जम्मू : जम्मू-कश्मीर की जेलों में योग्य कैदियों का टीकाकरण प्रगति पर है और इसकी शुरुआत म्यांमार के करीब 200 अवैध प्रवासियों को हिरासत में रखने के लिए बनाए गए 'हिरासत केंद्र' से हुई है. यह जानकारी पुलिस महानिदेशक (कारागार) वी के सिंह ने शनिवार को दी.
उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश स्थित 13 कारागारों के 4,500 कैदियों में कोरोना वायरस से संक्रमण का एक भी मामला नहीं है, जो एक बड़ी उपलब्धि है. हालांकि, उन्होंने माना कि कोरोना वायरस की दूसरी प्राण घातक लहर के चलते कैदियों की उनके रिश्तेदारों से होने वाली आमने- सामने की मुलाकात स्थगित करनी पड़ी है.
सिंह ने बताया, 'केंद्र शासित प्रदेश की जेलों में कैद कैदियों के टीकाकरण की शुरुआत छह अप्रैल को कठुआ जिले के हीरानगर स्थित हिरासत केंद्र से हुई, जहां पर 58 कैदियों को टीके की खुराक दी गई. वहीं, श्रीनगर जेल में 16 अप्रैल को 38 कैदियों को और राजौरी जिला जेल के 16 अन्य कैदियों को 19 अप्रैल को कोविड-19 प्रतिरक्षण के लिए टीके की खुराक दी गई.'
उल्लेखनीय है कि इस समय 74 महिलाओं और 35 बच्चों सहित 201 रोहिंग्या को हिरासत केंद्र में रखा गया है. इन्हें मार्च में शुरू हुए विशेष सत्यापन अभियान के दौरान गैर कानूनी तरीके से जम्मू में रहते हुए पाया गया.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, रोहिंग्या और बांग्लादेशी सहित 13,700 लोग केंद्र शासित प्रदेश के जम्मू और सांबा जिले में बसे और वर्ष 2008 से 2016 के बीच इनकी संख्या 6,000 के करीब बढ़ी.
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डीजीपी कारागार ने बताया, 'टीकाकरण अभियान प्रगति पर है और टीके की और खुराक आने पर इसमें और तेजी आएगी.'