देहरादून : राज्य सरकार ने चरणबद्ध तरीके से चारधाम की यात्रा शुरू करने के अपने निर्णय को वापस ले लिया है. राज्य सरकार ने ये तय किया है कि अब 16 जून के बाद चारधाम की यात्रा शुरू करने पर निर्णय लिया जाएगा. इसकी जानकारी शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने दी.
हाई कोर्ट में सुनवाई के बाद होगा फैसला
बता दें कि चारधाम यात्रा को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट में 16 जून को सुनवाई हाेने वाली है. जिसके बाद ही राज्य सरकार चारधाम यात्रा शुरू करने पर विचार करेगी. बीते दिन यानी 14 जून को शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने 3 जिलों के लोगों के लिए चारधाम यात्रा शुरू करने की बात कही थी.
14 जून को जारी हुई थी SOP
दरअसल, 14 जून की शाम को कोरोना कर्फ्यू को बढ़ाने की SOP जारी की गई. जिसमें चारधाम यात्रा संचालित किये जाने को लेकर कोई जिक्र नहीं है. जिसके बाद मंत्रियों ने इस बाबत अधिकारियों से जानकारी ली तो पता चला कि 16 जून को नैनीताल हाईकोर्ट में चारधाम यात्रा और कोरोना संक्रमण को लेकर सुनवाई होनी है. जिस वजह से इस SOP में चारधाम यात्रा शुरू करने का जिक्र नहीं किया गया.
कब खुले कपाट
- यमुनोत्री धाम के कपाट 14 मई
- गंगोत्री धाम के कपाट 15 मई
- केदारनाथ धाम के कपाट 17 मई
- बदरीनाथ धाम के कपाट 18 मई
बता दें कि, यमुनोत्री धाम के कपाट 14 मई, गंगोत्री धाम के कपाट 15 मई, केदारनाथ धाम के कपाट 17 मई और बदरीनाथ धाम के कपाट 18 मई को खोल दिए गए थे. लेकिन, कोरोना संक्रमण के चलते सरकार ने श्रद्धालुओं को यात्रा करने की अनुमति नहीं दी है. ऐसे में उम्मीद है कि 16 जून के बाद सरकार चारधाम यात्रा को चरणबद्ध तरीके से संचालित करने का निर्णय लेगी.
इन जिलों के लोगों को दी थी छूट
इससे पहले उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और चमोली जिले के लोगों को चारधाम यात्रा पर जाने की छूट दी गई थी. उत्तरकाशी में दो धाम पड़ते हैं. गंगोत्री और यमुनोत्री. रुद्रप्रयाग में केदारनाथ धाम पड़ता है.
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चमोली में मोक्षधाम बदरीनाथ पड़ता है. पहले कहा गया था कि 15 जून से इन तीन जिलों के निवासी RT-PCR निगेटिव टेस्ट रिपोर्ट के साथ चारधाम यात्रा कर सकेंगे.