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उज्बेकिस्तान: कफ सिरप पीने से 18 बच्चों की मौत, कांग्रेस ने साधा निशाना - cough syrup deaths in uzbekistan

मध्‍य एशियाई देश उज्बेकिस्तान (Uzbekistan) में एक कफ सिरप से 18 बच्चों की जान चली गई. उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा है कि यह भारतीय फार्मास्युटिकल कंपनी का कफ सिरप (Dok-1 Max syrup) था.

uzbekistan cough syrup incident
उज्बेकिस्तान: कफ सिरप पीने से 18 बच्चों की मौत, कांग्रेस ने साधा निशाना
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Published : Dec 29, 2022, 10:58 AM IST

Updated : Dec 29, 2022, 11:46 AM IST

ताशकंद (उज्बेकिस्तान) : उज्बेकिस्तान में कथित तौर पर भारतीय दवा कंपनी का कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत का मामला सामने आया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उज्बेकिस्तान की सरकार ने 18 बच्चों की मौत के लिए भारत की एक दवा कंपनी को जिम्मेदार ठहराया है. उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा है कि भारतीय दवा कंपनी द्वारा निर्मित कफ सिरप का सेवन करने से 18 बच्चों की मौत हुई है.

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि फार्मास्यूटिकल कंपनी मैरियन बायोटेक द्वारा निर्मित Dok-1 Max सिरप के पीने से बच्चों की मौत हुई है. यह दवा कंपनी ने वर्ष 2012 में उज्बेकिस्तान के बाजार में कदम रखा था. सूत्रों के मुताबिक, इस कंपनी द्वारा निर्मित Dok-1 Max सिरप वर्तमान में भारतीय बाजार में नहीं बेचा जा रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि वह उज्बेकिस्तान में कफ सिरप के सेवन से 18 बच्चों की मौत मामले में आगे की जांच में सहायता करने के लिए तैयार है.

  • We regret deaths, govt is conducting enquiry. We'll take action as per report. Samples were collected. Manufacturing of that product has been halted as of now & other processes are underway: Hasan Raza, Marion Biotech Pharma Company legal head on syrup deaths in Uzbekistan pic.twitter.com/UyOslJV7E2

    — ANI (@ANI) December 29, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मैरियन बायोटेक फार्मा कंपनी उज्बेकिस्तान में सिरप से होने वाली मौतों पर कानूनी प्रमुख हसन रजा ने कहा कि मौतों पर हमें खेद है, सरकार जांच करा रही है. रिपोर्ट के मुताबिक हम कार्रवाई करेंगे. नमूने एकत्र कर लिये गये हैं और उत्पाद का निर्माण फिलहाल रोक दिया गया है और अन्य प्रक्रियाएं चल रही हैं.

पढ़ें: केरल: पीएफआई के 56 से अधिक ठिकानों पर NIA की रेड

स्वास्थ्य निगरानी निकाय डब्ल्यूएचओ का कहना है कि वह उज्बेकिस्तान में स्वास्थ्य अधिकारियों के संपर्क में है. इससे पहले, अक्तूबर में अफ्रीकी देश गाम्बिया में भारत में निर्मित कफ सिरप से 60 से अधिक बच्चों की मौत का मामला सामने आया था. इसके बाद केंद्र सरकार ने मामले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया था, लेकिन अभी तक भारतीय कंपनी के कफ सिरप से बच्चों की मौत की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.

गाम्बिया में कथित तौर पर भारत में निर्मित कफ सिरप से बच्चों की मौत पर सरकार ने संसद में जानकारी दी थी कि मेडेन फार्मास्यूटिकल्स की खांसी की दवाई के नमूने मानक गुणवत्ता वाले पाए गए हैं. रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री भगवंत खुबा ने 13 दिसंबर को राज्यसभा में एक लिखित जवाब में बताया कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने राज्य औषधि नियंत्रक के सहयोग से सोनीपत में मेडेन फार्मास्यूटिकल्स की एक संयुक्त जांच की थी.

पढ़ें: नई ट्विटर नीति में विज्ञान का पालन तो होगा ही, उसपर सवाल करने की छूट भी होगी: एलन मस्क

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अक्तूबर की शुरुआत में इसे लेकर रिपोर्ट जारी की थी. जिसमें कहा गया था कि खांसी की दवा डाइथेलेन ग्लाइकोल और इथिलेन ग्लाइकोल इंसान के लिए जहर की तरह हैं. डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अधनोम घेब्रेयेसुस ने कहा था कि बच्चों की मौत का संबंध चार दवाओं से है. इन सिरप के सेवन से उनके गुर्दों को क्षति पहुंची. ये चारों दवाएं हरियाणा की एक ही कंपनी मेडेन फार्मास्यूटिकल्स की हैं.

WHO की रिपोर्ट आने के बाद गाम्बिया ने मेडेन फार्मास्यूटिकल के उत्पादों पर बैन लगा दिया गया था. WHO ने सभी देशों को इन दवाओं को बाजार से हटाने की चेतावनी दी थी. खुद भी इन देशों और संबंधित क्षेत्र की आपूर्ति शृंखला पर नजर रखने की बात कही थी. WHO की चेतावनी के बाद केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने जांच के आदेश जारी कर दिए.

पढ़ें: जम्मू कश्मीर : लोहिया हत्या मामले में पुलिस ने आरोपपत्र दाखिल किया

भारत में भी राजनीति तेज : इसे लेकर भारत में भी राजनीति तेज हो गई है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी मेड इन इंडिया कफ सिरप को जानलेवा बताया है. जमराम रमेश ने ट्वीट कर कहा कि मेड इन इंडिया कफ सिरप जानलेवा लगता है. पहले गांबिया में 70 बच्चों की मौत हुई थी और अब उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत हुई है. उन्होंने केंद्र पर तंज कसते हुए कहा कि मोदी सरकार को भारत के बारे में शेखी मारना बंद करना चाहिए और सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.

पढ़ें: एक महीने में दूसरी बार Twitter हुआ डाउन, यूजर्स को लॉगिन करने में हुई परेशानी

ताशकंद (उज्बेकिस्तान) : उज्बेकिस्तान में कथित तौर पर भारतीय दवा कंपनी का कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत का मामला सामने आया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उज्बेकिस्तान की सरकार ने 18 बच्चों की मौत के लिए भारत की एक दवा कंपनी को जिम्मेदार ठहराया है. उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा है कि भारतीय दवा कंपनी द्वारा निर्मित कफ सिरप का सेवन करने से 18 बच्चों की मौत हुई है.

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि फार्मास्यूटिकल कंपनी मैरियन बायोटेक द्वारा निर्मित Dok-1 Max सिरप के पीने से बच्चों की मौत हुई है. यह दवा कंपनी ने वर्ष 2012 में उज्बेकिस्तान के बाजार में कदम रखा था. सूत्रों के मुताबिक, इस कंपनी द्वारा निर्मित Dok-1 Max सिरप वर्तमान में भारतीय बाजार में नहीं बेचा जा रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि वह उज्बेकिस्तान में कफ सिरप के सेवन से 18 बच्चों की मौत मामले में आगे की जांच में सहायता करने के लिए तैयार है.

  • We regret deaths, govt is conducting enquiry. We'll take action as per report. Samples were collected. Manufacturing of that product has been halted as of now & other processes are underway: Hasan Raza, Marion Biotech Pharma Company legal head on syrup deaths in Uzbekistan pic.twitter.com/UyOslJV7E2

    — ANI (@ANI) December 29, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मैरियन बायोटेक फार्मा कंपनी उज्बेकिस्तान में सिरप से होने वाली मौतों पर कानूनी प्रमुख हसन रजा ने कहा कि मौतों पर हमें खेद है, सरकार जांच करा रही है. रिपोर्ट के मुताबिक हम कार्रवाई करेंगे. नमूने एकत्र कर लिये गये हैं और उत्पाद का निर्माण फिलहाल रोक दिया गया है और अन्य प्रक्रियाएं चल रही हैं.

पढ़ें: केरल: पीएफआई के 56 से अधिक ठिकानों पर NIA की रेड

स्वास्थ्य निगरानी निकाय डब्ल्यूएचओ का कहना है कि वह उज्बेकिस्तान में स्वास्थ्य अधिकारियों के संपर्क में है. इससे पहले, अक्तूबर में अफ्रीकी देश गाम्बिया में भारत में निर्मित कफ सिरप से 60 से अधिक बच्चों की मौत का मामला सामने आया था. इसके बाद केंद्र सरकार ने मामले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया था, लेकिन अभी तक भारतीय कंपनी के कफ सिरप से बच्चों की मौत की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.

गाम्बिया में कथित तौर पर भारत में निर्मित कफ सिरप से बच्चों की मौत पर सरकार ने संसद में जानकारी दी थी कि मेडेन फार्मास्यूटिकल्स की खांसी की दवाई के नमूने मानक गुणवत्ता वाले पाए गए हैं. रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री भगवंत खुबा ने 13 दिसंबर को राज्यसभा में एक लिखित जवाब में बताया कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने राज्य औषधि नियंत्रक के सहयोग से सोनीपत में मेडेन फार्मास्यूटिकल्स की एक संयुक्त जांच की थी.

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विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अक्तूबर की शुरुआत में इसे लेकर रिपोर्ट जारी की थी. जिसमें कहा गया था कि खांसी की दवा डाइथेलेन ग्लाइकोल और इथिलेन ग्लाइकोल इंसान के लिए जहर की तरह हैं. डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अधनोम घेब्रेयेसुस ने कहा था कि बच्चों की मौत का संबंध चार दवाओं से है. इन सिरप के सेवन से उनके गुर्दों को क्षति पहुंची. ये चारों दवाएं हरियाणा की एक ही कंपनी मेडेन फार्मास्यूटिकल्स की हैं.

WHO की रिपोर्ट आने के बाद गाम्बिया ने मेडेन फार्मास्यूटिकल के उत्पादों पर बैन लगा दिया गया था. WHO ने सभी देशों को इन दवाओं को बाजार से हटाने की चेतावनी दी थी. खुद भी इन देशों और संबंधित क्षेत्र की आपूर्ति शृंखला पर नजर रखने की बात कही थी. WHO की चेतावनी के बाद केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने जांच के आदेश जारी कर दिए.

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भारत में भी राजनीति तेज : इसे लेकर भारत में भी राजनीति तेज हो गई है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी मेड इन इंडिया कफ सिरप को जानलेवा बताया है. जमराम रमेश ने ट्वीट कर कहा कि मेड इन इंडिया कफ सिरप जानलेवा लगता है. पहले गांबिया में 70 बच्चों की मौत हुई थी और अब उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत हुई है. उन्होंने केंद्र पर तंज कसते हुए कहा कि मोदी सरकार को भारत के बारे में शेखी मारना बंद करना चाहिए और सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.

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Last Updated : Dec 29, 2022, 11:46 AM IST
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