट्रोल पर 36% और डीजल पर 26% वैट वसूला जा रहा है. वहां यूपी के मुकाबले पेट्रोल करीब 12 रुपये प्रति लीटर महंगा है. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, पड़ोसी राज्यों में फ्यूल की कम कीमत के कारण राजस्थान बॉर्डर के 270 पेट्रोल पंप बंद हो गए हैं. पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनीत बगई और महसचिव राजेंद्र सिंह भाटी ने आशंका जताई कि अगर राज्य सरकार वैट कम नहीं करेगी, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, अलवर, झुंझुनूं, भरतपुर जिलों के 3000 पेट्रोल पंप बंद होने के कगार पर पहुंच जाएंगे.

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तेलंगाना में भाजपा कार्यकर्ताओं का वैट घटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन.

रेट कम नहीं करने का नुकसान : वैट राज्य सरकार वसूलती है. टैक्स का हिसाब-किताब खपत से जुड़ता है. अगर खपत बढ़ती है तो टैक्स का कलेक्शन भी बढ़ता है. मगर जिन राज्यों में पड़ोसी राज्यों डीजल-पेट्रोल सस्ता है, वहां के बॉर्डर वाले इलाकों में इसकी बिक्री पर सीधा प्रभाव पड़ना तय है. इसके अलावा लंबी दूरी से आने वाले वाहन भी सस्ता डीजल लेना चाहेंगे. यानी अगले कुछ दिनों में छत्तीसगढ़, राजस्थान, महाराष्ट्र में पेट्रोल से होने वाली इनकम में कमी आएगी. दक्षिण भारतीय राज्यों पर इसका फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि इनके आसपास छूट देने वाले राज्य नहीं है.

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सांकेतिक तस्वीर

वैसे एक्साइड ड्य़ूटी में कमी के कारण केंद्र सरकार को 45000 रुपये की कमाई कम होगी. वैट कम करने के बाद राज्यों की आय पर भी बड़ा असर पड़ेगा. मगर कम से कम चुनाव के मौसम में जनता को इतनी राहत तो मिल जाएगी.

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