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Marriage in Joshimath: मकान पर लाल निशान ने तोड़े जोशीमठ की ज्योति के सपने, शादी पर दरारों का ग्रहण

जोशीमठ की आपदा ने न सिर्फ लोगों को बेघर किया है, बल्कि जिन घरों में शादी ब्याह की तैयारी चल रही थी उनकी खुशियों पर भी ग्रहण लगा दिया है. एक ओर सरकारी मुलाजिम असुरक्षित घोषित हो चुके मकानों पर लाल क्रॉस का निशान लगा रहे हैं. दूसरी तरफ किसी दुल्हन के अरमानों का दम घुट रहा है.

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Published : Jan 13, 2023, 9:48 AM IST

शादी पर दरारों का ग्रहण

जोशीमठ: भू धंसाव (Joshimath Siniking) से अपने अस्तित्व के लिए जूझ रहे जोशीमठ में कई खुशियां दफन होने जा रही हैं. जोशीमठ संकट के कारण घर खाली करने की बात कहने पर आगामी विवाह समारोह में शामिल परिवार पर भी संकट आ गया है. दुल्हन और उसकी मां की बातें सुनकर किसी का भी गला भर आएगा.

मार्च में है ज्योति की शादी: मायके से 'विदाई' पाना हर लड़की का सपना होता है. ये कहना है कि मार्च में जिस युवती की शादी तय हुई उसका. ज्योति नाम की इस युवती ने रुंधे हुए गले से कहा कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए, मुझे नहीं लगता कि मेरी 'डोली' मेरे घर से जाएगी. ज्योति का कहना है कि उनके घर में विवाह की तैयारी चल रही थी. वो लोग देहरादून में थे. शादी के लिए जरूरी सामान की खरीदारी चल रही थी. ढेर सारा सामान खरीदकर घर में रख दिया गया था. अब उन्हें नहीं लगता है कि उनकी डोली उनके पैतृक घर जोशीमठ से उठ पाएगी.

नेताओं अफसरों से नाराज हैं ज्योति की मां: वहीं ज्योति की मां भी जोशीमठ भू धंसाव से बहुत दुखी हैं. उन्होंने कहा कि मेरी बेटी की शादी मार्च में है. लेकिन उन्होंने (प्रशासन) हमारे घर की दीवारों पर क्रॉस (red sign on Joshimath house) का निशान लगा दिया है. अब हमें नहीं पता कि क्या करें और कहां जाएं. शादी के लिए खरीदा सामान कहां रखेंगे? मैं अपनी बेटी की शादी यहीं से करना चाहती थी. भगवान जाने अब क्या होगा.

जोशीमठ में अभी क्या स्थिति है: जोशीमठ में हो रहे भू धंसाव के मद्देनजर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण चमोली द्वारा जारी दैनिक रिपोर्ट के अनुसार जोशीमठ नगर क्षेत्र के 9 वार्ड में 760 प्रभावित भवनों को अभी तक चिन्हित किया गया है. जिसमे से 128 भवनों को असुरक्षित जोन के अंतर्गत रखा गया है. सुरक्षा की दृष्टि से जिला प्रशासन द्वारा अब तक 169 परिवारों के 589 व्यक्तियों को विभिन्न ठिकानों पर अस्थायी रूप से विस्थापित किया गया है.

जिला प्रशासन ने अस्थायी राहत शिविरों के रूप में 51 भवनों के 344 कक्षों का चिह्नीकरण कर लिया है. इसमें 1425 व्यक्तियों को ठहराया जा सकता है. वहीं नगर पालिका के बाहर पीपलकोटी में अस्थायी राहत शिविरों के रूप में 20 भवनों के 491 कमरों को चयनित किया गया है. इनमें कुल 2205 लोगों को ठहराया जा सकेगा.
ये भी पढ़ें: Joshimath Siniking: उत्तराखंड के वित्त मंत्रालय ने जारी किए ₹45 करोड़, जल्द विस्थापित होंगे प्रभावित

राहत कार्यों के तहत जिला प्रशासन द्वारा अब तक 73 परिवारों को 5 हजार रुपये की दर से कुल 3 लाख 65 हजार रुपये की धनराशि आवश्यक दैनिक घरेलू सामग्री क्रय करने हेतु वितरित की जा चुकी है. पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त 10 भवन स्वामियों को 1 लाख 30 हजार रुपये की दर से कुल 13 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जा चुकी है. इसके अलावा मकान किराया, विशेष पुनर्वास पैकेज व समान ढुलाई हेतु कुल 87 व्यक्तियों को विभिन्न रूप से आर्थिक सहायता दी गई है.

शादी पर दरारों का ग्रहण

जोशीमठ: भू धंसाव (Joshimath Siniking) से अपने अस्तित्व के लिए जूझ रहे जोशीमठ में कई खुशियां दफन होने जा रही हैं. जोशीमठ संकट के कारण घर खाली करने की बात कहने पर आगामी विवाह समारोह में शामिल परिवार पर भी संकट आ गया है. दुल्हन और उसकी मां की बातें सुनकर किसी का भी गला भर आएगा.

मार्च में है ज्योति की शादी: मायके से 'विदाई' पाना हर लड़की का सपना होता है. ये कहना है कि मार्च में जिस युवती की शादी तय हुई उसका. ज्योति नाम की इस युवती ने रुंधे हुए गले से कहा कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए, मुझे नहीं लगता कि मेरी 'डोली' मेरे घर से जाएगी. ज्योति का कहना है कि उनके घर में विवाह की तैयारी चल रही थी. वो लोग देहरादून में थे. शादी के लिए जरूरी सामान की खरीदारी चल रही थी. ढेर सारा सामान खरीदकर घर में रख दिया गया था. अब उन्हें नहीं लगता है कि उनकी डोली उनके पैतृक घर जोशीमठ से उठ पाएगी.

नेताओं अफसरों से नाराज हैं ज्योति की मां: वहीं ज्योति की मां भी जोशीमठ भू धंसाव से बहुत दुखी हैं. उन्होंने कहा कि मेरी बेटी की शादी मार्च में है. लेकिन उन्होंने (प्रशासन) हमारे घर की दीवारों पर क्रॉस (red sign on Joshimath house) का निशान लगा दिया है. अब हमें नहीं पता कि क्या करें और कहां जाएं. शादी के लिए खरीदा सामान कहां रखेंगे? मैं अपनी बेटी की शादी यहीं से करना चाहती थी. भगवान जाने अब क्या होगा.

जोशीमठ में अभी क्या स्थिति है: जोशीमठ में हो रहे भू धंसाव के मद्देनजर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण चमोली द्वारा जारी दैनिक रिपोर्ट के अनुसार जोशीमठ नगर क्षेत्र के 9 वार्ड में 760 प्रभावित भवनों को अभी तक चिन्हित किया गया है. जिसमे से 128 भवनों को असुरक्षित जोन के अंतर्गत रखा गया है. सुरक्षा की दृष्टि से जिला प्रशासन द्वारा अब तक 169 परिवारों के 589 व्यक्तियों को विभिन्न ठिकानों पर अस्थायी रूप से विस्थापित किया गया है.

जिला प्रशासन ने अस्थायी राहत शिविरों के रूप में 51 भवनों के 344 कक्षों का चिह्नीकरण कर लिया है. इसमें 1425 व्यक्तियों को ठहराया जा सकता है. वहीं नगर पालिका के बाहर पीपलकोटी में अस्थायी राहत शिविरों के रूप में 20 भवनों के 491 कमरों को चयनित किया गया है. इनमें कुल 2205 लोगों को ठहराया जा सकेगा.
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राहत कार्यों के तहत जिला प्रशासन द्वारा अब तक 73 परिवारों को 5 हजार रुपये की दर से कुल 3 लाख 65 हजार रुपये की धनराशि आवश्यक दैनिक घरेलू सामग्री क्रय करने हेतु वितरित की जा चुकी है. पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त 10 भवन स्वामियों को 1 लाख 30 हजार रुपये की दर से कुल 13 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जा चुकी है. इसके अलावा मकान किराया, विशेष पुनर्वास पैकेज व समान ढुलाई हेतु कुल 87 व्यक्तियों को विभिन्न रूप से आर्थिक सहायता दी गई है.

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