देहरादून (उत्तराखंड): पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में जातीय हिंसा की वजह से माहौल तनावपूर्ण है. पूरा विवाद मणिपुर में मेइती, कुकी और नागा समुदाय में जातीय विवाद को लेकर है. यहां बहुसंख्यक मेइती समुदाय के बीच अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग को लेकर हिंसक झड़प हुई. इस विवाद के चलते कई लोग जान गंवा चुके हैं तो कई लोगों घर छोड़ना पड़ा है. इसी सुलगते मणिपुर को शांत करने के लिए बीते रोज नया चीफ सेक्रेट्री बनाया गया. जिसकी जिम्मेदारी उत्तराखंड के विनीत जोशी दी गई है. ऐसे में आपको विनीत जोशी के बारे में अहम जानकारी से रूबरू कराते हैं.
गौर हो कि उत्तराखंड के कई लोग देश के शीर्ष और अहम पदों पर आसीन हो चुके हैं. जिसमें दिवगंत जनरल बिपिन रावत भी थे. जो देश के पहले सीडीएस यानी चीफ ऑफ डिफेंस थे. इसके बाद उत्तराखंड के ही लेफ्टिनेंट जनरल (रि) अनिल चौहान को चीफ ऑफ डिफेंस बनाया गया है. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल हों या अनिल धस्माना. देश की रक्षा एजेंसियों में टॉप पदों को संभाल चुके हैं. जिसमें अनिल धस्माना रॉ चीफ की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. इस बार भी उत्तराखंड के बेटे को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है.
उत्तराखंड के विनीत जोशी को मणिपुर सरकार ने बीते रोज अपना नया चीफ सेक्रेट्री यानी मुख्य सचिव नियुक्त किया है. विनीत जोशी इससे पहले मणिपुर में ही चीफ विजिलेंस ऑफिसर और प्रिंसिपल रेजिडेंट कमिश्नर के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे थे. आईएएस अधिकारी विनीत जोशी उत्तराखंड के नैनीताल के रहने वाले हैं. आज भी उनका एक मकान नैनीताल के कोटाबाग में है, जो फिलहाल किराए पर दिया हुआ है. इससे पहले जब वे सीबीएसई के चैयरमेन थे, तब वो एक सेमिनार में हिस्सा लेने के लिए आए थे. तब उन्होंने मंच से ये बताया था कि वो नैनीताल के कोटाबाग के रहने वाले हैं, लेकिन उनका परिवार प्रयागराज में बस गया है.
नैनीताल जिले के कोटाबाग के पास पांडे गांव में उनका पैतृक आवास है. कुमाऊं से ताल्लुक रखने वाले विनीत जोशी इससे पहले कई बड़े पदों पर रह चुके हैं. साल 2020 में उन्हें सीबीएसई का चेयरमैन भी नियुक्त किया गया था. इसके बाद मणिपुर सरकार में उन्हें अहम पदों पर जिम्मेदारी दी गई थी. विनीत जोशी 1992 बैच के आईएएस अफसर हैं. हालांकि, उनका जन्म उत्तर प्रदेश में हुआ था. उनकी पढ़ाई आईआईटी कानपुर और आईआईएफटी से हुई है. इसके साथ ही वे भारत सरकार में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं.
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मणिपुर में हालात बिगड़ने के बाद उनके अनुभव को देखते हुए राज्य सरकार ने उन्हें यह बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. बीती 6 मई को कैबिनेट ने उनकी नियुक्ति को हरी झंडी दे दी थी. जिसके बाद मणिपुर सरकार की ओर से उन्हें मूल कैडर में वापस आने की मंजूरी भी मिल गई थी. विनीत जोशी को अनुभवी अधिकारी माना जाता है. मणिपुर में उनकी नियुक्ति भी तत्काल राज्य सरकार ने की. ताकि हालातों पर जल्द से जल्द काबू पाया जा सके.
विनीत जोशी साल 1999 में युवा मामले और खेल मंत्रालय के निजी सचिव रह चुके हैं. इसके साथ ही साल 2000 और साल 2001 तक मिनिस्ट्री ऑफ फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में उन्हें सचिव की जिम्मेदारी दी थी. उत्तराखंड में उनके कुछ सगे संबंधी अभी भी रहते हैं, लेकिन उनका फिलहाल उत्तराखंड ज्यादा आना नहीं होता है. बता दें कि मौजूदा समय में उत्तराखंड के कई होनहार बेटे भारत सरकार के महत्वपूर्ण मंत्रालयों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.
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